जीवन के लिए जरूरी हैं पेड़-पौधे, पर्यावरण का महत्व समझें: अनोप भाम्बु

अनोप भाम्बु ने पर्यावरण के महत्व पर जोर दिया और कहा कि हमें पौधारोपण के साथ-साथ उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी निभानी चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें छोटे-छोटे बदलाव करने चाहिए, जैसे पानी और ऊर्जा की बचत, प्लास्टिक कम करना, और पेड़ लगाना।

Dec 18, 2024 - 11:52
Dec 18, 2024 - 13:52
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जीवन के लिए जरूरी हैं पेड़-पौधे, पर्यावरण का महत्व समझें: अनोप भाम्बु

पेड़-पौधे और पर्यावरण का महत्व: अनोप भाम्बु की विचारधारा


समाज की मूलभूत इकाई परिवार है, और उसी तरह हमारे परिवार में पेड़ भी महत्वपूर्ण सदस्य होने चाहिए। जब हम ऐसा करेंगे, तो समाज के बच्चे-बूढ़े सभी में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी।

राजस्थान के जोधपुर जिले के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले अनोप भाम्बु ने मेट्रिक तक अपनी पढ़ाई की। अपने किसान परिवार से जुड़ाव के कारण हमेशा से पेड़ों और प्रकृति से उनका गहरा लगाव रहा। अनोप भाम्बु ने पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए लगातार काम किया है।


हर साल हम विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं, लेकिन आजकल यह सिर्फ एक फैशन बनकर रह गया है। लोग सुंदर फोटो खींचने के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं और फिर भूल जाते हैं। ऐसे कामों से पर्यावरण को बचाना संभव नहीं है। पर्यावरण प्रेमी अनोप भाम्बु ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि भले ही लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "मां के नाम पर एक पेड़" अपील पर पौधे लगा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और औद्योगिक घरानों से मिलीभगत के कारण हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। इसके कारण पक्षी और वन्यजीवों का अस्तित्व संकट में है।


पौधारोपण में केवल 10 प्रतिशत पौधे ही जीवित रह पाते हैं। ऐसे में लाखों पेड़ काटना प्रकृति की हत्या करना है। उनका मानना है कि सोलर पॉवर प्लांटों को सघन वन क्षेत्रों में नहीं, बल्कि खाली भूमि पर लगाना चाहिए। अनोप भाम्बु ने यह भी कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्प लेना चाहिए और प्रकृति का सम्मान करना चाहिए।

लोक संस्कृति को बचाने के लिए भी पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है। आजकल "ग्रो ग्रीन" की बातें होती हैं, लेकिन यह केवल गमले में पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण नहीं हो सकता। पौधारोपण उस स्थान की जलवायु और पशु-पक्षियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए करना जरूरी है।


पर्यावरणविद् अनोप भाम्बु ने कहा कि पौधे चाहे कम संख्या में लगाए जाएं, लेकिन उनकी देखभाल और जीवित रखने की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से तय होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की है कि पौधारोपण अभियानों को केवल आंकड़े जुटाने के लिए नहीं, बल्कि धरातल पर हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाए।

पौधारोपण के बाद इन पौधों को जीवित रखने की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। कई विद्यालयों में पौधों का वितरण छात्रों को कर दिया गया, लेकिन जगह की कमी के कारण वे पौधे नष्ट हो गए।

हमारे दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलावों जैसे पानी और ऊर्जा की बचत, प्लास्टिक का कम उपयोग और पेड़ लगाना, पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इस तरह के छोटे कदम पर्यावरण को संरक्षित रखने में सहायक हो सकते हैं।


सारांश: पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और पर्यावरण के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करनी होगी। प्रकृति को बचाने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।


अनोप भाम्बु 

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