बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट हो गया है अब क्या होगा बांग्लादेश का और शेख हसीना!

दिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र, चार मंदिरों पर हमले  बांग्लादेश में हिंसा के दौरान हिंसक भीड़ ने ढाका स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र और हिंदू मंदिरों रभो हमले किए। बांग्लादेश के हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद के नेता काजोल देबनाथ ने बताया है कि देश के चार मंदिरों पर हमले हुए हैं।

Aug 6, 2024 - 04:58
Aug 6, 2024 - 05:06
 0  18
बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट हो गया है अब क्या होगा बांग्लादेश का और शेख हसीना!

बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट हो गया है अब क्या होगा देश का और शेख हसीना!

  • मार्च के आह्वान के बाद ढाका पहुंचे छात्रों ने किया राजधानी पर कब्जा
  • पीएम आवास में घुसकर उपद्रवियों ने की तोड़फोड़, लूटपाट, आगजनी
  • सेनाध्यक्ष ने अंतरिम सरकार का दिया भरोसा, सारी जिम्मेदारी ली
  • हसीना इस्तीफा देकर भारत पहुंचीं, पड़ोसी देश में अराजक माहौल

बांग्लादेश में सोमवार को भारी हंगामा और हिंसा हुई। बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दी और सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर हिंसा भड़क गई। दो दिनों में 157 लोग मारे गए। हजारों छात्रों ने राजधानी ढाका पर कब्जा कर लिया, भारी तोड़फोड़ और आगजनी की। हालात बेकाबू होते देख प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी बहन रेहाना के साथ भारत के लिए रवाना हो गईं।

शेख हसीना त्रिपुरा की राजधानी अगरतला होते हुए गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचीं। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी भवनों, मंत्रियों के आवासों और शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यालय में तोड़फोड़ और आगजनी की। बंगबंधु मेमोरियल म्यूजियम में भी तोड़फोड़ की गई। शेख हसीना के दिवंगत पति डॉ. वाजेद मियां का आवास भी नहीं छोड़ा गया। मुख्य न्यायाधीश के आवास में भी तोड़फोड़ की गई।

सोमवार की घटनाओं में 56 लोग मारे गए। सेना भी हिंसा को रोकने में नाकाम रही। सेना प्रमुख जनरल साकार-उज-जमां ने शेख हसीना से इस्तीफा देने को कहा और उन्हें देश छोड़ने की सलाह दी। इसके बाद शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और कुछ ही मिनट बाद बांग्लादेश छोड़ दिया। जनरल साकार-उज-जमां ने सरकारी टेलीविजन पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की जानकारी दी और खुद सारी जिम्मेदारी लेने का एलान किया। उन्होंने जल्द ही अंतरिम सरकार के गठन का भरोसा दिया।

बांग्लादेश में हिंसा का सिलसिला जुलाई में आरक्षण विरोधी आंदोलन से शुरू हुआ था, जिसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। रविवार को प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर ढाका और अन्य शहरों में हंगामा, तोड़फोड़ और आगजनी होती रही। सोमवार को यह हंगामा और बढ़ गया, और आसपास के शहरों से छात्रों ने ढाका पर कब्जा कर लिया।

इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र, चार मंदिरों पर हमले 

बांग्लादेश में हिंसा के दौरान हिंसक भीड़ ने ढाका स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र और हिंदू मंदिरों रभो हमले किए। बांग्लादेश के हिंदू, बौद्ध, ईसाई एकता परिषद के नेता काजोल देबनाथ ने बताया है कि देश के चार मंदिरों पर हमले हुए हैं। इन हमलों में मंदिरों को मामूली नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री हसीना के सत्ता से हटने के बाद हिंदू लोगों में स्थिति को लेकर उर है। इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र का उद्‌घाटन मार्च 2010 में हुआ था। इस केंद्र में केंद्र में बोग, हिंदी, भारतीय शास्त्रीय संगीत और भारतीय नृत्य कलाओं के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाता है। इस केंद्र के पुस्तकालय में भारत से संबंधित 21 हजार पुस्तकों का भी संग्रह 

हसीना का सत्ता से बेदखल होना भारत के लिए झटका
नई दिल्ली: : शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद बांग्लादेश का भविष्य कैसा होगा, अभी यह अस्पष्ट है। सैन्य शासन लंबा चलता है या जल्द ही चुनाव होंगे, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन कई वजह है जिसके कारण बांग्लादेश के हालात भारत के
लिए चिंता का कारण हैसेना की सेकेंड कमान के अधिकारियों की नाराजगी का निशाना बनीं हसीना जयप्रकाश रंजन जवरप

नई दिल्ली बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना नेजून, 2024 में अपने पसंदीदा सैन्य अधिकारी जनरल बकार उन जमां को बांग्लादेश का चीफ आर्मी स्टाफ तो बना दिया लेकिन इनके नीचे के पद पर आसीन रोना अधिकारियों की नाराजगी को वह भांप नहीं पाई। जानकारों का कहना है कि बांग्लादेश सेना में कुल पांच लेफ्टिनेंट जनरल में से चार हसीना सरकार से नाराज चल रहे थे। यही नहीं, बांग्लादेश सेना में तीसरे स्तर के अधिकारियों (54 मेजर जनरल) में भी हसीना सरकार को लेकर नाराजगी उफान पर थी। इन सबने मिलकर अंततः हसीना के विश्वस्त आर्मी चीफ बकार-उज जमां पर भी दबाव बनाया। इसका नतीजा यह हुआ कि हसीना को सिर्फ कुछ घंटों की मोहलत मिली और उन्हें राष्ट्र के नाम संदेश देने से भी रोक दिया गया। इसके बाद जब आर्मी चीफ की राजनीतिक प्रतिनिधियों प्रतिबंधित यह भी को नहीं बुलाया गया, जबकि पिछले हफ्ते जमाते इस्लामी के लोगों को बुलाया गया। बांग्लादेश सेना के बदले रुख को बताता है। चीन, पाकिस्तान ही नहीं अमेरिका भी हसीना

लोकतांत्रिक ढंग से बने सरकारः अमेरिका बांग्लादेश की ताजा स्थिति पर अमेरिका ने वहा पर शांति स्थापित होने की आवश्यकता जताई है। साथ ही देश में जल्द सभी की भागीदारी वाली लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार के गठन की जरूरत बताई है। 

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने विपक्ष की नेता और पूर्व पीएम खालिदा जिया की रिहाई का आदेश दिया है। संभवत मंगलवार को जेल से रिहाई होगी। खालिदा ने जेल से ही देश में शांति की अपील की है।

बांग्लादेश में हिंसक के पीछे  पाकिस्तान की भूमिका !

आतंकवादियों और कट्टरपंथियों को पालने के लिए पाकिस्तान बदनाम है। 1971 की शिकस्त को वह अब तक नहीं भूला है, इसलिए वह बांग्लादेश में कट्टरपंथियों को बढ़ावा देता रहा है। बांग्लादेश में हिंसा के लिए राजनीतिक अस्थिरता, धार्मिक कट्टरता, जातीय संघर्ष और वैश्विक ताकतों का प्रभाव भी जिम्मेदार हैं। समाधान के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है, जिसमें सभी पक्षों का समावेश हो और देश की स्थिरता और विकास को प्राथमिकता दी जाए। हिंसा रोकने के लिए सरकार, राजनीतिक दलों, धार्मिक और जातीय समूहों, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। केवल सहयोग और संवाद से ही शांति स्थापित की जा सकती है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,