हिंदुओं ने अपना एक मंदिर वापस मांग लिया, अपने आराध्य श्री राम का

भारत के वीर जागो देश को धर्म का ज्ञान रखो और जानो

Feb 6, 2024 - 22:08
Feb 8, 2024 - 16:15
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हिंदुओं ने अपना एक मंदिर वापस मांग लिया, अपने आराध्य श्री राम का

RSS की स्थापना भारत की आजादी से पहले 1925 में हुई। देश मे हिन्दू तब भी थे, लेकिन वो RSS के साथ नहीं, महात्मा गाँधी के साथ चले। इस साथ के बदले गाँधी ने हिंदुओं की जमीन काट कर मुसलमानों को दे दी, वो जमीन जो हज़ारो साल से हिंदुओं की थी। क्षणिक आवेश के बाद शांत हुआ देश का हिन्दू तब भी गोडसे के साथ नही गया, नेहरू के साथ गया।

चार दशक बाद,1986 में भाजपा बनी लेकिन देश का हिन्दू तब भी भाजपा के साथ नही था, इंदिरा के साथ था, राजीव के साथ था। तब संसद भवन में रोजा होता था, हिन्दू ने कोई ऐतराज नहीं किया, हिन्दू तो अपने घर मे माता को चूनर चढा कर खुश था। हज के लिए सब्सिडी दी जा रही थी, हिन्दू तब अमरनाथ वैष्णो देवी की यात्रा में आतंकियों की गोली खा कर भी खुश था।

ट्रेनों में, पार्कों में, बसों में, सड़को को घेर कर नमाज होती थी, बेचारा हिन्दू खुद को बचा के कच्ची पगडंडी से घर-ऑफिस निकल जाता था। पूरे देश मे वक्फ की आड़ में अनगिनत मस्जिदें बन रही थी, हिन्दू को कोई ऐतराज नही था, वो तो तब अस्पताल मांग रहा था। जगह जगह मज़ारें बना कर जमीन कब्जाई जा रही थी, हिन्दू उन्हीं मज़ारों पर माथा टेककर अपने बच्चों के लिए स्कूल मांग रहा था।

फिर एक दिन हिंदुओं ने अपना एक मंदिर वापस मांग लिया, अपने आराध्य श्री राम का। लेकिन कुछ लोग रावण की तरह अभिमान में डूबे थे। रावण ने कहा था सीता वापस नहीं करूँगा, ये राम और इसकी वानर सेना क्या ही कर लेगी। कलयुग के रावणों को भी लगा, मन्दिर वापस नहीं करेंगे, ये काल्पनिक राम और इसकी वानर सेना क्या ही कर लेगी।* *बाबर न तो अयोध्या में पैदा हुआ था और न अयोध्या में मरा था, उसके नाम से मस्ज़िद देश मे कहीं भी बन सकती थी। देश मे हज़ारो लाखों मस्जिदों के बनने पर भी हिन्दू को ऐतराज नही था। उसे चाहिए था तो बस एक मंदिर, लेकिन उसे मिला क्या? माथे पर लगाने के लिए रामभक्तों के रक्त से सनी अयोध्या की मिट्टी, अर्चन के लिए खून से लाल सरयू का जल, अर्पण के लिए ट्रेन की बोगी में जली हुई रामभक्तों की लाशें।

अभी तक स्कूल अस्पताल नौकरी के सपनों में खोया बहुसंख्यक हिन्दू जिद पर अड़ गया। उसका स्वाभिमान जाग गया।वो उठ खड़ा हुआ, एकजुट हुआ और अपने ही देश मे दोयम दर्जे का नागरिक बने रहने का अभिशाप एक झटके में उखाड़ फेंका। बात सिर्फ एक मंदिर की थी, आज वो अपना हर मन्दिर वापस लेने की जिद पकड़ बैठा है। हिंदुओं ने वो कर दिखाया है, जो संसार की कोई भी सभ्यता नहीं कर पाई।

न यहूदी अपने धार्मिक स्थल वापस ले पाए, न ईसाई और न पारसी। और ना ही मुसलमान यहूदियों या ईसाइयों से अपने धार्मिक स्थल वापस ले पाए लेकिन हिंदुओं ने इनके जबड़े में हाथ डाल कर अपने आराध्य का घर वापस ले लिया। ये मदमस्त वानरों की टोली है। इनके रास्ते मे मत आओ, भले ही आप राजनीति के सर्वोच्च पद पर हो या धर्म के। ये राम की वानर सेना है, जो लड़ना भी जानती है और अब जीतना भी।

*जय श्री राम,,भी मथुरा काशी बाकी है,  जागते रहना

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,