रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संदेश में मौलाना हशमत अली खां की वतनपरस्ती की प्रशंसा और एकता की महत्वपूर्णता
रक्षा मंत्री ने बताया कि लखनऊ, जो तहजीब का शहर है, से उनका खास वाबस्ता रहा है। उत्तर प्रदेश के संत, सूफी, और फकीरों ने हमेशा कौमी एकता का संदेश दिया है और इस परंपरा ने देश की एकता में मजबूती दी है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- मौलाना हशमत अली खां की वतनपरस्ती प्रेरणादायी; तहजीब के शहर लखनऊ से रक्षा मंत्री को आमंत्रित किया गया"
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय संस्कृति और एकता को मजबूती देने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की प्रशंसा की है।
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मौलाना हशमत अली खां की वतनपरस्ती को रक्षा मंत्री ने प्रेरणादायक माना और उनकी सच्चाई, समर्पण, और ऊंचे मूल्यों की मिसाल दी है।
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राजनाथ सिंह ने दिखाया कि तहजीब का शहर लखनऊ से उनका गहरा जुड़ाव है और वहां के संत, सूफी, और फकीरों ने हमेशा कौमी एकता का संदेश दिया है।
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सेमीनार "वतन परस्ती" के आयोजन से जुड़े रक्षा मंत्री के व्यस्तता के बावजूद, उन्होंने अपने विचारों को वीडियो संदेश के माध्यम से साझा किया है।
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रक्षा मंत्री ने दिखाया है कि सामाजिक एकता, भाईचारा और विभिन्न धार्मिक सम्प्रदायों के साथ मिलजुलकर रहने की महत्वपूर्णता को समझते हैं।
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देशवासियों को उन्होंने यह समझाया है कि पर्वों की रिति-रिवाजों के माध्यम से देश की एकता को मजबूती मिलती है।
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रक्षा मंत्री ने मौलाना हशमत अली खां की वतनपरस्ती से सभी धर्मों और मजहबों के लोगों को प्रेरित करने की बात की है।
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आस्तान ए हशमतिया के सेमीनार के आयोजकों ने महत्वपूर्ण संदेशों को साझा करने के लिए रक्षा मंत्री को आमंत्रित किया है।
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रक्षा मंत्री ने सेमीनार के आयोजन के लिए अपने व्यस्तता के बावजूद समर्थन और शुभकामनाएं भेजी हैं, जो यह दिखाता है कि उन्होंने इस घड़ीचिन्ह को महत्वपूर्ण माना है।
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राजनाथ सिंह ने सेमीनार को महत्वपूर्ण बनाने के लिए अपना योगदान देने की इच्छा जताई है और उन्होंने सेमीनार का आयोजन मार्च या अप्रैल में करने की योजना बताई है।
केंद्र सरकार ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की नीति पर चलते हुए देश की एकता को मजबूती देने का कार्य किया है। रक्षा मंत्री ने अपने संदेश में मौलाना हशमत अली खां की वतनपरस्ती की प्रेरणा को महत्वपूर्ण बताया और उन्हें एक उदाहरण माना।
राजनाथ सिंह ने कहा कि मौलाना हशमत अली खां ने अपनी जिंदगी में तकलीफों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी कट्टरता के आगे झुकने का नहीं सोचा। उन्होंने ऊंचे ओहदे का लालच ठुकराया और सदैव अपने दृढ़ संकल्प के साथ कार्य किया।
रक्षा मंत्री ने बताया कि लखनऊ, जो तहजीब का शहर है, से उनका खास वाबस्ता रहा है। उत्तर प्रदेश के संत, सूफी, और फकीरों ने हमेशा कौमी एकता का संदेश दिया है और इस परंपरा ने देश की एकता में मजबूती दी है।
सेमीनार "वतन परस्ती" जो आस्तान ए हशमतिया के ओर से आयोजित होने वाला है, में मौलाना हशमत अली खां की वतनपरस्ती पर राजनाथ सिंह को आमंत्रित किया गया है। रक्षा मंत्री ने अपनी व्यस्तता के कारण सेमिनार में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपना समर्थन और शुभकामनाएं भेजी हैं।
राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान कहा कि देश में गंगा-जमुनी तहजीब का पैगाम उत्तर प्रदेश से ही चला है और इसे मजबूती से बनाए रखने का काम हम सभी को मिलकर करना होगा। इसके लिए हमें मौलाना हशमत अली खां जैसे लोगों से सीखना चाहिए।
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