नई रिसर्च: ड्रैगन फ्रूट के छिलके से बनेगा और पौष्टिक दही | BHU Research 2025

BHU के कृषि विज्ञान संस्थान की नई रिसर्च में खुलासा — ड्रैगन फ्रूट के छिलके से दही को बनाया जा सकता है और अधिक पौष्टिक। अध्ययन “Food Chemistry Advances” जर्नल में प्रकाशित हुआ।

Nov 8, 2025 - 09:56
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नई रिसर्च: ड्रैगन फ्रूट के छिलके से बनेगा और पौष्टिक दही | BHU Research 2025

नई रिसर्च: ड्रैगन फ्रूट के छिलके से बनेगा और पौष्टिक दही

कृषि अपशिष्ट से पोषण तक — बीएचयू की अभिनव पहल

वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के कृषि विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर और बीआरए विश्वविद्यालय, बिहार के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय के निर्देशन में किए गए एक महत्वपूर्ण अध्ययन में नया वैज्ञानिक समाधान सामने आया है।
अध्ययन के अनुसार, ड्रैगन फ्रूट के छिलकों (Dragon Fruit Peel) का उपयोग कर दही (Yogurt) को और अधिक पौष्टिक (Nutritious) बनाया जा सकता है।

यह शोध प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल “Food Chemistry Advances” में प्रकाशित हुआ है।


शोध के मुख्य निष्कर्ष (Key Findings of the Study)

  • ड्रैगन फ्रूट के छिलकों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) और फाइबर (Dietary Fiber) दही की पोषण क्षमता और गुणवत्ता को बढ़ाते हैं।

  • छिलके के प्राकृतिक यौगिक दही में कल्चर ग्रोथ को प्रोत्साहित करते हैं और स्वाद एवं टेक्सचर को बेहतर बनाते हैं।

  • अध्ययन “Nutrient Circularity” की अवधारणा पर आधारित है — यानी कृषि अपशिष्ट को नए संसाधन में बदलना।


न्यूट्रिएंट सर्कुलैरिटी: कचरे से पोषण तक (Waste to Value Concept)

यह शोध न्यूट्रिएंट सर्कुलैरिटी (Nutrient Circularity) के सिद्धांत को सशक्त बनाता है,
जिसके अंतर्गत कृषि और खाद्य प्रसंस्करण से उत्पन्न अपशिष्ट को उपयोगी उत्पादों में बदलने पर बल दिया जाता है।

इससे न केवल जैविक कचरा कम होगा, बल्कि
खाद्य उद्योग को तीन बड़े लाभ मिलेंगे:

  1. पोषण मूल्य में वृद्धि (Nutritional Enhancement)

  2. पर्यावरणीय स्थिरता (Environmental Sustainability)

  3. अपशिष्ट में कमी (Waste Reduction)


दही के लिए नया पोषण स्त्रोत

  • ड्रैगन फ्रूट के छिलके में पाए जाने वाले फिनोलिक यौगिक (Phenolic Compounds)
    शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं।

  • ये यौगिक दही को एक फंक्शनल फूड (Functional Food) में बदल देते हैं,
    जिससे यह हृदय स्वास्थ्य, पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभदायक बनता है।


शोध का महत्व (Significance of the Study)

यह शोध भारत में कृषि अपशिष्ट के वैज्ञानिक उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ड्रैगन फ्रूट जैसे फलों के छिलकों का उपयोग:

  • फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में वैकल्पिक कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है।

  • पर्यावरण प्रदूषण और लैंडफिल वेस्ट को कम करने में मदद करेगा।


शोधकर्ता

प्रो. दिनेश चंद्र राय
वरिष्ठ प्रोफेसर, कृषि विज्ञान संस्थान, बीएचयू
कुलपति, बीआरए विश्वविद्यालय, बिहार


संदर्भ (Reference)

  • अध्ययन प्रकाशित: Food Chemistry Advances Journal

  • संस्थान: Institute of Agricultural Sciences, Banaras Hindu University (BHU)

  • अवधारणा: Nutrient Circularity & Sustainable Food Systems


ड्रैगन फ्रूट के छिलके से पौष्टिक दही बनाना केवल एक वैज्ञानिक प्रयोग नहीं,
बल्कि कृषि, पर्यावरण और पोषण को जोड़ने की एक नई दिशा है।
यह अध्ययन बताता है कि यदि अपशिष्ट का सही उपयोग किया जाए,
तो वह “कचरा नहीं, बल्कि संसाधन” बन सकता है।


नई रिसर्च: ड्रैगन फ्रूट के छिलके से बनेगा और पौष्टिक दही | BHU Research 2025

BHU के कृषि विज्ञान संस्थान की नई रिसर्च में खुलासा — ड्रैगन फ्रूट के छिलके से दही को बनाया जा सकता है और अधिक पौष्टिक। अध्ययन “Food Chemistry Advances” जर्नल में प्रकाशित हुआ।

@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,