भोजशाला के गर्भगृह में हो सकती है खोदाई

मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज पढ़ने के लिए भोजशाला में प्रवेश दिया गया। सर्वे के तहत भोजशाला परिसर के 50 मीटर के दायरे में खोदाई का काम किया जाना है।

Mar 30, 2024 - 22:59
Mar 30, 2024 - 23:02
 0
भोजशाला के गर्भगृह में हो सकती है खोदाई

भोजशाला के गर्भगृह में हो सकती है खोदाई

 मप्र के धार की ऐतिहासिक भोजशाला के गर्भगृह में एएसआइ टीम खोदाई करवा सकती है। सर्वे के आठवें दिन शुक्रवार को टीम ने ग्राउंट पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक का उपयोग किया। दो नए विशेषज्ञ फोटोग्राफर भी टीम के साथ जुड़े। उन्होंने पुरातन आकृति और शिलालेखों की फोटोग्राफी की, जिसकी प्राचीनता का सटीक विश्लेषण किया जाएगा। बता दें, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर 22 मार्च से भोजशाला में एएसआइ की टीम सर्वे कर रही है। हिंदुओं के मुताबिक, भोजशाला सरस्वती देवी का मंदिर है। सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहां मौलाना कमालुद्दीन की मजार बनाई थी और अंग्रेज अधिकारी वहां लगी वाग्देवी की मूर्ति को लंदन ले गए थे।

Bhojshala: धार की ऐतिहासिक भोजशाला में ...


भोजशाला के बाहरी परिसर में तीन स्थानों पर खोदाई का काम शुक्रवार को भी जारी रहा। यहां 10 से 12 फीट के गड्ढे खोदे जा चुके हैं। खोदाई के दौरान टीम को कुछ अवशेष प्राप्त हुए  हैं। इनकी फोटोग्राफी करने के साथ ही प्राचीनता का पता भी लगाया जा रहा है। शनिवार को रंगपंचमी पर भी सर्वे का काम जारी रहेगा।

भोजशाला के गर्भगृह और बाहरी परिसर में तीन स्थान पर हो सकती है खोदाई -  Delhibulletin
सर्वे के बाद पढ़ी गई नमाज शुक्रवार सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक छह घंटे का सर्वे कर टीम बाहर निकली। इसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों को नमाज पढ़ने के लिए भोजशाला में प्रवेश दिया गया। सर्वे के तहत भोजशाला परिसर के 50 मीटर के दायरे में खोदाई का काम किया जाना है। करीब आधे घंटे तक पिछले क्षेत्र में सफाई का काम किया गया। अनुमान है कि अब 50 मीटर के दायरे में व्यापक खोदाई वाले कार्य शुरू होंगे।

जीपीआर तकनीक जीपीआर तकनीक का उपयोग भूमिक के नीचे मौजूद आकृतियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। जीपीआर का उपयोग चट्टान, मिट्टी, बर्फ, ताजा पानी सहित विभिन्न प्रकार के माध्यमों में किया जा सकता है। आधुनिक मशीन 15 मीटर (49 फीट) गहराई तक झांक सकती है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com