क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आया सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, कहा- हम कानून नहीं बना सकते, जानें पूरा मामला

Cryptocurrency and Supreme Court: क्रिप्टोकरेंसी में हो रही धोखाधड़ी को लेकर लोग चाहते हैं कि इसके लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाया जाए। इसे लेकर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर हैं। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह कानून नहीं बना सकती। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

Apr 16, 2025 - 14:02
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क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आया सुप्रीम कोर्ट का निर्णय, कहा- हम कानून नहीं बना सकते, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली: को लेकर का एक निर्णय आया है। सुप्रीम कोर्ट ने पर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह कानून नहीं बना सकती। क्रिप्टोकरेंसी एक करेंसी है। यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित होती है। इससे इसे नकली बनाना या डबल-स्पेंड करना लगभग असंभव हो जाता है। इसमें ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। से जुड़ा यह मामला और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आया। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देशभर में कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता केंद्र और अन्य को इस मुद्दे पर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाने के लिए निर्देश देने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि इसे रेगुलेट करने के लिए कोई कानून नहीं है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

जस्टिस गवई ने पूछा, 'यह नीति निर्माताओं के दायरे में है। हम ऐसा कोई निर्देश कैसे जारी कर सकते हैं? हम कानून नहीं बना सकते।' बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मुद्दे पर भारत सरकार को अपना प्रतिवेदन दे सकते हैं। वकील ने तर्क दिया कि कई याचिकाकर्ताओं ने अलग-अलग पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया। लेकिन इस मुद्दे पर कोई रेगुलेटरी पॉलिसी नहीं है।

कोर्ट ने क्यों नहीं सुनी याचिका?

बेंच ने कहा, 'याचिका में की गई प्रार्थनाएं विधायिका और कार्यपालिका के दायरे में हैं। इसलिए, हम याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।' बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहें तो वे विचार किए जाने के लिए उचित प्राधिकारी को अपना प्रतिवेदन दे सकते हैं।

सरकार ने भी दी थी जानकारी

पिछले साल जनवरी में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने और संबंधित अपराधों की प्रभावी ढंग से जांच करने के लिए कोई तंत्र तय नहीं किया है।सुप्रीम कोर्ट विभिन्न राज्यों में क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के आरोप में बुक किए गए एक आरोपी की अलग जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

क्या है पूरा मामला?

कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी के लिए नियम बनाने चाहिए। उनका कहना था कि बिना नियमों के लोगों के साथ धोखा हो रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियम बनाना उनका काम नहीं है। ये काम सरकार का है। कोर्ट ने कहा कि वो सरकार को नियम बनाने के लिए नहीं कह सकते। कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर किसी को कोई शिकायत है तो वो सरकार से कह सकता है।
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