ऐश्वर्य आपका इंतजार कर रहा है

जीवनशैली को ध्यान से देखें, उनके जीवन में कहीं भी पूर्ण विराम नहीं होता। सारे अल्पविराम ही होते हैं। पूर्ण विराम पाने की चाहत सदैव उनके भीतर छटपटाती रहती है। एक नहीं अनेक मोचर्चों पर वे डटे रहते हैं। जितना बड़ा काम उतना ही तनाव।

Mar 7, 2024 - 07:59
Mar 7, 2024 - 08:25
 0  4
ऐश्वर्य आपका इंतजार कर रहा है

ऐश्वर्य आपका इंतजार कर रहा है


आज आम आदमी की यही चाहत होती है कि वह भी ऐश्वर्यशाली जीवन जीए। इसके लिए वह प्रयास करता है, अनथक परिश्रम करता है। उसके कोई काम नहीं आता। थक-हारकर वह ऐसे जीवन को एक सपना मान लेता है, जो कभी पूरा नहीं होगा।

अक्जीरियस लाइफ, यह शब्द सामने आते ही अक्सर हमें उन धनाढ्य लोगों का स्मरण हो आता है, जो दौलत के ढेर पर बैठे हैं। चार्टर्ड विमानों में या फिर बड़े-बड़े क्रूज घूमते हैं। आवागमन के लिए उनकी पास महंगी आलीशान गाड़ियां हैं। हमें उनका जीवन पूरी तरह से ऐश्वर्यशाली यानी लक्जीरियस लगता है। आज जिस तरह का वातावरण है, जैसा हमें बताया जा रहा है, जैसा हम देख-सुन रहे हैं, जैसा हम पढ़ रहे हैं, उसे देखते समझते हुए हम यही कह सकते हैं कि ऐश्वर्यशाली जीवन तो ऐसे लोगों का ही है। आज आम आदमी की यही चाहत होती है कि वह भी ऐश्वर्यशाली जीवन व्यतीत करे। इसके लिए वह प्रयास भी करता है, अथक परिश्रम भी उसके कोई काम नहीं आता। थक हारकर वह ऐसे जीवन को एक सपना ही मान लेता है,

जो सचमुच आज जिनके पास बेशुमार दौलत है, उनकी जिंदगी को हम लक्जीरियस मानते हैं। पर हम यह भूल जाते हैं कि उनका जीवन कितनी दुश्वारियों से भरा पड़ा है। कभी उनकी जिंदगी की कल्पना करें, जो शायद हम कर ही नहींसकते। पर विचारों की तरंगों को खुली छूट दें, तो हम उनके जीवन के कुछ अंशों को समझने की कोशिश कर ही सकते हैं। जरा उनकी जीवनशैली को ध्यान से देखें, उनके जीवन में कहीं भी पूर्ण विराम नहीं होता। सारे अल्पविराम ही होते हैं। पूर्ण विराम पाने की चाहत सदैव उनके भीतर छटपटाती रहती है। एक नहीं अनेक मोचर्चों पर वे डटे रहते हैं। जितना बड़ा काम उतना ही तनाव। इस तनावभरी जिंदगी में वे सुकून के दो पल के लिए तरस जाते हैं। उन्हें समय पर भोजन मिल तो जाता है, पर वह उतना रुचिकर नहीं लगता।

बेशुमार दौलत के बीच रहकर भी वे कई बार खुद को दुनिया का सबसे गरीब आदमी समझते हैं। वे इस जिंदगी से आजिज आ जाते हैं। वे चाहते हैं कि कहीं थोड़ी-सी राहत मिल जाए। एक सुकूनभरी नींद मिल जाए। इन पलों पाने के लिए वे भीतर ही भीतर छटपटाते रहते हैं। ऐसे पल उनसे रुठे रहते हैं। कभी समय मिले, तो उनसे पूछना, क्या उन्होंने इस तरह के जीवन की लालसा रखी थी? उनका जवाब नहीं ही होगा। अब एक दूसरा दृश्य आपके सामने है। एक साधारण वर्ग का व्यक्ति, जो रोज रात को जल्दी सो जाता है, सुबह जल्दी उठ जाता है। भोर होते ही टहलने निकल पड़ता है। ताजा हवा उसे कई परेशानियों से मुक्त करने में सहायक होती है। लौटने के बाद वह नाश्ता कर देश- दुनिया की खबरें जानने के लिए अखबार या टीवी का सहारा लेता है।

पत्नी-बच्चों से बातचीत करता है। उनकी परेशानियों का हल निकालता है। समय पर अपने दफ्तर पहुंचकर अपने सहकर्मियों से अच्छा व्यवहार करता है। अपना काम पूरी ईमानदारी से करता है। इसके अलावा अपने साथियों के काम में भी हाथ बंटाता है। इससे उसे लगता है कि उसने अपने समाज के लिए, अपने देश के लिए कुछ किया। इन सारे कामों को करते हुए उसे कहीं भी ऊब महसूस नहीं होती। अच्छा सोचता है, और अच्छा करता है। अपने सामाजिक होने का अहसास कराता है। अच्छे लोगों से मिलता है, अच्छी किताबें पढ़ता है। अच्छी फिल्में देखता है। चूंकि वह सभी को अच्छा मानता- समझता है, इसीलिए वही व्यवहार उसे वापस मिलता है। उम्र के इस पड़ाव में सेहत उसका साथ दे रही होती है। वह खुश रहता है और अपनी खुशियों को बांटने के लिए सदैव तत्पर रहता है। ऐसे व्यक्ति की जिंदगी को हम क्या कहेंगे? वास्तव में यह लाइफ ही लक्जीरियस है। हम लक्जीरियस लाइफ की परिभाषा भूल गए हैं। हमारे आसपास की चकाचौंध भरी लाइफ को हम लक्जीरियस मानते हैं। पर वह जीवन कतई ऐश्वर्यशाली नहीं है। वह जीवन कांटों का ताज है, जिसे पहनना हर किसी के बस की बात नहीं है। वास्तव में हम जो जिंदगी जी रहे हैं, उसे ही थोड़ा- सा व्यवस्थित कर दें, तो वही जीवन ऐश्वर्यशाली बन सकता है, बशर्ते आपके पास धैर्य को धारण करने का साहस हो। इस धैर्य के साथ आपके पास अच्छे विचारों का भंडार हो। जो अनुभव आपने जिंदगी की ठोकरों से प्राप्त किया है। सचमुच यही जीवन ऐश्वर्यशाली है।


आप उसे ही भाग्यशाली मानेंगे न, जो दो वक्त का भोजन परिवार के साथ करता हो, परिवार में उसकी इज्जत हो, अपनी बुराई को दूर करते हुए वह सबके साथ एक जैसा व्यवहार करता हो, नई बातों को अपनाने में संकोच न करता हो, अपनों के बीच अपना बनकर रहना उसे आता हो, इस उम्र में भी वह दवाओं पर निर्भर न हो। अक्सर आम आदमी की जिंदगी में ऐसा नहीं हो पाता, इसलिए वह दूसरे में अपने जीवन की चाहत को देखता है। उसकी जीवनशैली को अपनाने की चाहत रखता है। जीवन मृगतृष्णा है, यह सभी जानते हैं। हमें सदैव दूसरों का जीवन ही श्रेष्ठ लगता है। हम सब भाग रहे हैं, उस कस्तूरी मृग की तरह, जिसकी नाभी में कस्तूरी की सुगंध है, वह समझता है कि यह सुगंध कहीं दूर से आ रही है, जबकि वह सुगंध उसी के पास है, जो उसे दिखाई नहीं देती। हम सामाजिक प्राणी हैं, हमसे अधिक दौलतमंद कोई हो ही नहीं सकता। हमारे पास सुकूनभरी जिंदगी है। इस तरह की सोच हमें ऐश्वर्यशाली जीवन की ओर ले जाती हैं। तो आओ, ऐश्वर्यशाली जीवन आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

wow

sad

सम्पादक देश विदेश भर में लाखों भारतीयों और भारतीय प्रवासियों लोगो तक पहुंचने के लिए भारत का प्रमुख हिंदी अंग्रेजी ऑनलाइन समाचार पोर्टल है जो अपने देश के संपर्क में रहने के लिए उत्सुक हैं। https://bharatiya.news/ आपको अपनी आवाज उठाने की आजादी देता है आप यहां सीधे ईमेल के जरिए लॉग इन करके अपने लेख लिख समाचार दे सकते हैं. अगर आप अपनी किसी विषय पर खबर देना चाहते हें तो E-mail कर सकते हें newsbhartiy@gmail.com