इन दो बल्लेबाजों का बैट चेक फेल, दोनों ही KKR के तूफान हैं, पंजाब से मैच में हुई ये घटना

आईपीएल में बैटिंग करने के लिए उतरने वाले हर बल्लेबाज को अपना बैट चेक कराना होता है। यही नहीं, बैट अगर मानक के अनुसार नहीं है तो बल्लेबाज उस बैट के साथ मैदान पर नहीं उतर सकता। पंजाब के खिलाफ मैच में केकेआर के सुनील नरेन और एनरिक नॉर्त्जे का बैट मानक के अनुसार नहीं था।

Apr 16, 2025 - 14:02
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इन दो बल्लेबाजों का बैट चेक फेल, दोनों ही KKR के तूफान हैं, पंजाब से मैच में हुई ये घटना
मुल्लांपुर: में पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच के दौरान (केकेआर) के और के बल्ले, बैट चेक में फेल हो गए। सलामी बल्लेबाज नरेन के बल्ले को केकेआर की पारी शुरू होने से पहले ही रिजर्व अंपायर सैय्यद खालिद द्वारा डगआउट में ही चेक किया गया। इस दौरान नरेन के साथ-साथ अंगकृष रघुवंशी भी खड़े थे। बैट चेक के दौरान बल्ले की चौड़ाई को एक गेज के बीच से गुजारा जाता है।नरेन के बल्ले का सबसे मोटा हिस्सा गेज को पार नहीं कर सका। इस दौरान नरेन खालिद से बातचीत करते नजर आए और रघुवंशी का बल्ला भी गौर से देखा। रघुवंशी का बल्ला इस चेकिंग के दौरान पास हो गया। पहली पारी के दौरान तीन ओवर में 14 रन देकर दो विकेट लेने वाले नरेन ने अपनी पारी में एक चौके की मदद से चार गेंदों में पांच रन बनाए। वहीं रघुवंशी केकेआर की तरफ से 28 गेंदों में 37 रन बनाकर सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे। केकेआर के चेज के दौरान एक समय वे आठ ओवर में 64 रन पर दो विकेट के स्कोर के साथ बहुत मजबूत दिख रहे थे। लेकिन इसके बाद के खिलाफ उनकी पारी लड़खड़ा गई और नॉर्त्जे अंतिम बल्लेबाज के रूप में बल्लेबाजी के लिए आए, लेकिन वह जिस बल्ले के साथ बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, उसे वापिस भेज दिया गया क्योंकि टीवी कॉमेंटेटर्स के अनुसार अंपायर्स मोहित कृष्णदास और साईदर्शन कुमार के बैट चेक में उनका बल्ला फेल हो गया।यह घटना 16वें ओवर के दौरान हुई और इस दौरान खेल को रोकना पड़ा। इसके बाद सब्सिट्यूट रहमानउल्लाह गुरबाज नॉर्त्जे के लिए अतिरिक्त बल्ले लेकर आए। यह बल्ला, बैट टेस्ट में पास हो गया। हालांकि नॉर्त्जे को इस बल्ले से एक भी गेंद खेलने को नहीं मिला क्योंकि स्ट्राइक पर खड़े आंद्रे रसेल अगली ही गेंद पर बोल्ड हो गए।इससे पहले रविवार को हुए दोनों मैचों के दौरान कई बल्लेबाजों के बैट चेक किए गए थे। नियमों के अनुसार किसी भी बल्ले की चौड़ाई 10.79 सेमी और मोटाई 6.7 सेमी से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि बल्लों के किनारे की चौड़ाई 4 सेमी से अधिक नहीं होनी चाहिए। वहीं बल्लों की लंबाई 96.4 सेमी से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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