कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन, में पढ़ने सबसे अधिक जाते हैं छात्र देश, में भी होगी विदेश जैसी पढ़ाई व स्किलिंग,

कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन, में पढ़ने सबसे अधिक जाते हैं छात्र देश, में भी होगी विदेश जैसी पढ़ाई व स्किलिंग, students Canada America and Britain there education skilling,

Dec 15, 2024 - 20:03
Dec 15, 2024 - 20:06
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कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन, में पढ़ने सबसे अधिक जाते हैं छात्र देश, में भी होगी विदेश जैसी पढ़ाई व स्किलिंग,
कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ने सबसे अधिक जाते हैं छात्र देश में भी होगी विदेश जैसी पढ़ाई व स्किलिंग
मंत्रालय से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में विदेशों में पढ़ाई के लिए गए करीब 13.50 लाख छात्रों में से सबसे अधिक करीब 4.30 लाख छात्र अकेले कनाडा गए है। वहीं करीब 3.50 लाख छात्र अमेरिका और 1.85 लाख छात्र ब्रिटेन गए है। इसके साथ ही आस्ट्रेलिया, जर्मनी, चीन, जार्जिया, यूक्रेन, फिलीपींस में पढ़ाई के लिए बड़ी संख्या में छात्र गए है।
यूजीसी की कुछ अहम पहलें
• स्नातक की पढ़ाई के साथ अब इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है। पढ़ाई में इसके लिए भी क्रेडिट मिलेगा
किसी भी तरह की पढ़ाई और अनुभव अब क्रेडिट अंक में तब्दील होगा। इसके आधार पर छात्र बीच में कभी भी पढ़ाई को छोड़ और उसमें शामिल हो सकेंगे
अनुभव भी पढ़ाई में शामिल किया जाएगा। इसमें कला, शिल्प, संगीत आदि क्षेत्रों से जुड़ा निजी अनुभव या फिर कहीं भी किए काम के अनुभव पर उन्हें क्रेडिट अंक मिलेंगे। इसके आधार वह डिग्री व डिप्लोमा कर सकेंगे
• किसी भी विषय में दाखिला लेने की अब स्वतंत्रता होगी। भले ही उन्होंने 12वीं तक वह विषय न पढ़ा हो। वह विषय विशेष में स्नातक या परास्नातक कर सकेंगे
• 2024 में 13.50 लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए, इनमें 4.30 कनाडा गए थे
• 2022 में पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले छात्रों की संख्या नौ लाख थी
शिक्षा मंत्रालय तैयारी में जुटा, उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों का जुटाया जा रहा डाटा, अध्ययन किया जा रहा कि विदेशी संस्थानों और उन देशों की कौन सी खूबियां हैं जो छात्रों को लुभाती हैं उच्च शिक्षा की जिन खूबियों के चलते हर वर्ष बड़ी संख्या में भारतीय छात्र विदेश की ओर रुख कर रहे हैं, उसे थामने को सरकार के स्तर पर अहम कदम उठाए गए हैं। इनमें सबसे अहम उनकी पसंद के कोसौं की पहचान कर देश में ही वैसी पढ़ाई व स्किलिंग करने की तैयारी की जा रही है। हाल ही में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से उच्च शिक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदमों को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। इसमें स्नातक की पढ़ाई के साथ ही छात्रों के लिए इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है। साथ ही उनकी योग्यता को परखने के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क की भी शुरूआत की गई है। इसमें 30 घंटे की पढ़ाई के बाद एक क्रेडिट अंक मिलेगा।
शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को विदेश जाने से रोकने को लेकर रोड़मैप पर काम शुरू किया है। वह तमाम जानकारियां जुटाने में लगा है, मसलन शिक्षा के लिए सबसे अधिक छात्र किन-किन देशों में जा रहे हैं, किन कोसौं में दाखिला ले रहे हैं। इन विदेशी संस्थानों और देशों की कौन सी ऐसी खूबियां हैं जो छात्रों को अपनी ओर लुभाती हैं और उन्हें इन कोर्सों की पढ़ाई पर कितने पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, छात्रों के विदेश जाने के रुख से शिक्षा मंत्रालय इसलिए भी चिंतित है, क्योंकि देश में यह चलन अब स्टेटस सिंबल का रूप ले चुका है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में जहां करीब नौ लाख भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए थे, वहीं 2024 में 13.50 लाख छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए विदेश की ओर रुख किया है। इस चलन से देश को प्रतिभा व पैसा दोनों की क्षति हो रही है क्योंकि देखने में आया है कि पढ़ाई के लिए विदेश जाने के बाद कम ही छात्र देश लौटते हैं। ज्यादातर वहीं नौकरी करने लगते हैं। सूत्रों के मुताबिक उच्च शिक्षा को 2035 तक जिस तरह ऊंचाई देने व उसके सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

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