गोंडा ट्रेन हादसे से सवालों के घेरे में सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां, 10 यात्रियों का पता नहीं चल रहा

कल से हादसे की जांच शुरू करेंगे रेल संरक्षा आयुक्त हादसे में मरने वालों की संख्या चार हुई, दो की शिनाख्त नहीं इमरजेंसी ब्रेक के कारणों पर टिकी पड़ताल, एटीएस भी जांच में जुटी

Jul 20, 2024 - 19:25
Jul 20, 2024 - 20:18
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गोंडा ट्रेन हादसे से सवालों के घेरे में सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां, 10 यात्रियों का पता नहीं चल रहा

10 यात्रियों का पता नहीं चल रहा गोंडा ट्रेन हादसे से सवालों के घेरे में सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां

  • कल से हादसे की जांच शुरू करेंगे रेल संरक्षा आयुक्त
  • हादसे में मरने वालों की संख्या चार हुई, दो की शिनाख्त नहीं
  • इमरजेंसी ब्रेक के कारणों पर टिकी पड़ताल, एटीएस भी जांच में जुटी

उत्तर प्रदेश के गोंडा में गत गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों पर सवाल उठने लगे हैं। ट्रेन की बोगियां जिस प्रकार पलटी हैं, वह संदेह पैदा करती हैं। रेलवे अधिकारी जलजमाव के कारण पटरी धंसने की बात पहले ही खारिज कर चुके हैं और लोको पायलट द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाने की बात जांच का केंद्रबिंदु है। उधर, ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। शुक्रवार को डिब्बे के नीचे दबे एक अज्ञात युवक का शव मिला है। गुरुवार को तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो गई थी, जिसमें एक की शिनाख्त अब तक नहीं हो सकी है।

 

पटरी धंसने की बात से स्थानीय रेल प्रशासन भी इन्कार कर रहा है, क्योंकि इस ट्रेन से 25 मिनट पहले ही जननायक एक्सप्रेस इसी मार्ग से होकर निकली थी, लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ था। सवाल है कि 25 मिनट के भीतर ऐसा क्या हुआ कि ट्रेन की बोगियां पलट गईं और इंजन व इसके पीछे लगे सामान ब्रेक और जेनरेटर कार को कोई नुकसान नहीं हुआ। यही नहीं, लगेज व गार्ड के डिब्बे को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है। सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं। लोगो पायलट के साथ आसपास के लोगों ने भी धमाका सुना और उसके बाद ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यही कारण है कि एटीएस ने भी रेल विभाग के साथ ही जांच शुरू की है।

अधिकारी स्पष्ट बोलने से बच रहेः पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्ता ने कहा कि रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना को जांच सौंपी गई है। वह 21 जुलाई से जांच शुरू करेंगे। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा। हादसे को

लेकर अधिकारी कुछ भी स्पष्ट बोलने से बच रहे हैं। शुक्रवार दोपहर आरपीएफ के आइजी तारिक अहमद ने जांच की, लेकिन कुछ भी बोलने से मना कर दिया। शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर एक आडियो प्रसारित हो रहा है, जिसमें दो लोग बात कर रहे हैं। एक तरफ से रोने की आवाज आ रही है। दावा है कि रोने वाला व्यक्ति एक्सप्रेस का लोको पायलट है, जो कंट्रोल रूम में तैनात कर्मी से बात कर रहा है। ऐसे आडियो की दैनिक जागरण पुष्टि नहीं कर रहा है।

पटरी में फैलाव की चार दिन पहले मिल गई थी अधिकारियों को सूचना

गोंडा हादसे में पटरी के बकलिंग होने की बात सामने आ रही है। अधिक गर्मी के कारण पटरियों के फैलने की क्रिया को बकलिंग कहते हैं। दावा है कि कीमैन स्नेह ने चार दिन पहले सीनियर सेक्शन इंजीनियर और सहायक अभियंता को बकलिग की सूचना दी थी। इसके साक्ष्य भी कीमैन के पास मौजूद है। इसके बावजूद पटरी के ज्वाइंट को खोलकर उसे डीस्ट्रेस नहीं किया गया। डीस्ट्रेस करने के लिए पटरी को खोलकर बढ़े हुए हिस्से को काटने के बाद उसे कुछ देर के लिए छोड़ दिया जाता है। अधिक तापमान में पटरी के बढ़ने बाद उसे फिर से जोड़ा जाता है।

उठ रहे ये सवाल ? ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक क्यों लगाया गया ?
• रेलपथ निरीक्षक कहां थे? • पटरी की मरम्मत हो रही थी तो ट्रेन की गति सीमा को लेकर क्या किया गया था?
• ऐसा क्या इनपुट है, जो एटीएस गुरुवार रात में ही जांच करने पहुंच गई।

10 यात्रियों का पता नहीं चल रहा
ट्रेन हादसे में 30 घायलों का उपचार चल रहा है। उधर, अपनों की तलाश में स्वजन घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। हादसे के बाद 10 यात्रियों का पता नहीं चल रहा है। उनके स्वजन परेशान हैं। रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर समेत अन्य अधिकारी मौके पर राहत व बचाव कार्यों में जुटे हैं। दुर्घटना में 800 मीटर रेल लाइन व 1100 मीटर इलेक्ट्रिक लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। इनकी मरम्मत के लिए रेलवे के इंजीनियरिंग कर्मियों को लगाया गया है। रेल लाइन व इलेक्ट्रिक लाइन को सही करने के लिए पांच सौ से अधिक कर्मचारी व श्रमिक जुटे रहे। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार शाम पांच बजकर नौ मिनट पर डाउन ट्रैक पर मालगाड़ी चलाई गई है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,