परिवार संस्कार का केंद्र बनना चाहिए – बी. आर. शंकरानंद जी

नई दिल्ली। भारतीय शिक्षण मंडल दिल्ली प्रान्त द्वारा इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में ‘सशक्त परिवार – समृद्ध भारत’ विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें भारतीय शिक्षण मण्डल के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत का इतिहास समृद्ध और गौरवशाली रहा […] The post परिवार संस्कार का केंद्र बनना चाहिए – बी. आर. शंकरानंद जी appeared first on VSK Bharat.

Nov 10, 2025 - 18:37
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परिवार संस्कार का केंद्र बनना चाहिए – बी. आर. शंकरानंद जी

नई दिल्ली। भारतीय शिक्षण मंडल दिल्ली प्रान्त द्वारा इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय में ‘सशक्त परिवार – समृद्ध भारत’ विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें भारतीय शिक्षण मण्डल के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद जोशी जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत का इतिहास समृद्ध और गौरवशाली रहा है, हमारे देश में, मैं और समाज के बीच कुटुंब की अवधारणा है। कोरिया, जापान और चीन जैसे देश जनसँख्या की कमी से चिंतित हैं, करियर और पैसे की चिंता से परिवार छोटे हो रहे हैं, परिवार से मिलकर ही सभी परेशानियों का हल मिल सकता है, ख़ुशी साझा करने का सबसे अच्छा अनुभव अपने परिवार के साथ ही होता है।

मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी. आर. शंकरानंद जी ने कहा कि भारत, आलय अर्थात परिवार, विद्यालय और देवालय के कारण विश्व में अपनी श्रेष्ठता बनाए हुए हैं। आज हम संधि काल से गुजर रहे हैं, विद्वान् और सज्जन शक्ति के साथ ही प्रकाश की ओर जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु शक्ति, मन्त्रण शक्ति और उत्साह शक्ति संगठन के मंत्र हैं, जिसके द्वारा नयी पीढ़ी को हमें दिशा देने की जरुरत है। परिवार संस्कार का केंद्र बनना चाहिए। जिसमें आत्मीयता, अनुशासन, सहयोग और त्याग का भाव हो, सबका मन एक होना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली के प्रांत प्रचारक विशाल जी ने कहा कि हम भारतीय समाधान करने वाले लोग हैं, विश्व के लिए भारत का योगदान परिवार नामक संस्था है। हम अपने धर्म के पालन के लिए जजिया कर देकर, कभी अपनी पहचान छिपा कर, जीवन और परिवार को बचाकर हम यहाँ तक पहुंचे हैं। उन्होंने परिवार को सशक्त करने के सूत्र देते हुए कहा कि फ़िल्मों के माध्यम से विदेशी विचारों जैसे एकल परिवार, सिंगल पैरेंट जैसे कुत्सित विचारों को पोषित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे अकेलापन और अवसाद बढ़ रहा है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली प्रान्त अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार सिंह ने की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में वृद्धाश्रम जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी। हमारे बीच संवाद की कमी ने समाज में कई प्रकार की विकृतियों को जन्म दिया है। सशक्त परिवार और सशक्त नारी से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सकता है|।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. बबिता सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. धर्मेन्द्र नाथ तिवारी ने दिया।

सशक्त परिवार से सशक्त व्यक्ति का निर्माण होता है, सशक्त व्यक्ति से सशक्त समाज, सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।

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