बात सही है घर का खाना ही सही है

Feb 26, 2024 - 09:57
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बात सही है घर का खाना ही सही है

#बात गंभीर हैं.......

             आजकल स्टेटस मेंटेन और आलस की वजह से लोगो का होटल और रेस्टरेंट में खाना खाने का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है l सरकारी एजेंसी की माने तो पिछले 5 साल की तुलना में 200% अधिक ज्यादा होटल्स में बिक्री हो रही है l

      रही सही कसर जोमैटो और स्वीगी पूरी कर देते हैं इसकी तादाद इतनी ज्यादा बढ़ गई है की छोटे बड़े शहर में लोग क्लाउड किचन चलाना शुरू कर दिए हैं 

   लेकिन 1 घंटे के आलस के चक्कर लोग कितनी बड़ी तादाद में अपने हेल्थ से खिलवाड़ कर रहे हैं ये कोई नही समझता l

     पहले घर की महिलाओ का मुख्य काम खाना बनाना होता था, घर का शुद्ध प्यार से बनाए खाने को खा कर मन तो प्रसन्न होता था साथ में स्वास्थ्य भी ठीक रहता था...

     लेकिन आजकल की मॉडर्न मां मॉडर्न वाइफ, ये स्किल ही नही आती हैं हर वीकेंड पे आराम करना ( खाना ना बनाना) अब उन सब का मौलिक अधिकार है, बाहर नौकरी करना और पैसे कमाना हसबैंड वाइफ का कंधे से कंधे मिलकर काम करना अच्छा पैसा कमाना और बाहर खा कर पैसा खर्च करना ,

     और फिर इन्ही खाने के खाने से बीमारी हो।उस पर कमाए हुए पैसे खर्च करना संपन्न जीवन शैली मानी जा रही है l

     लेकिन अगर आप अगर घर का खाना खा रहे हैं बाहर नही खाना चाहते तो लोग आप की ओल्ड फैशन समझेंगे l

आप को बता दें बाहर खाना खिलाने वाले 90 प्रतिशत रेस्टुरेंट खाने का टेस्ट बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल फ्लेवर एड करते हैं l

     सबसे निम्न कैलिटी का तेल इस्तमाल करते हैं।

और साथ में जो भर भर के बटर डालते हैं वास्तव में वह वेजिटेबल तेल होता है ( डालडा घी जैसा ) l

     तो आज से आप खुद डिसाइड कीजिए पैसा कमा कर बाहर खाना है फिर कमाए हुए पैसे को स्वास्थ्य पर खर्च l

 करना है या घर का खाना खा कर स्वास्थ्य रहना चाहते हैं....

    क्यों कि आज आपको दिखाना ज्यादा महत्व होगया है आज जितना दिखाओगे उतना ज्यादा आपको प्रोग्रेसिव समझते है l

      और अपने को मॉडर्न फैमिली का तबका जो हासिल होता है बस इसको दिखाने मे अपना स्वस्थ खराब कररहे है समझो और देखो ये सही नही है आपके और आपकी फैमिली के लिए - 

     क्यों बीमारियों को न्योता देरहे हो - क्यों परेशानी को मोल खरीद कर खा रहे हो..... समय रहते स्वयं तथा अपनों को जाग्रत करें...l

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार