पहली बार जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा

वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में घरेलू और आयात दोनों ही स्तर के ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी से जीएसटी संग्रह रिकार्ड स्तर पर रहा।

May 2, 2024 - 17:33
May 2, 2024 - 17:39
 0  20
पहली बार जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा

पहली बार जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा

चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले महीने यानी अप्रैल में जीएसटी संग्रह अपने सारे रिकार्ड को तोड़ते हुए दो लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 12.4 प्रतिशत अधिक है। इस साल अप्रैल से पहले जीएसटी का सबसे अधिक संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये पिछले साल अप्रैल में हुआ था। वर्ष, 2017 के जुलाई महीने से जीएसटी प्रणाली लागू है।


वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में घरेलू और आयात दोनों ही स्तर के ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी से जीएसटी संग्रह रिकार्ड स्तर पर रहा। घरेलू स्तर के ट्रांजेक्शन में पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 13.4 प्रतिशत तो आयात से जुड़े ट्रांजेक्शन में 8.3 प्रतिशत का इजाफा रहा। ट्रांजेक्शन में । घरेलू स्तर के ट्रांजेक्शन में पिछले साल अप्रैल के मुकाबले 13.4 प्रतिशत तो आयात से जुड़े ट्रांजेक्शन में 8.3 प्रतिशत का इजाफा रहा। ट्रांजेक्शन मेंबढ़ोतरी अर्थव्यवस्था में तेजी को भी दर्शाता है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में जीएसटी के कुल संग्रह में सीजीएसटी की हिस्सेदारी 43,846 करोड़, एसजीएसटी की 53,538 करोड़ तो आइजीएसटी की 99,623 करोड़ की रही। सेस के मद में 13,260 करोड़ रुपए वसूले गए।

उप्र ने तमिलनाडु को पीछे छोड़ा : अप्रैल में जीएसटी संग्रह मामले में उप्र ने तमिलनाडु को पीछे छोड़ दिया है। अप्रैल में उप्र का जीएसटी संग्रह 19 प्रतिशत बढ़कर 12,290 करोड़ हो गया और यह महाराष्ट्र, कर्नाटक व गुजरात के बाद जीएसटी कलेक्शन में चौथा सबसे बड़ा योगदानदाता बन गया। तमिलनाडु का जीएसटी संग्रह छह प्रतिशत बढ़कर 12,210 करोड़ रहा और वह पांचवें स्थान पर खिसक गया। परंपरागत रूप से तमिलनाडु का जीएसटी संग्रह उप्र से अधिक रहता है। अप्रैल, 2023 में तमिलनाडु का जीएसटी कलेक्शन 11,559 करोड़ था जबकि यूपी का 10,320 करोड़। मार्च, 2024 में तमिलनाडु का कलेक्शन 11,017 करोड़ था, जबकि उप्र का 9,087 करोड़ था 

अप्रैल में गाड़ियों की बिक्री में भी रही तेजी
देश के कार बाजार में सबसे अधिक हिस्सेदारी रखने वाली मारुति सुजुकी की कुल बिक्री इस साल अप्रैल में 168,089 यूनिट की रही जबकि पिछले साल अप्रैल में यह बिक्री 160,529 यूनिट की थी। घरेलू और निर्यात को मिलाकर हुंडई की बिक्री में 9.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। हुंडई ने इस साल अप्रैल में 63,701 यूनिट की बिक्री की जबकि पिछले साल यह बिक्री 58201 यूनिट थी

अप्रैल जीएसटी संग्रह पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हुआ, आयात के कारण  रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा - Goodreturns

महाराष्ट्र ने दिया सबसे ज्यादा योगदान
राज्यों द्वारा कुल जीएसटी संग्रह के मामले में महाराष्ट्र 37,671 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने वाला सबसे बड़ा योगदानकर्ता था। अप्रैल में महाराष्ट्र के जीएसटी संग्रह में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल में 15,978 करोड़ रुपये के संग्रह के साथ कर्नाटक जीएसटी राजस्व में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जो साल-दर-साल 9 प्रतिशत की वृद्धि है। गुजरात ने अप्रैल में 13,301 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ 13 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की।

कुशल कर वसूली के चलते हासिल किया |मील का पत्थर : 

सीतारमण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि मजबूत आर्थिक विकास दर और कुशल कर वसूली के चलते जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। इंटरनेट मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में सीतारमण ने यह उपलब्धि हासिल करने के लिए केंद्रीय और राज्य अधिकारियों के अलाव केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के प्रयासों की भी सराहना की। सीतारमण ने यह भी कहा कि राज्यों को आइजीएसटी का कोई बकाया नहीं है।

  • 2.10 लाख कर रिकार्ड स्तर पर पहुंचा अप्रैल में कर संग्रह
  • 1.87 लाख करोड का पिछले साल अप्रैल में हुआ था संग्रह


घरेलू और आयात दोनों ही स्तर के ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी से टैक्स कलेक्शन में आया रिकार्ड उछाल कुल संग्रह में सीजीएसटी की हिस्सेदारी 43,846 करोड़, सेस के मद में 13,260 करोड़ रुपए वसूले गए

जीएसटी संग्रह में जबरदस्त बढ़ोतरी यह दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था तीव्र गति से औपचारिकता की राह पर है और बिजनेस तेजी से संगठित होकर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। - विवेक जालान, पार्टनर, टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विस

औद्योगिक मांग व गर्मी बढ़ने से अप्रैल में औद्योगिक मांग एवं गर्मी के बढ़ने
से बिजली की खपत में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले साल अप्रैल में 130.08 अरब यूनिट बिजली की खपत हुई थी जो इस साल अप्रैल में बढ़कर 144.25 अरब यूनिट के स्तर पर पहुंच गई

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com