महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के सांस्कृतिक केंद्र एवं विश्व संवाद केंद्र ब्रज प्रांत के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित द्विदिवसीय द्वितीय ब्रज फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन भी फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें नैतिक शिक्षा, रोजगार सृजन, पर्यावरण, बाल चलचित्र ,पौराणिक स्थान एवं संस्कृति विषयों से संबंधित 17
फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इन फिल्मों के स्क्रीनिंग के समय विश्वविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं द्वारा बड़ी संख्या में प्रतिभा किया गया। छात्रों ने फिल्मों के माध्यम से समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने की इन फिल्मों की चेष्टा को साराहा। इन फिल्मों में पीलीभीत से मन का रेडियो, मथुरा से रैप्चर
2, शाहजहांपुर की डू यू नो, बरेली की नई सुबह , मेरा गांव मेरा तीर्थ और हैप्पी दशहरा , आदितीर्थ सोरों आदि सामाजिक और शैक्षिक विषयों पर आधारित फिल्मों का प्रदर्शन किया गया । फिल्मों का मूल्यांकन निर्णायक मंडल द्वारा किया गया तथा पुरस्कार वितरित किए। प्रोफेशनल श्रेणी की फिल्मों में प्रथम स्थान अजय सक्सेना द्वारा निर्देशित अधूरी कहानी को, द्वितीय इना मिश्रा कुलश्रेष्ठ द्वारा निर्देशित अगस्त्या और तीसरा अक्षत पांडे व कोमल ठाकुर द्वारा निर्देशित फर्क और अनिल जैन द्वारा निर्देशित गुल्लक द बिगिनिंग को संयुक्त रूप में मिला। इसी श्रृंखला में डॉक्यूमेंट्री फिल्म में सोमरस को पहला पुरस्कार मिला जिसका निर्देशन फाल्गुनी त्रिपाठी ने किया था और द्वितीय पुरस्कार निर्माण फाऊंडेशन की मेरी गली मेरा स्वाभिमान को मिला और तीसरा भागीरथ वन ज्ञानेश शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म को मिला। शॉर्ट फिल्म की श्रेणी में पहला पुरस्कार हरिओम जी द्वारा निर्देशित हैप्पी दशहरा को , दूसरा पुरस्कार अजय सक्सेना द्वारा निर्देशित पीहू और तीसरा पुरस्कार मेघा शर्मा द्वारा निर्देशित रैप्चर 2 और राकेश मधुसूदन द्वारा निर्देशित ज्योति शिक्षा का हक को मिला।
समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अरुण कुमार, माननीय राज्य मंत्री वन एवं पर्यावरण, उत्तर प्रदेश सरकार, विशिष्ट अतिथि श्री अतुल गंगवार, सचिव भारतीय चित्र साधना, विशिष्ट अतिथि श्री पदम सिंह, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा कार्यक्रम अध्यक्ष श्री रविंद्र रायजादा,अपर महाधिवक्ता ,उत्तर प्रदेश सरकार रहे। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि श्री अरुण कुमार जी ने द्वितीय बज फिल्म फेस्टिवल के इस भव्य आयोजन को बरेली के सांस्कृतिक विकास के परिप्रेक्ष्य में अत्यंत सराहनीय कदम बताया । नए कलाकारों द्वारा बनाई गई फिल्मे जन जन तक पहुंचे और सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूकता विकसित करेंगी।
इस अवसर पर श्री अतुल गंगवार जी ने भारतीय कला एवं संस्कृति के प्रचार एवं प्रसार हेतु इस प्रकार की फिल्म फेस्टिवल्स आयोजित किए जाने को अत्यंत प्रशासन प्रशंसनीय कार्य बताया। विशिष्ट अतिथि श्री पदम सिंह द्वारा कहा गया कि यह लीक से हटकर कार्य है। समाज को सकारात्मकता का संदेश दे रहा है। कार्यक्रम अध्यक्ष श्री रविंद्र रायजादा द्वारा अजीत मंडल कहा गया कि भागीदारी जरूरी है , सदैव जीतना नहीं। इस अवसर पर डॉ. ज्योति पाण्डेय, समन्वयक, सांस्कृतिक केंद्र, श्री कीर्ति कुमार, श्री आलोक प्रकाश,श्री मयंक ,श्री धर्मेंद्र, डॉ. विमल कुमार, श्री यशवंत , श्री राघवेंद्र, श्री बाला जी , श्री विनय कृष्णन ,श्री कमलेश, डॉ.तूलिका , डॉ.त्रिलोचन शर्मा, डॉ.सौरभ वर्मा,श्री तपन वर्मा, विश्वविद्यालय परिसर के शिक्षक, कर्मचारीगण ,विद्यार्थी काजल ,पलक आदि उपस्थित रहे