थैंक यू क्रिकेट... विराट कोहली, आपने हिंदुस्तान की तहजीब का नजारा दुनिया को दिखाया!

भारतीय क्रिकेट टीम के धाकड़ विराट कोहली ने मोहम्मद शमी की मां का पैर छूकर प्रणाम किया। उनका साथी की मां का इस तरह से अभिवादन करना भारत की संस्कृति और संस्कार को दर्शाते हैं। हर कोई विराट की तरीफ कर रहा है और यह तस्वीर उस पाकिस्तान को तमाचा है जो भारत पर लांछन लगाता है।

Mar 10, 2025 - 10:15
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थैंक यू क्रिकेट... विराट कोहली, आपने हिंदुस्तान की तहजीब का नजारा दुनिया को दिखाया!
दुबई: जिसे दुनिया कहती है क्रिकेट किंग, जिसे करोड़ों फैंस सलाम करते हैं, जिसे एक नजर भर देखने के लिए लोग घंटों टकटकी लगाए रखते हैं, जिससे मिलने के लिए चाहने वाले तमाम सुरक्षा घेरे तोड़कर मैदान पर पहुंच जाते हैं उस ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल के बाद जो किया उसका हर कोई कायल हो गया। न्यूजीलैंड पर जीत के बाद विराट कोहली अपने साथी की फैमिली से मिले तो उन्होंने झुक कर पेसर की मां को प्रणाम किया। दुनिया देख रही थी। यह भारत की तहजीब है। यही तो संस्कार है, जो विराट कोहली को घर से मिला है। देश से मिला है, जहां दोस्त के पिता को पिता और मां को मां का सम्मान दिया जाता है। यह गौरवान्वित पल था।संस्कारों के संबंध में आदि गुरु शंकराचार्य ने कहा है- संस्कारों हि नाम संस्कार्यस्य गुणाधानेन वा स्याद्योषाप नयनेन वा...! यानी व्यक्ति में गुणों का आरोपण करने के लिए जो कर्म किया जाता है, उसे संस्कार कहते हैं। 40 से कम उम्र में महानता को प्राप्त कर चुके विराट कोहली जब शमी की मां का पैर छूने के लिए झुके तो उन्होंने संस्कार को लेकर तमाम भारतीयों का नेतृत्व किया। उन्होंने दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम से अपने चाहने वालों को स्पेशल संदेश भेजा।मोहम्मद शमी इस्लाम से आते हैं। वहां पैर छूकर अभिवादन की परंपरा नहीं है, लेकिन जब विराट कोहली शमी की मां से मिले तो उन्होंने अपने संस्कार दिखाए। विराट कोहली पैर नहीं भी छूते तो कोई सवाल नहीं करता, लेकिन उनका झुकना ही बहुत कुछ कह गया। पूरे भारत की छाती गर्व से चौड़ी हो गई। बड़ों को सम्मान देने का यही तो तरीका है। यही तो याद किया जाएगा। ट्रॉफी भारत नहीं जीतता तो कोई और जीतता, लेकिन छाती से ट्रॉफी को चिपकाए रखना आपके लक्ष्य को फतह करने के पीछे लगे परिश्रम। यही तो उस मुकाम पर पहुंचने के पीछे टीम की दृढ़ प्रतिज्ञा और जो पाया है उसके प्रति सम्मान को दर्शाता है। दूसरी ओर, मोहम्मद शमी भारत का वो बेटा, जिसने हर मौके पर खुद को साबित किया है। जब भी जरूरत पड़ी तो वह सीना ताने सबसे आगे नजर आया। उन्होंने 2023 विश्व कप में अपने करिश्माई प्रदर्शन से हर किसी का दिल जीत लिया था। चोट के बाद जब दुनिया कह रही थी कि वह खत्म हो चुके हैं तो उन्होंने जोरदार वापसी की। जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल तक न केवल पहुंचाया, बल्कि 2023 की कसर पूरी कर दी।इस सफर के दौरान कुछ कट्टरपंथियों ने शमी पर पवित्र रमजान में रोजा नहीं रखने पर संगीन आरोप लगाए, लेकिन यह शेर दिल पेसर अपने लक्ष्य पर अड़ा रहा। नेशनल ड्यूटी पर डटा रहा। शमी की जरूरत नहीं पड़ी। उनकी ओर से तमाम भारतीयों ने मुट्ठीभर कट्टरपंथियों को करारा जवाब दिया। यही वजह है कि आज भारत चैंपियन है। भारतीय टीम में शामिल सिर्फ 15 खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ नहीं इस सफलता पर पूरा देश झूम रहा है। 140 करोड़ भारतीय खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। सलाम है विराट कोहली, सलाम है भारत के बेटों को।एक बात और... यह तस्वीर पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश है, जो पिछले कई मौकों पर मोहम्मद शमी को लेकर भारत पर लांछन लगाते आया है। इस तस्वीर ने दिखा दिया कि भारत में हिंदू-मुसलमान में कोई अंतर नहीं है। कोई भेदभाव नहीं है। हिंदुओं के दिलों में मुसलमान बसते हैं। उन्हें वही सम्मान मिलता है, जो किसी और धर्म के लोगों को मिलता है। यह तस्वीर पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा पर तमाचा है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,