बदायूं में मासूमों की गर्दन काटने के बाद भी छुरे से किए थे आठ प्रहार
साजिद ने कहा था कि पत्नी शना का प्रसव कराने के लिए पांच हजार रुपये चाहिए। बुधवार को शना ने इससे इन्कार किया।
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बदायूं में मासूमों की गर्दन काटने के बाद भी छुरे से किए थे आठ प्रहार
- संघमित्रा और शिवपाल यादव के वीच आरोप-प्रत्यारोप
Budaun Double Murder
बदायूं UP : विनोद के घर पहुंचीं भाजपा सांसद डा. संघमित्रा मौर्य ने कहा कि मंगलवार रात को हत्याकांड के बाद बवाल होना गलत था। सपा महासचिव व प्रत्याशी शिवपाल यादव पहले भी दंगे कराते रहे हैं। उनके यहां आने से माहौल बिगडा है। संभव है कि इसमे उनका हाथ रहा हो, प्रशासन इसकी जांच कराए। दूसरी ओर, संभल के बहजोई में शिवपाल यादव ने घटना का संदर्भ देकर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। कहा कि एनकाउंटर सही नहीं है। साजिद को मार दिया, अब हत्याकांड का राजफाश कैसे होगा।
- साजिद के एनकाउंटर पर मा वोली- ठीक किया, पुलिस ने मार दिया
- उत्तर प्रदेश के बदायूं में दो यत्तों की नृशंस हत्या के बाद बिलखती स्वजन।
हत्यारोपित के माता-पिता ने कहा, मुझे भी दर्द है साजिद की मां नजरीन ने कहा कि दो बच्चों की हत्या हुई। इसका मुझे भी दर्द है। में समझ सकती हूं कि संगीता किस परिस्थिति से गुजर रही होंगी। साजिद ने गलत किया, ऐसे में पुलिस ने जो किया वह सही है। उसके पिता बाबू बोले, पता नहीं साजिद ने ऐसा क्यों किया। हो सकता है कि कुछ लोगों ने उकसा दिया हो... फिर भी, किसी के बच्चों की हत्या करना गलत है, उसकी सजा मिल गई।
गर्भवती नहीं है साजिद की पत्नी
मंगलवार को विनोद के घर पहुंचे साजिद ने कहा था कि पत्नी शना का प्रसव कराने के लिए पांच हजार रुपये चाहिए। बुधवार को शना ने इससे इन्कार किया। 15 दिन से मायके में रह रही शना का कहना है कि यह गर्भवती नहीं है। आठ दिन से साजिद से बात भी नहीं हुई। कोई विवाद भी नहीं था। उसका कहना है कि इससे पहले दो बार गर्भवती हुई परतु बच्चों की मृत्यु हो गई। दादी बोली, साजिद बहुत गुस्सैल था। घर वाले भी ज्यादा बात नहीं करते थे।
बारह वर्ष का आयुष और छह वर्ष का अहान। हेयर ड्रेसर साजिद व उसके भाई जावेद ने मंगलवार शाम पहले आयुष की गर्दन काटी, फिर अहान की। निदर्दोष बालकों के शरीर से निकले खून से फर्श लाल हो गया, फिर भी हत्यारोपित रुके नहीं। गर्दन काटने के बाद आयुष के सीने, पीठ और हाथ पर छह और अहान पर दो प्रहार किए। दोनों बालकों के हाथों के गहरे जख्म बयां कर रहे थे कि वे जान बचाने के लिए जूझे थे, मगर साजिद व जावेद के आगे बेबस हो गए।
बालकों के पिता विनोद की ओर से मंगलवार देर रात पंजीकृत कराई गई प्राथमिकी में इसका उल्लेख है। साजिद तो एनकाउंटर में ढेर हो चुका, अब हत्यारोपित जावेद की तलाश में चार टीमें लगी हैं। पुलिस ने जावेद की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। एनकाउंटर से संबंधित प्राथमिकी पंजीकृत कर इसकी मजिस्ट्रेटी जांच कराई जा रही है। बेटों की नृशंसता पर साजिद की मां नजरीन और पिता बाबू बुधवार को अफसोस जताते रहे। उन्होंने कहा कि दोनों बालकों की मृत्यु का हमें भी दर्द है। पुलिस ने साजिद का एनकाउंटर कर ठीक ही किया।
दूसरी और, प्रकरण पर भाजपा सांसद डा. संघमित्रा मौर्य और सपा महासचिव शिवपाल यादव के बयानों से राजनीति भी गर्माने लगी। चर्चाओं के अनुसार यह हत्याकांड जादू-टोने के लिए अंजाम दिया गया हो सकता है, क्योंकि साजिद के दो नवजात शिशुओं की पहले मृत्यु हो चुकी है। हालांकि पुलिस और दोनों परिवार के लोग इससे इन्कार कर रहे हैं। ठेकेदार विनोद सिंह के घर के पास साजिद और जावेद ने दो वर्ष पूर्व दुकान शुरू की थी। मंगलवार शाम साजिद पड़ोसी विनोद की पत्नी संगीता से पांच हजार रुपये उधार मांगने पहुंचा। संगीता ने हामी भरते हुए चाय बनने तक इंतजार करने को कहा। इस बीच साजिद छत पर चला गया। विनोद के अनुसार, साजिद का भाई जावेद पहले दरवाजे पर पहरेदारी कर रहा था, बाद में स्वजन की निगाह हटते ही वह भी छत पर पहुंच गया। वहां खेल रहे बेटे अहान से पानी लाने को और आयुष से वहीं रुकने को कहा।
आरोप है कि हत्यारोपितों ने छुरे से आयुष की गर्दन काटी। जब चंद मिनट बाद अहान पानी लेकर आया तो उसकी भी हत्या कर दी। तीसरे बेटे नौ वर्षीय पीयूष के पहुंचने पर उसे भी पकड़ना चाहा मगर, खून के बीच खड़े होने से साजिद के पैर फिसल गए। यह असंतुलित हुआ, इतने में पीयूष जान बचाकर भागा। यह घटनाक्रम बताते हुए बुधवार को विनोद का गला भर आता तो कभी चेहरे पर आक्रोश दिखने लगता। बोले, शोर शराबा होने पर मुहल्ले के लोगों ने साजिद को पकड़ा मगर, वह हाथापाई कर भागने में सफल रहा। बाद में वह मुठभेड़ में मारा गया। जावेद पहले ही भाग चुका था। घटना के समय विनोद की मां मुन्नी देवी ने एक ही हमलावर होने की बात कही थी, इस पर विनोद का कहना था कि हड़बड़ी के कारण वह घटनाक्रम समझ नहीं सकी होंगी।
दूसरी और, दोपहर को पुलिस ने हत्यारोपितों के पिता बाबू और चाचा गयासुद्दीन से थाने में पूछताछ की। बाद में गयासुद्दीन की थाने से जाने दिया। हत्या का कारण स्पष्ट नहीं: दो बालकों की हत्या का कारण बुधवार को भी स्पष्ट नहीं हो सका। प्राथमिकी में भी इसका जिक्र नहीं है। इस पर विनोद का कहना है कि जावेद जिंदा पकड़ा जाए, तभी पता चल सकेगा कि हत्या क्यों की।
घटना के अगले दिन भी प्रत्यक्षदर्शी पीयूष दहशत में था। दबी जुबान से बोला कि सैलून वाले भइया के हाथ में चाकू थे। उन्होंने मुझे मारने का प्रयास किया। बुधवार तड़के चार बजे बालकों का पोस्टमार्टम हुआ, इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। साजिद को भी सिपुर्द-ए- खाक किया गया। मुठभेड़ के दौरान उसके सीने में तीन गोलियां लगी थीं।
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