राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण से निपटने को इस साल लगेंगे 4.5 करोड़ पौधे

हर साल बढाया जा रहा लक्ष्यः इससे पहले साल 2021-22 के दौरान एनसीआर में केवल 28,81,145 नए पौधारोपण किए गए। वर्ष 2022-23 के दौरान एनसीआर में 3,11,97,899 नए पौधारोपण किए गए।

Jun 27, 2024 - 19:38
Jun 27, 2024 - 19:39
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण से निपटने को इस साल लगेंगे 4.5 करोड़ पौधे

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण से निपटने को इस साल लगेंगे 4.5 करोड़ पौधे

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने इस साल 4.5 करोड़ पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा है। सीएक्यूएम ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान एनसीआर में शामिल राज्य सरकारों, शैक्षिक संस्थानों, उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थानों सहित केंद्र सरकार के विभिन्न निकायों को उनका लक्ष्य भी दे दिया है। इसमें दिल्ली के लिए 56,40,593, हरियाणा के लिए 1,32,50,000, राजस्थान के लिए 42,68,649 और उप्र के लिए 1,97,56,196 पौधारोपण का लक्ष्य शामिल है।

मियावाकी तकनीक पर फोकस
सीएक्यूएम ने बताया कि तमाम किस्म की विकास परियोजनाओं के चलते एनसीआर क्षेत्र में जगह की कमी रहती है। इसे देखते हुए शहरी वन क्षेत्र और सघन वन लगाने के लिए जापान की मियावाकी तकनीक पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इस तरह से जितनी भी जगह मौजूद है, वहां पर अधिकाधिक हरियाली की जा सकेगी। 


सीएक्यूएम ने बुधवार को एनसीआर में परिवहन विभाग की सभी एजेंसियों को सलाह दी है कि वे प्रमुख सड़कों के किनारे, सेंट्रल वर्ज के साथ-साथ, जहां तक संभव हो खुले क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने की कोशिश करें। इसके साथ शैक्षणिक संस्थानों, उच्च  शिक्षा, अनुसंधान संस्थानों से भी 2024-25 के दौरान 9,08,742 के संचयी पौधारोपण लक्ष्य के साथ अपने संबंधित परिसरों के भीतर और बाहर बड़े पैमाने पर हरियाली व पौधारोपण अभियान शुरू करने को कहा है।

हर साल बढाया जा रहा लक्ष्यः इससे पहले साल 2021-22 के दौरान एनसीआर में केवल 28,81,145 नए पौधारोपण किए गए। वर्ष 2022-23 के दौरान एनसीआर में 3,11,97,899 नए पौधारोपण किए गए। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पूरे एनसीआर में राज्य सरकारों के लिए लगभग 3.85 करोड़ नए पौधारोपण का एक और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसमें से लगभग 3.6 करोड़ पौधारोपण सफलतापूर्वक किया गया यानी 93.5 प्रतिशत सफलता हासिल की। इसमें उत्तर प्रदेश में 103.4 प्रतिशत सफलता हासिल की गई यानी लक्ष्य से अधिक पौधारोपण किया गया। दिल्ली में 84.6 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया, हरियाणा में यह 87.4 प्रतिशत रहा व राजस्थान ने 86 प्रतिशत तक लक्ष्य की पूर्ति की।

रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को लगाई फटकार 

ग्रेटुः दिल्ली के रिज क्षेत्र में  1100 पेड़ों को काटने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में डीडीए द्वारा बड़े अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है, जबकि छोटे अफसरों पर आरोप लगाए जा रहे हैं।

एनसीआर के लिए वृक्षारोपण के आंकड़े 

राज्य वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लक्ष्य वित्त वर्ष 2023-24 में वृक्षारोपण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लक्ष्य
  • दिल्ली
95,04,390 80,41,331 56,40,593
  • हरियाणा (एनसीआर जिले)
98,93,797 86,49,277 1,32,50,000
  • राजस्थान (एनसीआर जिले)
25,89,892 22,33,288 42,68,649
  • उत्तर प्रदेश (एनसीआर जिले)
1,64,63,497 1,70,28,308 1,97,56,196
  • केंद्र सरकार की एजेंसियां 
6,29,500 7,24,036  12,07,000
  • एनसीआर के शैक्षणिक संस्थानउच्च शिक्षा/अनुसंधान संस्थान
 3,32,500  7,11,456  9,08,742
कुल 3,94,13,576 3,73,87,696 4,50,31,180


कोर्ट ने कहा कि डीडीए ने रिज क्षेत्र में दिल्ली के उपराज्यपाल बीके सक्सेना के दौरे को लेकर जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई है। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की अवकाशकालीन पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। पीठ ने कहा कि इस मामले में डीडीए द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है। कोर्ट ने डीडीए से कहा आप एक सामान्य दस्तावेज को ढूंढ नहीं पाए। जिस तरह से घटनाएं घटित हुई हैं, उस पर हमें संदेह है। हमने उस ईमेल के पहले भाग को देखा है, जिसमें उपराज्यपाल के दौरे की बात बताई गई है।


सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के निवासी बिंदु कपूरिया की याचिका पर सुनवाई की जा रही थी। यचिका में आरोप लगाए गए कि कोर्ट द्वारा अनुमति न मिलने के बाद भी पेड़ों को काटा गया। डीडीए की तरफ से वकील के रूप में पेश मनिंदर सिंह ने कहा कि कोर्ट को गलत जानकारी दी गई है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,