गुड़ी पड़वा के दिन औरंगजेब विवाद में राज ठाकरे की हुई एंट्री, कह दी ये बात

Raj Thackeray On Aurangzeb Tomb: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से औरंगजेब की कब्र को लेकर काफी गरमागरम राजनीति देखने को मिल रही है। कई हिंदुत्व संगठन औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर आक्रामक हो गए। इस मांग को लेकर राज्य के कई प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। क्या औरंगजेब का मकबरा महाराष्ट्र में रखा जाना चाहिए या हटा दिया जाना चाहिए? मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया।

Mar 30, 2025 - 20:46
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गुड़ी पड़वा के दिन औरंगजेब विवाद में राज ठाकरे की हुई एंट्री, कह दी ये बात
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(मनसे) अध्यक्ष ने आज गुड़ी पड़वा की सभा में कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने महाराष्ट्र से औरंगजेब की कब्र हटाने के मुद्दे पर विस्तार से बात की। राज ठाकरे ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद औरंगजेब को आगरा वापस चले जाना चाहिए था। लेकिन वह यहीं रुक गया। उन्होंने सवाल किया कि इतना बड़ा और शक्तिशाली राजा यहां क्यों रुका रहा? राज ठाकरे ने कहा कि औरंगजेब शिवाजी महाराज के विचारों को मिटाना चाहता था। लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाया। उन्होंने औरंगजेब की कब्र को हटाने और वहां एक बोर्ड लगाने की बात कही। जिस पर लिखा हो कि औरंगजेब मराठों को खत्म करने आया था और यहीं दफन हो गया।औरंगजेब की कब्र पर लगाओ बोर्डमनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि औरंगजेब ने सब कुछ करने की कोशिश की, लेकिन अंत में यहीं मर गया। औरंगजेब को दुनिया के इतिहास में पढ़ा जाता है। उसका अध्ययन किया जाता है। जब उसका अध्ययन किया जाता है, तो दुनिया भर के लोगों को पता चलता है कि वह क्या करने गया था और उसकी मृत्यु कैसे हुई? यहीं से छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम दुनिया के सामने आता है। राज ठाकरे ने इस मौके पर महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि वहां जो सजी हुई कब्र है उसे हटाओ। वहां एक बड़ा बोर्ड लगाओ। औरंगजेब, जो हम मराठों को नष्ट करने आया था, उसे यहां दफनाया गया है। यह हमारा इतिहास है। राज ठाकरे ने साफ कहा कि जब अफजल खान यहां आया तो उसने इतिहास क्यों पढ़ा? उसने इतिहास से सीखने के लिए इतिहास पढ़ा। अफजल खान यहां आया, प्रतापगढ़ के पास मारा गया, उसकी कब्र वहीं खोदी गई। मराठों ने दफनायाराज ठाकरे ने कहा कि मराठी में एक बहुत अच्छा शब्द है, 'पुरून उरेन'। इसका मतलब है कि मैं दफन होकर भी जीवित रहूंगा। उन्होंने कहा कि अफजल खान को शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना नहीं दफनाया गया होगा। महाराज ने निश्चित रूप से कहा होगा कि इसे दफनाओ, ताकि दुनिया को पता चले कि हमने किसे मारा है। राज ठाकरे ने कहा कि हमें उन लोगों के प्रतीकों को नष्ट नहीं करना चाहिए जिन्हें मराठों ने दफनाया है। हमें दुनिया को दिखाना चाहिए कि हमने इन्हें दफनाया है।मोसाद का जिक्रराज ठाकरे ने इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का उदाहरण देते हुए कहा कि मोसाद ने इजराइल में कई स्मारक बनाए हैं। लेकिन उन्होंने कुछ लोगों के स्मारक नहीं बनाए हैं। क्योंकि अगर वे ऐसा करते हैं, तो दुनिया को पता चल जाएगा कि यह काम उन्होंने किया है। राज ठाकरे ने कहा कि हमने किसे दफनाया है, यह दुनिया को क्यों नहीं दिखाना चाहते?बच्च्चों को बताएं इतिहासराज ठाकरे ने कहा कि स्कूलों से बच्चों को ऐसी जगहों पर ले जाना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि महाराज ने इसे दफनाया था। यह हम पर राज करने आया था, हमारे धर्म पर हमला किया था। हमारी बहनों की इज्जत लूट रहा था। हमारे मंदिरों को तोड़ रहा था, इसलिए हमने इसे दफना दिया। उन्होंने कहा कि नहीं तो हम अगली पीढ़ी को क्या इतिहास बताएंगे?
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