वक्फ बोर्ड बिल पर प्रवर समिति में सरकार को थामने की होगी कोशिश

इसी सत्र में पेश करने की तैयारी सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन संबंधी विधेयक इसी सत्र में पेश किए जाने की तैयारी है। इस विधेयक में 40 से अधिक संशोधनों पर विचार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वक्फ बोडों की शक्तियों को कम करना है

Aug 6, 2024 - 05:09
Aug 7, 2024 - 16:17
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वक्फ बोर्ड बिल पर प्रवर समिति में सरकार को थामने की होगी कोशिश

वक्फ बोर्ड बिल पर प्रवर समिति में सरकार को थामने की होगी कोशिश

सपा और वाम दलों ने किया प्रस्तावित विधेयक का विरोध करने का एलान, आइएनडीआइए की नजरें राजग की सहयोगी जदयू और तेदेपा के रुख पर 

इसी सत्र में पेश करने की तैयारी सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन संबंधी विधेयक इसी सत्र में पेश किए जाने की तैयारी है। इस विधेयक में 40 से अधिक संशोधनों पर विचार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वक्फ बोडों की शक्तियों को कम करना है

वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव करने के लिए लाए जाने वाले संशोधन विधेयक के खिलाफ शुरू हुई राजनीतिक लामबंदी के बीच विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए राजग सरकार के दो सहयोगी दलों जदयू और तेदेपा का इस मुद्दे पर रुख देखने के बाद अपनी अंतिम रणनीति तय करेगा। समाजवादी पार्टी के साथ वामपंथी दलों ने वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने के अपने इरादे साफ कर दिए हैं। लेकिन कांग्रेस सतर्कता के साथ निर्णय करेगी। दरअसल उसे राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति करनी है और वह नहीं चाहेगी कि उसके किसी फैसले से कोई ऐसा नैरेटिव तैयार हो जिससे उसका नुकसान हो जाए। सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर चल रहे सियासी दांवपेच इस ओर इशारा कर रहे हैं कि वक्फ बोर्ड के मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए विपक्ष की और से विधेयक को संसद की सेलेक्ट कमेटी (प्रवर समिति) में भेजे जाने की मांग की जाएगी।


राजग सरकार की ओर से वर्तमान मानसून सत्र में ही वक्फ संशोधन विधेयक लाए जाने की तैयारी को देखते हुए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड समेत कई प्रमुख अल्पसंख्यक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। सरकार से वक्फ के मामले में छेड़छाड़ नहीं करने का अनुरोध करने के साथ इन संगठनों ने विपक्षी खेमे के दलों से सदन में विधेयक का विरोध करने की अपील की है। विपक्षी खेमे की अगुआई कर रही कांग्रेस से मिल रहे संकेतों के अनुसार विधेयक का मसौदा सामने आने के बाद गुण-दोष के आधार पर पार्टी अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करेगी। सरकार सदन में विधेयक लाती है तो फिर इसके जटिल पहलुओं का अध्ययन करने के लिए इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की आइएनडीआइए की ओर से मांग की जाएगी, क्योंकि सेलेक्ट कमेटी में आपत्तियों के निवारण की गुंजाइश रहेगी। कांग्रेस की निगाहें इस मामले में जदयू और तेदेपा पर भी लगी है जो राजग सरकार के बहुमत के कर्णधार हैं और इन दोनों दलों के लिए अपने राज्य की सियासत भी महत्वपूर्ण है। विपक्ष को उम्मीद है कि विधेयक को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की मांग उठेगी तो जदयू और तेदेपा भी इस पर हामी भर सकते हैं।


सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश लगाने के केंद्र के कदम का विरोध करेगी। वहीं, माकपा सांसद अमरा राम और आइयूएमएल के सांसद मोहम्मद बशीर ने विधेयक लाने की सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए इसका विरोध करने की बात कही। झामुमो सांसद महुआ माजी ने कहा कि सरकार को एकपक्षीय नजरिया नहीं अपनाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के रुख का अभी इंतजार है, मगर जाहिर तौर पर वह सरकार के खिलाफ रहेगा।

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