भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) का पूर्व छात्र सम्मेलन: छोटे किसानों के हित में कार्य करने की अपील

केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।

Jun 22, 2024 - 21:29
Jun 22, 2024 - 21:41
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भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) का पूर्व छात्र सम्मेलन: छोटे किसानों के हित में कार्य करने की अपील

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) का पूर्व छात्र सम्मेलन: छोटे किसानों के हित में कार्य करने की अपील

नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के पूर्व छात्रों का सम्मेलन केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर श्री चौहान ने छोटे और सीमांत किसानों के हित में कार्य करने की अपील की और भारतीय कृषि में क्रांति लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लगभग 86% किसान छोटे और सीमांत हैं, और खेती का ऐसा मॉडल बनाना आवश्यक है जिससे एक हेक्टेयर तक की खेती में भी किसान अपनी आजीविका चला सकें।

 

श्री चौहान ने कहा कि हमें मिलकर एक ऐसा रोडमैप बनाना चाहिए जिससे भारतीय कृषि और किसानों का कल्याण हो सके, और भारत को दुनिया का फूड बास्केट बनाया जा सके। उन्होंने भारत को दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया और किसानों की आय बढ़ाने के लिए तकनीकी उन्नति को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

सम्मेलन में प्रमुख विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए। डॉ. आर.एस. परोदा ने भारतीय कृषि को नवाचार और वैज्ञानिक अनुसंधान की सहायता से उन्नत करने पर बल दिया, जबकि डॉ. रमेशचंद ने नीति निर्माण में किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझने और उनका समाधान ढूंढने की आवश्यकता बताई। डॉ. हिमांशु पाठक ने कृषि क्षेत्र में उन्नति के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सरकार, वैज्ञानिक समुदाय और किसानों के बीच सहयोग से ही भारतीय कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है।

सम्मेलन के दौरान यह निष्कर्ष निकाला गया कि किसानों की आय को बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। विशेषज्ञों ने भारतीय कृषि में नवाचार और शोध को बढ़ावा देने के लिए अपने सहयोग का आश्वासन दिया और कृषि अनुसंधान और विकास में निवेश को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

सम्मेलन में उपस्थित वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया। उन्होंने कृषि अनुसंधान और विकास में निवेश को बढ़ाने और किसानों की सहायता के लिए नई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की आवश्यकता पर बल दिया। इस सम्मेलन ने भारतीय कृषि के भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।

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