इंटरनेट पत्रकारिता एक नई दिशा इंटरनेट पत्रकारिता: एक नई दुनिया की कहानी

इंटरनेट पत्रकारिता: एक नई दुनिया की कहानी

Dec 2, 2024 - 20:54
Dec 2, 2024 - 20:57
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इंटरनेट पत्रकारिता एक नई दिशा इंटरनेट पत्रकारिता: एक नई दुनिया की कहानी
Internet journalism a new direction

इंटरनेट पत्रकारिता: एक नई दिशा

इंटरनेट पत्रकारिता का परिचय
इंटरनेट पत्रकारिता, जिसे डिजिटल पत्रकारिता भी कहा जाता है, इंटरनेट के माध्यम से समाचारों का प्रकाशन और आदान-प्रदान है। यह पत्रकारिता के दो प्रमुख रूपों में विकसित हुई है:

  1. नेट का उपयोग - समाचार संप्रेषण और प्रकाशन के लिए।
  2. ईमेल व ऑनलाइन संकलन - रिपोर्टर ईमेल और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके समाचार की सत्यता और विश्वसनीयता की पुष्टि करता है।

इंटरनेट पत्रकारिता का इतिहास

इंटरनेट पत्रकारिता का विकास तीन प्रमुख चरणों में हुआ है:

  1. प्रथम चरण (1982-1992):
    इस समय इंटरनेट का उपयोग सीमित था। केवल कुछ चुनिंदा संस्थानों में डिजिटल माध्यमों के जरिए समाचारों का आदान-प्रदान होता था।

  2. द्वितीय चरण (1993-2001):
    इस दौर में विश्व स्तर पर समाचार साइटों की शुरुआत हुई। वेबसाइट्स ने समाचार पत्रों के समानांतर एक नई दिशा प्रदान की।

  3. तृतीय चरण (2002-वर्तमान):
    इस समय इंटरनेट पत्रकारिता ने वैश्विक स्तर पर बड़ी क्रांति लाई। सोशल मीडिया, ब्लॉग, और वीडियो प्लेटफॉर्म्स ने इसे अधिक सुलभ और लोकप्रिय बना दिया।


भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का विकास

भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का पहला चरण 1993 में शुरू हुआ। इसे दूसरा चरण 2003 में माना जाता है। भारत में इस दिशा में कई वेबसाइट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जैसे:

  1. रीडिफ डॉट कॉम - भारत की पहली इंटरनेट पत्रकारिता साइट।
  2. इंडिया इंफोलाइन और सिफी - प्रारंभिक वेब पत्रकारिता में महत्वपूर्ण योगदान।
  3. तहलका डॉट कॉम - इसे वेब पत्रकारिता की क्रांति का श्रेय दिया जाता है।

हिंदी में इंटरनेट पत्रकारिता

हिंदी भाषा में इंटरनेट पत्रकारिता की शुरुआत वेब दुनिया से हुई। इसे हिंदी का पहला संपूर्ण पोर्टल माना जाता है। हिंदी पत्रकारिता के अन्य प्रमुख नाम:

  1. प्रभा साक्षी: यह केवल इंटरनेट पर उपलब्ध हिंदी समाचार पत्र है।
  2. बीबीसी हिंदी: इंटरनेट के मानकों के अनुसार सबसे विश्वसनीय और प्रभावशाली हिंदी साइट।
  3. साहित्यिक पत्रिकाएँ: अनुभूति, अभिव्यक्ति, हिंदी नेस्ट और सराय जैसे पोर्टल साहित्यिक पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान दे रहे हैं।

चुनौतियाँ और संभावनाएँ

हिंदी इंटरनेट पत्रकारिता की सबसे बड़ी समस्या है:

  • मानक कीबोर्ड और फॉन्ट्स का अभाव।
  • डायनामिक फॉन्ट्स की कमी के कारण हिंदी साइट्स का समुचित उपयोग कठिन हो जाता है।

लेकिन आधुनिक तकनीकों के विकास और डिजिटल साक्षरता के बढ़ते स्तर ने इस क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।


इंटरनेट पत्रकारिता ने सूचना के आदान-प्रदान के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। हिंदी वेब जगत में उभरती तकनीकों और प्रयासों से यह क्षेत्र और भी समृद्ध होने की संभावना रखता है।

इंटरनेट पत्रकारिता: एक नई दुनिया की कहानी

किसी जमाने में खबरें छापने के लिए भारी-भरकम प्रिंटिंग प्रेस की जरूरत होती थी। फिर समय बदला, रेडियो और टेलीविजन ने खबरों की दुनिया को तेज बनाया। लेकिन असली क्रांति तब आई जब इंटरनेट ने पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखा।

यह कहानी 1982 की है, जब इंटरनेट का इस्तेमाल केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए शुरू हुआ। उस समय किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह तकनीक भविष्य में पत्रकारिता की पूरी परिभाषा बदल देगी। धीरे-धीरे 1992 तक आते-आते कुछ छोटे प्रयासों के साथ इंटरनेट पर समाचारों को प्रकाशित करने का सिलसिला शुरू हुआ।

1993 में इंटरनेट पत्रकारिता ने एक नई दिशा पकड़ी। यह दौर उस बच्चे की तरह था जो चलना सीख रहा हो। वेबसाइट्स बनने लगीं और लोग अपने घर बैठे दुनिया भर की खबरें पढ़ने लगे। भारत में भी इंटरनेट पत्रकारिता ने इस समय अपना पहला कदम रखा। 'रीडिफ डॉट कॉम', 'इंडिया इंफोलाइन' और 'सीफी' जैसी वेबसाइट्स ने भारतीयों को एक नई सुविधा दी। कहा जाता है कि रीडिफ भारत की पहली ऐसी साइट थी जिसने इंटरनेट पर पत्रकारिता को पेश किया।

फिर 2002 का दौर आया। यह इंटरनेट पत्रकारिता का जवानी का समय था। तकनीक में सुधार हुआ, और तहलका डॉट कॉम जैसी साइटों ने असली पत्रकारिता को ऑनलाइन लाकर बड़ा बदलाव किया। हिंदी भाषा में पत्रकारिता की शुरुआत 'वेबदुनिया' से हुई। हिंदी पाठकों को ऑनलाइन समाचार पढ़ने का पहला अनुभव यहीं मिला।

समय के साथ हिंदी पत्रकारिता में 'प्रभा साक्षी', 'अनुभूति', 'अभिव्यक्ति' और 'हिंदी नेस्ट' जैसी वेबसाइट्स ने अपनी पहचान बनाई। साहित्य और खबरें दोनों एक साथ डिजिटल दुनिया में कदम रखने लगे। हालांकि, यह सफर इतना आसान नहीं था। हिंदी साइट्स को मानक की-बोर्ड और डायनमिक फोंट्स की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।

आज यह कहानी उस मुकाम पर पहुंच चुकी है, जहां इंटरनेट पत्रकारिता केवल खबरें देने का माध्यम नहीं, बल्कि एक सशक्त मंच बन चुकी है। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने इसे हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा बना दिया है। इंटरनेट पत्रकारिता ने सच में एक नई दुनिया बना दी है, जहां हर व्यक्ति एक रिपोर्टर बन सकता है और हर खबर पलक झपकते ही पूरी दुनिया में फैल सकती है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार