रतलाम घटना पर इल्तिजा मुफ्ती का बयान हिंदुत्व को बताया ‘बीमारी’

Iltija Mufti statement on Ratlam incident Called Hindutva disease, रतलाम घटना पर इल्तिजा मुफ्ती का बयान हिंदुत्व को बताया ‘बीमारी’

Dec 7, 2024 - 17:59
Dec 7, 2024 - 18:00
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रतलाम घटना पर इल्तिजा मुफ्ती का बयान हिंदुत्व को बताया ‘बीमारी’

रतलाम घटना पर इल्तिजा मुफ्ती का बयान: हिंदुत्व को बताया ‘बीमारी’

रतलाम में मुस्लिम बच्चों के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक विवादित पोस्ट साझा करते हुए कहा, "यह सब देखकर भगवान राम भी शर्मिंदा हो जाएंगे। राम के नाम का इस्तेमाल कर बच्चों को पीटना निंदनीय है। हिंदुत्व एक बीमारी बन चुकी है जो लाखों भारतीयों को प्रभावित कर रही है और धर्म को कलंकित कर रही है।"

क्या है मामला?

रतलाम का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें कुछ नाबालिग मुस्लिम बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि बच्चों को राम का नाम लेने से इनकार करने पर चप्पलों से पीटा गया। इस घटना ने हर तरफ आक्रोश फैला दिया है।

इल्तिजा मुफ्ती का बयान

इल्तिजा ने इस घटना को "बेहद परेशान करने वाला" बताते हुए कहा कि धार्मिक आस्था के नाम पर इस तरह का व्यवहार न केवल अमानवीय है बल्कि समाज के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने कहा, "मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और मॉब लिंचिंग थमने का नाम नहीं ले रही है। यह कैसा रामराज्य है, जहां बच्चों को इसलिए मारा जाता है क्योंकि वे राम का नाम नहीं लेते?"

‘हिंदुत्व को बताया बीमारी’

इल्तिजा ने अपने बयान में हिंदुत्व पर निशाना साधते हुए इसे "बीमारी" करार दिया। उन्होंने कहा, "हिंदुत्व ने समाज की सोच को जहरीला बना दिया है। जैसे आतंकवादियों ने इस्लाम को बदनाम किया, वैसे ही अब हिंदुत्व के नाम पर हिंदू धर्म को बदनाम किया जा रहा है।"

समर्थन और विरोध

उनके बयान ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कुछ लोगों ने इसे धार्मिक कट्टरता के खिलाफ साहसिक बयान बताया, तो कई लोगों ने इसे एक राजनीतिक एजेंडा करार दिया।

इल्तिजा की सफाई

इल्तिजा मुफ्ती ने अपने विवादित ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि उनका मकसद किसी धर्म को आहत करना नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं ऐसी घटनाओं पर चुप नहीं रह सकती। मुसलमानों के खिलाफ हिंसा पर चुप रहना अन्याय होगा।"

यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है और समाज में धार्मिक सहिष्णुता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार