BJP को जोर का झटका..यूपी ने पटका !
ये सच है.. NDA को 400 सीट नहीं मिली..ये भी सच है कि प्रधानमंत्री मोदी ही बनेंगे.. ये सच है.. मोदी की पार्टी 272 सीट तक नहीं पहुंची लेकिन ये भी सच है मोदी ही सरकार चलाएंगे।
ये सच है.. NDA को 400 सीट नहीं मिली..ये भी सच है कि प्रधानमंत्री मोदी ही बनेंगे.. ये सच है.. मोदी की पार्टी 272 सीट तक नहीं पहुंची लेकिन ये भी सच है मोदी ही सरकार चलाएंगे। क्योंकि मोदी और उनकी अलायंस को इतनी सीट तो मिली गई है जिससे कि वो सरकार बना लेंगे..बस गठबंधन की चुनौतियां बढ़ गई है..लेकिन मोदी की सरकार चलेगी। अब सवाल है कि मोदी अपने टारगेट पर कैसे नहीं पहुंचा पाए.. कैलेकुलेशन बिगड़ कैसे गया..कमी कहां रह गई..चूक कहां हो गई..पहले ये समझते हैं..फिर रीजन भी बताएंगे।
1. यूपी में मोटा मोटा 65 सीट का टारगेट था सीट नहीं बढ़ी और सबसे बड़ा 30 से 35 सीट का नुकसान यूपी से ही हो गया
2. पश्चिम बंगाल में बीजेपी 30 सीट का गेन मान कर चल रही थी लेकिन वहां भी18 सीट कम हो गई यहां पर दूसरा बड़ा झटका लगा
3. तीसरा अनुमान महाराष्ट्र में गलत साबित हुआ पिछली बार अलायंस को 41 सीट मिली थी इसबार यहां से 23 सीट का नुकसान हो गया
4. राजस्थान में बीजेपी क्लीन स्वीप का दावा कर रही थी वहां से भी उसे 11 सीट का बड़ा डेंट लग गया और हरियाणा में पिछली बार 10 में 10 मिली थी यहां भी गणित गड़बड़ा गया 5 सीट वहां से कम हो गई
5. तमिलनाडु केरल से 5 से 10 सीट की उम्मीद कर रहे थे सिर्फ एक केरल से सीट निकाल पाए।
यूपी सत्ता का सपना दिखाता है और सत्ता दिलाता भी है..इसबार बीजेपी को सबसे बड़ा झटका यूपी से ही लगा..हाई रेटेड स्मृति ईरानी और अजय टेनी हार गए..राम मंदिर पर बीजेपी चुनाव में उतरी थी अयोध्या से ही हार गई,,निषाद पार्टी और सुभासपा के गठबंधन का भी फायदा नहीं हुआ,बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग पर अखिलेश की पीडीए और राहुल की खटाखट वाली सियासत भारी पड़ गई..यूपी में ऐसा हुआ क्या बीजेपी कैंडिडेट सेलेक्शन पर सवाल उठा जो नतीजों में दिखाई भी देर रहा है,
जोर का झटका..यूपी ने पटका !
कमी नंबर-1 कैंडिडेट सेलेक्शन
1. कैंडिडेट सेलेक्शन में कास्ट फैक्टर पर लैक कर गई..
2. जाति समीकरण जहां साधा वहां कैंडिडेट सेलेक्शन पर सवाल उठे
3. अंदरखाने लोकल नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाराजगी दिखी
4. कार्यकर्ता और कोरवोटर की नाराजगी को दरकिनार किया गया।
इसलिए बहुत सारे बीजेपी के कोर वोटर वोट देने नहीं निकले नतीजा बीजेपी के वोट प्रतिशत में भारी गिरावट दिखी 2019 में जहां बीजेपी को तकरीबन 50 फीसदी मत मिले थे वहीं इस बार 42 फीसदी वोट मिलता नजर आ रहा है यानी कि मतप्रतिशत में लगभग 8 फीसदी की गिरावट आई है.अनुप्रिया पटेल मुश्किल से जीतीं..दूसरे घोसी से ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर हार गए, संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद संतकबीर नगर से हार गए दूसरी तरफ अखिलेश यादव कैंडिडेट सेलेक्शन में बाजी मार गए
अखिलेश का सेलेक्शन हिट
1. अखिलेश ने कैंडिडेट सेलेक्शन में पीडीए की कसौटी पर बांटा
2. अपने बेस वोट बैंक यानि मुस्लिम यादव को सिर्फ 9 टिकट दिए.
3. 5 यादव...जो सभी यादव परिवार के थे....4 मुस्लिमों को टिकट
4. बाकी टिकट गैर यादव ओबीसी, दलित और अपरकास्ट में बांटे..
5. एटा सीतापुर घोसी जौनपुर जैसे सीटे इसका उदाहरण हैं।
नतीजा ये हुआ कि अखिलेश को MY के अलावा कैंडिडेट की जातियों के वोट भी मिले...और बीजेपी का जाति समीकरण फेल हो गया, सपा की इस रणनीति से बीजेपी का राम मंदिर कार्ड फेल हो गया. हिंदू पोलराइजेशन नहीं हो पाया लेकिन समाजवादी पार्टी मुस्लिमों को पोलराइज किया और बीजेपी के वोट बैंक में ही सेंध लगा लिया...
कमी नंबर-2
संविधान बदलने का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही 400 पार का नारा दिया, जिसमें बीजेपी के कुछ नेताओं का बयान भारी पड़ गया जिसमें 400 पार के पीछे संविधान बदलने का नैरिटव लेकर आ गए जिसे कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इसे आरक्षण से जोड़ दिया. दावा किया कि बीजेपी इतनी ज्यादा सीटें इसलिए चाहती है ताकि वो संविधान बदल सके और आरक्षण खत्म कर सके. इसके साथ ही राहुल गांधी ने जितनी आबादी उतना हक का नारा देकर पिछड़ों को अपने और सपा के साथ जोड़ लिया..अखिलेश का पीडीए पिछड़ा दलित अल्प सख्यंक समुदाय का वोट इंडिया गठबंधन के पास चला गया
जो नतीजे आए हैं उससे ये बात साफ दिख रहा है दलितों और ओबीसी के बीच आरक्षण खत्म करने वाली बातें ज्यादा बैठ गई..गैर यादव ओबीसी वोट और कुछ दलितों को बीजेपी अपना वोट मानती आ रही थी वो ओबीसी दलित ने इंडी अलायंस को खुलकर वोट दिया..और ये पैटर्न एक जगह का नहीं है यूपी में जहां जहां कांग्रेस समाजवादी पार्टी जीत रही है वहां वहां वोट एक मुश्त पड़ा..तीसरा बड़ा डेंट जिसे बीजेपी समझ नहीं पाई या ओवरकांफिंडेस में नजरंदाज कर दिया वो था
कमी नंबर-3
महंगाई-बेरोजगारी से नुकसान
1. बेरोजगारी, पेपरलीक, अग्निवीर योजना से युवा खासे नाराज दिखे
2. बीजेपी सरकार पर लगातार ये आरोप लगे कि वे नौकरी नहीं दे पा रहे हैं
3. पेपर लीक हो जाता है. इसके लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते
4. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले की उम्र निकल गई वैकेंसी नहीं निकली।
नाराजगी जमीन पर दि भारी संख्या में युवा भाजपा से काफी नाराज दिखे..एक बात तो तय है यूपी के इस मैंडेट इस बात की तरफ इशारा कर दिया है कि राम मंदिर से रामराज नहीं आएगा.रामराज जनता के मुददों का हल निकालने से आयेगा जिसमें बेरोजगारी मंहगाई दूर करने के ठोस उपाय करने होगे..महंगाई-बेरोजगारी के मुद्दे को अखिलेश और राहुल ने खूब भुनाया..
बाइट समाजवादी पार्टी
कमी नंबर-4
महिलाओं को एक लाख का वादा सबहेडर
कांग्रेस ने इसबार अपने मेनिफेस्टों में कई वादे किए..इसमें गरीब महिलाओं को हर महीने 8 हजार रुपए और सालाना एक लाख रुपए का वादा राहुल गांधी हर रैली में ये वादा दोहराते थे जिससे ये बात दूर दराज गांव में पहुंच गई मंच से राहुल के खटाखट और फटाफट जैसे नारों से भी वोटर खींचे आए लोगों के दिमाग में एक लाख रुपए हर साल दिए जाने वाली बात दिमाग में बैठ गई, इसका असर किस लेवल पर हुआ कि बैंगलुर में महिलाएं पैसा लेने के लिए डाकघर पर लाइन लगा दी थी..प्रियंका गांधी यूपी में गांव की चौपाल में महिलाओं से यही बात कहती थी, मोदी के किसान निधी के सामने 8000 वाली स्कीम पर लोगों ने भरोसा किया..जिसकी काट बीजेपी काट नहीं निकाल पाई
बाइट-बीजेपी
कमी नंबर-5
योगी फैक्टर बड़ा मैटर
यूपी में योगी फैक्टर भी इसबार काम नही किया, राजपूत समाज नाराजगी की बात सामने आई...पश्चिम में संगीत सोम, राजा भईया की नाराजगी किसी से नहीं छिपी..केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रुपाला के बयान ने इस मुद्दे को और भड़का दिया, क्षत्रिय समाज योगी आदित्यनाथ को लेकर चल रही बातों पर भी भड़का..केजरीवाल के बयान से इस मुद्दे को और तड़का लग गया कि मोदी सरकार के बनने बाद योगी को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जाएगा.. इस बयान को बीजेपी के बड़े नेताओं ने कड़ा विरोध नहीं किय, बीजेपी नेताओं की खामोशी इन चर्चाओं की वजह से राजपूत वोट नाराज दिखा
बीजेपी की रणनीतिकार माने या न माने लेकिन यूपी में योगी से लोग पर्सनली असोसियट करते हैं उसकी वजह कानून व्यवस्था है लेकिन जाति गणित, महिलाओं को सुविधा और मुफ्त की योजना में बीजेपी इस बार अखिलेश राहुल से गच्चा खा गई..और रही सही कसर मायावती ने कैंडिडेट उतारकर पूरी कर दी
कमी नंबर-6
मायावती ने बिगाड़ा खेल
मायावती ने कई ऐसे कैंडिटेट उतारे, जिन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए फायदे का काम किया, बीजेपी को इससे काफी नुकसान हुआ. इससे दलित वोटों में भी भारी बंटवारा हुआ. खासकर मध्य और पश्चिमी यूपी में बसपा के कैंडिडेट ने बीजेपी को काफी नुकसान पहुंचाया, मुजफ्फर नगर, चंदौली, खीरी लालगंज, अबेंडकरनगर और घोसी में बीएसपी को तो कोई फायदा नहीं हुआ लेकिन बीजेपी की लुटिया डूब गई
अपडेट जारी.....
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