बलिया की बेटी शक्ति दुबे: पाँचवें प्रयास में रच दिया इतिहास, बनीं UPSC टॉपर!

="बलिया की बेटी शक्ति दुबे ने पांचवें प्रयास में UPSC परीक्षा टॉप कर देशभर में मिसाल कायम की है। पढ़ें उनकी प्रेरणादायक संघर्ष और सफलता की कहानी, जो हर UPSC अभ्यर्थी के लिए प्रेरणा है Ballia daughter Shakti Dubey Created history in the fifth attempt became UPSC topper, बलिया की बेटी शक्ति दुबे: पाँचवें प्रयास में रच दिया इतिहास, बनीं UPSC टॉपर

Apr 23, 2025 - 06:06
Apr 23, 2025 - 06:11
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बलिया की बेटी शक्ति दुबे: पाँचवें प्रयास में रच दिया इतिहास, बनीं UPSC टॉपर!

बलिया की बेटी शक्ति दुबे: पाँचवें प्रयास में रच दिया इतिहास, बनीं UPSC टॉपर

बलिया की बेटी शक्ति दुबे ने पांचवें प्रयास में UPSC परीक्षा टॉप कर देशभर में मिसाल कायम की है। पढ़ें उनकी प्रेरणादायक संघर्ष और सफलता की कहानी, जो हर UPSC अभ्यर्थी के लिए प्रेरणा है

"सपनों की उड़ान सिर्फ हौसले से भरी होती है, मंज़िल चाहे कितनी भी ऊँची क्यों न हो।"
बलिया की मिट्टी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जज़्बा हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। यह कहानी है शक्ति दुबे की, जिनका पांचवां प्रयास बना उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा मोड़ — UPSC टॉपर बनने का।

गांव से शहर तक का सफर

शक्ति दुबे का मूल निवास बलिया जिले के रामपुर गांव, दोकती बाजिदपुर में है। उनके पिता देवेंद्र दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए और अब दरोगा के पद पर प्रमोट हो चुके हैं। जब एक पिता अपनी बेटी के सपनों को थामे गांव से शहर निकलता है, तो यह सिर्फ एक स्थान परिवर्तन नहीं होता — यह पूरे परिवार की नियति बदल देने वाली यात्रा होती है।

 पढ़ाई में निरंतर टॉपर रही थी 

शक्ति दुबे की पढ़ाई प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) से शुरू हुई, जहां उन्होंने बीएससी में टॉप किया। इसके बाद वाराणसी में पोस्टग्रेजुएशन के दौरान भी गोल्ड मेडल हासिल किया। शैक्षणिक सफलता के बाद शक्ति ने ठान लिया — अब बारी UPSC की है

संघर्षों से भरा रास्ता रहा फिर जाकर मिली सफलता 

  • पहला प्रयास — प्रीलिम्स भी नहीं निकला

  • दूसरा प्रयास — फिर से प्रीलिम्स में असफलता

  • तीसरा प्रयास — अब भी सफलता दूर

  • चौथा प्रयास — इंटरव्यू तक पहुँचीं लेकिन सिर्फ 12 अंकों से चूक

इस स्तर पर कोई भी हार मान सकता था, लेकिन शक्ति के भाई ने कहा —
"तुम चिंता मत करो, अगली बार टॉप करोगी। भगवान ने तुम्हें रैंक 1 के लिए बचाकर रखा है।"

और यह बात, एक दिन सच हो गई।

पांचवां प्रयास बना जीत की कहानी जीत कि 

जब UPSC परिणाम आया और रोल नंबर देखा, तो शक्ति को यकीन नहीं हुआ। उन्होंने तुरंत अपने कोचिंग संस्थान में फोन कर पूछा —
"क्या यह मैं ही हूं"
जवाब आया — "हां शक्ति, आप ही हैं UPSC टॉपर!"

दिल्ली में रहकर उन्होंने परीक्षा की तैयारी की थी और अब उनका नाम देश भर में चर्चा का विषय बन गया।

एक प्रेरणादायक परिवार जिसने दिया साथ 

शक्ति दुबे सिर्फ अपने परिवार की पहली अधिकारी नहीं हैं। उनके बड़े पिता अरुण दुबे के बेटे विक्रांत द्विवेदी पहले से ही DSP के पद पर कार्यरत हैं। यानी कि इस परिवार की जड़ें ही प्रशासन में मजबूत हैं।

सफलता का मंत्र आप के भी आएगा काम 

शक्ति दुबे का कहना है कि UPSC में सफलता पाने के लिए ये तीन बातें बेहद ज़रूरी हैं:

  1. बहुत सीमित संख्या में किताबों की सूची होनी चाहिए।

  2. सिलेबस और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का गहराई से अध्ययन करें।

  3. अधिक से अधिक मॉक टेस्ट दें, ताकि परीक्षा का अनुभव और आत्मविश्वास दोनों मिल सके।

बलिया की धरती, फिर दिखाया कमाल जिसने पहले भी दिए हैं जीत के नाम 

बलिया की धरती जिसे लोग "बागियों की धरती" भी कहते हैं, उसने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि यहां से निकली प्रतिभाएं देश की दिशा बदल सकती हैं। शक्ति दुबे अब लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, खासकर उन लड़कियों के लिए जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखती हैं।


शक्ति दुबे की यह यात्रा बताती है कि असफलता कभी भी आखिरी पड़ाव नहीं होती, बल्कि वह सफलता की ओर जाने वाली एक सीढ़ी होती है। उनके पांच प्रयास इस बात का प्रमाण हैं कि "हार नहीं मानने वालों की ही जीत होती है।"

अगर आप भी UPSC या किसी बड़ी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो शक्ति दुबे की कहानी आपको ज़रूर प्रेरित करेगी।

इस प्रेरक कहानी पर आपकी राय हमें कमेंट में बताएं।
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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,