संगठित और संयमित समाज ही राष्ट्र को परम वैभव पर ले जा सकता है – दत्तात्रेय होसबाले जी

गोरखपुर, 17 दिसंबर 2025। संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में हिन्दू सम्मलेन आयोजन समिति ने मालवीय नगर की श्रीराम बस्ती में हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने हिन्दू – हिन्दुत्व, राष्ट्रीय – राष्ट्रीयता, भारत – भारतीयता पर कहा कि चरित्र निर्माण से ही […] The post संगठित और संयमित समाज ही राष्ट्र को परम वैभव पर ले जा सकता है – दत्तात्रेय होसबाले जी appeared first on VSK Bharat.

Dec 18, 2025 - 20:39
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संगठित और संयमित समाज ही राष्ट्र को परम वैभव पर ले जा सकता है – दत्तात्रेय होसबाले जी

गोरखपुर, 17 दिसंबर 2025।

संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में हिन्दू सम्मलेन आयोजन समिति ने मालवीय नगर की श्रीराम बस्ती में हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने हिन्दू – हिन्दुत्व, राष्ट्रीय – राष्ट्रीयता, भारत – भारतीयता पर कहा कि चरित्र निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। भारत की सांस्कृतिक जड़ें एक हैं। उपासना पद्धति अलग अलग हो सकती है, पर धर्म केवल सनातन है। धर्म जीवन जीने की कला है। सनातन धर्म के नाते अपने लोगों ने मानव धर्म के पालन का बीड़ा उठाया वो भी न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे विश्व की मानवता को प्रकाश देने के लिए। सृष्टि की रक्षा करते हुए, नियम का पालन करते हुए, परस्पर प्रेम और आत्मीयता से अपने समाज के लोगों ने अद्भुत कार्य किए हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

हिन्दू धर्म क्या है तो हमारे पूर्वजों ने कहा कि हिन्दू धर्म मानव धर्म है। हमारे धर्म का दुनिया में किसी भी देश के लोग पालन कर सकते हैं, जिसका उदाहरण 21 जून को मनाए जाने वाले योग दिवस के रूप में देख सकते हैं। हमारे देश का अतीत बहुत ही गौरवशाली रहा है। हमारे पूर्वजों के सैकड़ों वर्षों तक आक्रांताओं के खिलाफ संघर्ष किया है। एक गीत है – “चंदन है इस देश की माटी, तपो भूमि हर ग्राम है, हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा-बच्चा राम है”।

उन्होंने कहा कि भारत की विभूतियों ने, भारत के साधकों ने कभी दुनिया का शोषण नहीं किया। हमें अपने समाज को विश्व मित्र समाज बनाना है, भारत को विश्व गुरु बनाना है। पर इसके लिए हमें अपने घर, आस -पास, अपने समाज को ठीक रखना होगा। अगर हम ठीक से खड़े नहीं होंगे तो दूसरे को कैसे ठीक से खड़ा करेंगे। सरकार्यवाह जी ने कहा कि आज दुनिया संकटों, चुनौतियों से घिरी हुई है। वो संकट है पर्यावरण का संकट, जल का संकट, युद्ध का संकट। ऐसे में हिन्दू समाज को क्या करना है, तो हमें धर्म का रक्षक बन कर खड़ा होना है और इस संकट का हल ढूंढना होगा। समाज को जागृत कर खड़ा करना होगा। संगठित और संयमित समाज ही राष्ट्र को परम वैभव पर ले जा सकता है। यह तभी सम्भव है जब व्यक्ति का चरित्र उत्तम हो और यही कार्य संघ की शाखा में किया जा रहा है। व्यक्तिगत चरित्र से राष्ट्रीय चरित्र निर्माण का लक्ष्य लेकर ही संघ और शाखा की संकल्पना की गई।

उन्होंने कहा कि आज अपने बच्चों को जीवन मूल्य सिखाने की आवश्यकता है। बच्चों को अध्यात्म, साहित्य, संस्कृति, धर्म से जोड़ने की जरूरत है। बच्चों को कहानियों, व्यवहार, आचरण, शिक्षा से एक श्रेष्ठ नागरिक बनाने का कार्य करना है। संघ समाज में पंच परिवर्तन के विषय – सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्यबोध, पर्यावरण, स्वदेशी और कुटुंब प्रबोधन को लेकर जा रहा है, इसे अपने जीवन में उतारना है। इस दृष्टि से अपने जीवन को सार्थक और सफल बनाने के लिए हमें संकल्प करना होगा।

विशिष्ट अतिथि स्वामी सच्चिदानंद जी ने कहा कि समय के परिवर्तन के साथ हर चीज में परिवर्तन होता है। आज जिसे हम हिन्दू धर्म कहते हैं, उसे वैदिक में सनातन धर्म कहा जाता है। समय के परिवर्तन से आज हिन्दू शब्द से जाना जा रहा है। धर्म किसी भी व्यक्ति के लिए अनिवार्य तत्व है। इसके अभाव में उसका व्यक्तित्व नहीं रहेगा। सनातन धर्म का कोई प्रवर्तक नहीं है।

कार्यक्रम अध्यक्ष सेवानिवृत्त अपर जिला जज प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल एक संगठन नहीं विचार है, जीवन जीने की पद्धति है और एक निरंतर चलने वाला यज्ञ है। संघ ने पिछले 100 वर्षों में बिना किसी सत्ता की लालसा के समाज को संगठित किया और समाज, राष्ट्र को जागरूक करने का कार्य कर रहा है। साथ ही हिन्दू समाज को उसकी आत्मिक शक्ति का स्मरण करवा रहा है। हिन्दू होना केवल एक पहचान नहीं, बल्कि कर्तव्यों की श्रृंखला है। सनातन संस्कृति की प्रतिष्ठा के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा। मेरा अनुभव है कि जो समाज अपनी जड़ों और मूल्यों से जुड़ा रहता है वो समाज निरंतर आगे बढ़ता है। आज हिन्दू सम्मेलन में इतनी बड़ी संख्या नागरिकों की उपस्थिति से स्पष्ट हो रहा कि प्रत्येक हिन्दू भाई-बहन अपने सामाजिक एवं राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति सजग हो रहा है। समाज में सामाजिक असमानताओं को दूर करके हिन्दुत्व को मजबूत किया जा सकता है।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी, विशिष्ट अतिथि अध्यात्म योग साधना केंद्र के संचालक पूज्य स्वामी सच्चिदानंद जी, अध्यक्ष सेवानिवृत्त अपर जिला जज प्रभाकर मिश्रा जी ने भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित व पुष्पार्चन कर किया। कार्यक्रम में भजन गायक आलोक व भोजपुरी गायक आर्यन ने अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन भारत माता की आरती के साथ हुआ।

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