चार साहिबजादों का बलिदान सप्ताह

दशम गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्रों के सर्वोच्च बलिदान एवं अदम्य साहस की स्मृति में 20 से 27 दिसंबर तक 'साहिबजादों का बलिदान दिवस' मनाया जाता है.

Dec 26, 2023 - 20:44
Dec 26, 2023 - 20:48
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चार साहिबजादों का बलिदान सप्ताह

बलिदान सप्ताह:

दशम गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्रों के सर्वोच्च बलिदान एवं अदम्य साहस की स्मृति में 20 से 27 दिसंबर तक 'साहिबजादों का बलिदान दिवस' मनाया जाता है.

इस्लामिक आक्रमणकारियों के विरुद्ध युद्ध में वीरता दिखाने वाले चारों साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.साहिबज़ादा जुझार सिंह, गुरु गोबिंद सिंह के चौथे पुत्र थे और उनकी वीरता की कहानी भी अत्यंत प्रेरणादायक है। जुझार सिंह ने अपने बड़े भाई साहिबज़ादा अजीत सिंह की शहादत के बाद नेतृत्व संभाला।

चमकौर दी घाटी के युद्ध में, जुझार सिंह ने अपनी अद्वितीय बहादुरी दिखाई और मुगल सेना को थर-थर कांपने पर मजबूर किया। उनकी तलवार बाजी में पूरी सिख फौज में भी कोई चुनौती नहीं दे सकती थी।

सिंह के पुत्र:

जुझार सिंह ने साहिबज़ादे अजीत सिंह की तरह अपनी ज़िंदगी का आखिरी पल तक युद्ध किया और मुगल फौज के खिलाफ खड़ा रहा। उन्होंने शहीद होने का समय आते ही भी अपनी तलवार से दुश्मनों को मुकाबला किया। जुझार सिंह की शहादत ने भी खालसा पंथ को एक और वीर सपूत की शौर्यगाथा दी, जिसने अपने धर्म और अपने गुरु के लिए अपनी कुर्बानी दी। उनकी वीरता और बलिदान ने सिखों को सशक्त बनाए रखा और उनकी स्मृति को याद करते हुए आज भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित है।

बाल साहिब जादे:

दो साहिबजादों को आक्रांताओं ने दीवार में जीवित ही चुनवा दिया था. लेकिन इन योद्धाओं ने सनातन संस्कृति को त्यागना स्वीकार नहीं किया। 

इस प्रकार, चारो साहिबजादों की वीर गाथा हमें यह शिक्षा देती है कि वीरता, साहस, और धर्म के लिए किए गए बलिदान से ही समृद्धि और गौरव की प्राप्ति होती है। इन शूरवीरों की शहादत ने सिखों को साहस और समर्पण की मिसाल प्रदान की है।

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Abhishek Chauhan भारतीय न्यूज़ का सदस्य हूँ। एक युवा होने के नाते देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का लक्ष्य लिए पत्रकारिता में उतरा हूं। आशा है की आप सभी मुझे आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिससे मैं देश में समाज के लिए कुछ कर सकूं। सादर प्रणाम।