मेरठ में बिट्टू की कावड़ यात्रा: माता-पिता को कंधे पर बैठाकर श्रद्धा का अद्भुत उदाहरण

मेरठ का निवासी बिट्टू नाम का ये शख्स अपने माता-पिता को कंधे पर बैठाकर कावड़ यात्रा पर निकला है. इस शिव भक्त के माता-पिता बेहद खुश हैं और उनका कहना है कि ऐसे श्रवण कुमार सबके घरों में पैदा हों. देखें वीडियो...

Jul 23, 2024 - 21:11
 0
मेरठ में बिट्टू की कावड़ यात्रा: माता-पिता को कंधे पर बैठाकर श्रद्धा का अद्भुत उदाहरण

मेरठ में बिट्टू की कावड़ यात्रा: माता-पिता को कंधे पर बैठाकर श्रद्धा का अद्भुत उदाहरण

मेरठ के बिट्टू नामक युवक की कावड़ यात्रा ने सबका दिल छू लिया है। यह यात्रा न केवल धार्मिक भावना का प्रतीक है, बल्कि एक बेटे की अपने माता-पिता के प्रति गहरी श्रद्धा और प्यार का भी अनोखा उदाहरण प्रस्तुत करती है। बिट्टू ने अपनी कावड़ यात्रा के दौरान माता-पिता को कंधे पर बैठाकर एक अनूठा तरीका अपनाया है, जो समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है।

इस यात्रा के दौरान बिट्टू ने अपने माता-पिता को कंधे पर बैठाकर उन्हें यात्रा की कठिनाइयों से बचाया। बिट्टू की माता-पिता की खुशी और संतोष उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है। माता-पिता का कहना है कि बिट्टू के इस अद्भुत कार्य से वे अत्यंत खुश हैं और उन्होंने इस तरह के श्रवण कुमार जैसे पुत्र की कामना की है जो अपने माता-पिता की सेवा में तत्पर रहें। उनका यह मानना है कि बिट्टू का यह कार्य सभी घरों में एक प्रेरणा का स्रोत होना चाहिए।

वीडियो में बिट्टू को अपने माता-पिता को कंधे पर बैठाकर चलाते हुए देखा जा सकता है। इस दृश्य को देखकर स्पष्ट है कि बिट्टू की श्रद्धा और भक्ति में कोई कमी नहीं है। कावड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु भगवान शिव की आराधना करते हैं और इस यात्रा में भाग लेना एक विशेष धार्मिक महत्व रखता है। बिट्टू ने इस धार्मिक यात्रा को अपने माता-पिता के साथ मिलकर और भी विशेष बना दिया है।

बिट्टू की इस भावना ने समाज को एक नई दिशा दिखाई है। यह एक ऐसा उदाहरण है जो हमें सिखाता है कि परिवार और माता-पिता के प्रति कृतज्ञता और प्रेम कैसे व्यक्त किया जा सकता है। बिट्टू की इस यात्रा ने निश्चित रूप से धार्मिक यात्रा के अनुभव को एक नई ऊँचाई पर पहुंचा दिया है और यह समाज के लिए एक सशक्त संदेश भी है।

इस प्रकार की कावड़ यात्रा न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह हमें अपने परिवार के प्रति प्रेम और सम्मान की महत्वपूर्ण बातें भी सिखाती है। बिट्टू की इस प्रेरणादायक यात्रा को देखकर यह कहा जा सकता है कि श्रद्धा और समर्पण का असली मतलब क्या होता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार