वंदे मातरम के 150 साल: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के अमर गीत की कहानी और आज का जश्न

भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे हो गए हैं। जानिए इसके इतिहास, रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय, गीत के छह पदों का अर्थ और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान “वंदे मातरम के साथ कराओके” के बारे में।

Nov 7, 2025 - 08:16
Nov 7, 2025 - 08:22
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वंदे मातरम के 150 साल: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के अमर गीत की कहानी और आज का जश्न
वंदे मातरम

वंदे मातरम के 150 साल: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के अमर गीत की कहानी और आज का जश्न

"वंदे मातरम्" न केवल भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में जाना जाता है, बल्कि यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्रोत भी रहा है। इसके 150 वर्ष पूरे होना भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभक्ति के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।

यहाँ इसका एक संक्षिप्त सार और ऐतिहासिक संदर्भ प्रस्तुत है —


वंदे मातरम्: एक परिचय

  • रचना: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय

  • प्रथम प्रकाशन: 1875 में ‘आनंदमठ’ उपन्यास में

  • भाषा: संस्कृत और बंगला मिश्रित

  • संगीतबद्ध किया: रवींद्रनाथ ठाकुर ने


गीत की संरचना

वास्तविक “वंदे मातरम्” गीत में छह पद हैं।

  • पहले दो पदसंस्कृत में हैं, जो आज राष्ट्रीय गीत के रूप में गाए जाते हैं।

  • बाकी चार पदबंगाली भाषा में हैं, जिनमें संस्कृत शब्दों का मिश्रण है।


गीत के छह पदों का सार

1️⃣ पहला पद:
भारत माता की हरियाली, जल-समृद्धि और शीतलता की प्रशंसा — “सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्…”

2️⃣ दूसरा पद:
मां की सौंदर्य, मधुरता और वरदान देने वाली प्रकृति का वर्णन — “शुभ्रज्योत्स्ना पुलकित यामिनीम्…”

3️⃣ तीसरा पद:
भारत माता की वीरता और शक्ति का बखान — “कोटि-कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले…”

4️⃣ चौथा पद:
मां को ज्ञान, धर्म, शक्ति और भक्ति का प्रतीक बताया गया है — “तुमि विद्या तुमि धर्म…”

5️⃣ पांचवां पद:
मां को दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के रूप में नमन — “त्वमहि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी…”

6️⃣ छठवां पद:
मां धरती की सरलता, मुस्कान और संपन्नता का गुणगान — “श्यामलाम् सरलाम् सुस्मिताम् भूमिताम्…”


150वीं वर्षगांठ समारोह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आज से एक वर्षभर चलने वाले राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ कर रहे हैं।

  • संस्कृति मंत्रालय ने “वंदे मातरम् के साथ कराओके” डिजिटल अभियान शुरू किया है।

  • नागरिक अपने स्वर में यह गीत रिकॉर्ड करके पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।

  • साथ ही एक विशेष प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है जो गीत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती है।


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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,