कौन था फिरोज गांधी या खान? पारसी या मुस्लिम

फिरोज गांधी कौन थे—पारसी या मुस्लिम? उनका असली नाम क्या था और उनका धर्म क्या था? जानिए फिरोज गांधी के जीवन, उनके परिवार, राजनीति और नेहरू परिवार से उनके संबंधों के बारे में विस्तृत जानकारी।फिरोज गांधी और खान कौन थे? फिरोज गांधी बिना किसी कारण के कैसे : फिरोज गांधी, फिरोज गांधी धर्म, फिरोज गांधी पारसी या मुस्लिम, फिरोज गांधी असली नाम, फिरोज गांधी इतिहास, फिरोज गांधी जाति, फिरोज गांधी का धर्म, फिरोज गांधी नेहरू परिवार, फिरोज गांधी जीवन परिचय

Mar 13, 2025 - 18:59
Mar 13, 2025 - 19:11
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कौन था फिरोज गांधी या खान? पारसी या मुस्लिम

फिरोज गांधी कौन थे—पारसी या मुस्लिम? उनका असली नाम क्या था और उनका धर्म क्या था? जानिए फिरोज गांधी के जीवन, उनके परिवार, राजनीति और नेहरू परिवार से उनके संबंधों के बारे में विस्तृत जानकारी।

मतलब पारसी धर्म तो पारसी धर्म के जो लोग हैं उनके क्या बिलीफ हैं क्या उनकीहिस्ट्री रही है किस तरीके के ट्रेडिशनलको फॉलो करते हैं यह सब चीजें हम डिस्कसकर रहे थे उसी दौरान उसने भारत के जो फेमसपारसी लोग हैं उनके बारे में कुछ एक्सांपलदिए थे जिसमें से मैंने कहा था सैममानिकशॉ और रतन टाटा दादा भाई नौरोजी औरफिरोज गांधी की भी बात मैंने इसमें किफिरोज गांधी पारसी रिलिजन को फॉलो करनेवाले व्यक्ति थे तो इससे कि है कि कुछ लोगहो गए नाराज और उन्होंने कमेंट सेक्शन में ऊटपटांग बातें लिखना शुरू कर दिया कि फिरोज गांधी गांधी नहीं है खान थे 

तुम्हें क्या पता तुम तो कांग्रेस के समर्थक को तोमुझे ना यह बात समझ में नहीं आई कि अगरकिसी व्यक्ति का क्या रिलेशन है वह चायखान है चाहे वह गांधी है वह पहाड़ सी हैंहिंदू है या मुस्लिम उससे मैंयह कांग्रेस का समर्थक कैसे हो गया यहक्या बात हो गई इसमें क्या लॉजिक है औररिलेशन तो बड़ा पर्सनल चीज है इस पर किसीने कोई क्या फॉलो करता है यह बात हम चर्चाकरनी भी नहीं चाहिए लेकिन इसके बाद भीक्योंकि काफी सारे मित्र जुड़े हुए हैं औरमैंने एग्जांपल दिया था इसीलिए मैं यहवीडियो लेकर आया हूं कि फिरोज गांधी कौनथे यह खान थे कि गांधी थे हिंदू थे न मुस्लिम थे की पारसी थे कौन थे और किस तरीके के इसके इनके बारे में फैली हुई हैबातें मैं इनकी कोई बहुत बड़ी बायोग्राफी नहीं करने वाला हूं बस कुछ को चीन के बारेमें आपको बताऊंगा ठीक है तो बात यह है यहतो होना ही नहीं चाहिए था सवाल की खान थेकि कहां खान तो आपने पढ़ाई नहीं होगा व्हाट्सएप के अलावा और कहीं ऐसी चीज पढ़ी होंगी

जो ऐसी-ऐसी प्रोपोगेंडा वाली वह मशीनरी होती है जो फैलाती हैं उनका अलगमुद्दा होता है वह अपनी जगह हैं क्योंकिआप जानते हैं कि फिरोज गांधी का नाम जो हैएक बहुत बड़ी पॉलीटिकल पार्टी से जुड़ाहुआ था तो इसीलिए बहुत सारी चीजें उनकेआसपास बनी जाएंगे क्योंकि नाम फिरोज है तोफिरोज के साथ में खान सूट करता है मैंनेमैं आपको एक वीडियो बनाया था जिसमें मैंनेकहा था कि चंगेज खान भी खान होने केबावजूद वह मुस्लिम नहीं था वह टांग रिलीजनको फॉलो करने वाला व्यक्ति था तो सवालहमारा यह होना चाहिए कि इंदिरा नेहरूइंदिरा नेहरू और फिरोज जहांगीर गांधी यहजो शब्द है यह के बाद में गांधी कैसे बनाकांच की जो फैमिली है जो पॉलीटिकल पार्टीहै कांग्रेस और उसके जो अध्यक्ष हैं और यहजो लोग हैं इनको गांधी कैसे मिला यहमहात्मा गांधी वाला गांधी इनको कैसे मिलाइनका सरनेम पहले ने फिरोज जहांगीर गांधीथा जिसमें स्पेलिंग आप देख सकते हैं किजांच एंड डिवाइन था तो यह आगे गांधी कासेवन और इंदिरा नेहरू कैसे बनी यह सबबातें हमें डिस्कस करनी है यह सवाल होनाचाहिए फिरोज गांधी जाने क्यों जाते हैंजाने इसलिए जाते हैं पहली बात तो वहइंदिरा गांधी की जजमेंट है जो कि पहलीभारत की महिला प्रधानमंत्री थी औरप्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सपनों थेतो यह इनको अपने आप में स्पेशल बना देताथा कि वह इसलिए इनकी पहचान थी और बाकी बहुत बड़े ऐसे फ्रीडम फाइटर ऐसे नहीं थेइसके अलावा लोकसभा के में बर भी रहे थेफ्रीडम फाइटर भी रहे थे आगे मैं आपकोबताऊंगा और जनरल सभी रहे थे उन्होंने अखबार में भी काम किया था एक चीज है जिसकेलिए यह और जाने जाते हैं वह यह है कि इन्होंने LIC मुद्रा जो स्कैंडल है उसकोएक्सपोज किया था वह क्या था उसको मैं लास्ट में बताऊंगा लेकिन लोग इन चीजों के बारे में जानने में ज्यादा दिल चस्पी रखते ही नहीं है उनको क्या जानना है कि फिरोज गांधी किस रिलीजन को बिलीव करते थे हमेंतो यह बता दो बस है ना और हम यह प्रयोगकरना चाहते हैं कि खान थे कि यह गांधी थेजो कि इतना बड़ा मुद्दा होना भी नहीं चाहिए खान होते तो भी क्या फर्क पड़ता था 

लेकिन ठीक है यह फिरोज गांधी की बायोग्राफी है जो लिखिए बटन फॉर अपने विरुद्ध फॉरगेट इन गांधी क्योंकि फ्लर्टिंग गांधी क्यों क्योंकि इनकेपरिवार में भी इनको इतना उद्धम मिला नहींथा सब इंदिरा की बात करते थे बाद में उनकेबच्चे संजय और राजीव की बात करते थे कोईभी फिरोज के बारे में ज्यादा बातचीत करताहै नहीं था इसीलिए मिथ्वी इनके बारे मेंफैलाना आसान काम था अब बात करते हैं इनकेजन्म से लेकर फिरोज गांधी इन जहांगीरगांधीजिसका नाम था इनका जन्म हुआ था एक पारसीफैमिली में और तेल मूलजी नरीमन हॉस्पिटल जो है तृणमूल जब एक पारसी व्यक्ति थेउन्होंने पार्टी हॉस्पिटल के फाउंडर थे यह जिसको यह हॉस्पिटल का नाम है पारसी लाइनहॉस्पिटल यह मुंबई में है ठीक है वहां परइनका जन्म हुआ था इनके पेरेंट्स जो हैउनके पिता का नाम था जहांगीर फरीदून गांधीऔर उनकी माता का नाम था रतिमाई ठीक है इनकी फैमिली जो है वह उससे जो कि गुजरातका हिस्सा है अब जानते हैं यह जो सावधानगुजरात है वहां बहुत से यह मुंबई आ गए थेआज मुंबई शिफ्ट हो गए थे उस समय तो मुंबईथा आज मुंबई हो गया है ठीक है तो वहां परहैं तो उनके आंसेस्टर्स आप जब अगर बेडरूमजाओगे वहां पर अगर आपको इंटरेस्ट बहुतज्यादा हो अगर आपको यह चीज जाननी हो तोवहां पर जाकर पता भी कर सकते हैं इन कैंसरऔर स्ट्रेस उनके ग्रैंडफादर्स जो आगे कीजो उनकी फैमिली है वहां पर रहती भी है ठीकहै उसके बाद बात आती है कि यंग एज में औरएजुकेशन लोन कहां से कि देखो जन्म 1962में हुआ था इनका अगर बात बता दूंऔर फिर 19th कि उनके पापा की है तो कितनेबिस्वा इसमें के पापा की डेथ हो गई थी और1978 में यह पापा की डेथ के बाद अपनी माताके साथ अलावा चला गया कि आज का प्रयागराजवहां पर इन्होंने विद्या मंदिर हाई स्कूलसे अपनी स्कूलिंग करी पूरी और ब्रिटिशस्टाफ इरविन क्रिश्चियन कॉलेज से अपनीग्रेजुएशन कंप्लीट की ठीक है यही दूर थाइसी दौरान वह मिले थे इंदिरा से और इंदिरासे कैसे मिले जब 1930 इसका जो समय चल रहाथा देखिए सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट समयचल रहा था उस समय ठीक है सविनय अवज्ञाआंदोलन चल रहा था उस समय कांग्रेस की एकभिन्न थी इसको बोलते थे वानर सेना ठीक हैयह फॉर्म की गई थी उसी समय फिरोज मिले थेकमला नेहरू और इंदिरा नेहरू से उस समयइंद्र ने हुई थी क्योंकि उनके पिता का समयलगेगा मैरिड थी तो यह धरना देकर बैठ थीइनकी कॉलेज के बाहर इरविन क्रिश्चियनकॉलेज है उसके बाहर धरना इन्होंने दे रखाथा वहां यह पहली बार मिले थे तो उस समय 1516 साल की इस टीम की ओर उसके बाद ऐसाव्रत है कि अनुसार लिए यह करें इंदिरा कोप्रपोज भी किया था लेकिन शुरू में नहींमानेंगे क्योंकि कमी ट्यूब समय मारने कीबात ही नहीं थी उसके बाद यह लंदन में मिलेलंदन में इंदिरा पड़ती थी वहां पर मिलेहॉटस्पॉट के पास और उसके बाद धीरे-धीरे केबीच में जो भी लव एंगल बना 26 मार्च 1942कुनिस अधिकारी और शादी को लेकर भी काफीसारे मित्र हैं वहीं कई लोगों ने कहा किइंदिरा को इन्होंने मुस्लिम रिलेशन मेंकनवर्ट किया और फिर मुस्लिम ट्रेडिशन सेइन्होंने शादी की लेकिन वह बिल्कुल नहींआई थी बात है जिसका कोई प्रमाण नहीं हैइन्होंने हिंदू कर दी जेल से शादी की आनंदभवन में और यह देखो फोटो है बकायदा यहआपको कहीं भी लगती है कि मुस्लिम रिचुअल्सव्यापार से रिलीज से शादी की गई है तो यहफोटो अवेलेबल फोटो है जो चीजें हैं उन्हींके ऊपर में बात करो फैक्स परमेज़न मुझेकिसी तरीके के प्रोपोगेंडा में फैलाने काकोई इंट्रस्ट नहीं है ना कांग्रेस के लिएमैं बैठा हूं कि वह लोग उनका मैं यहां परसमर्थन करूं या उनको वह बताऊं कि वह यह थेकोई जरूरी नहीं है लेकिन मैंने वीडियोबनाया था इसलिए मैं बताता हूं अब यह गांधीसे गांधीअपने इस बारे में बात कर लेते हैं ठीक हैदेखो 1930 उन्होंने सिविल डिसऑबेडिएंसमूवमेंट को जॉइंट कर लिया था इंडियनइंडिपेंडेंस में यह एक तरीके से फ्रीडमफाइटर बन गए थे उसके बाद 1930 के दो समयही यह बहुत सारे लोगों को जेल में डालागया था तो यह जेल में रहे थे 9 महीने तकऔर किन के साथ श्री लाल बहादुर शास्त्रीजी के साथ शास्त्री जी तो आप जानते हैंभारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे उनके साथयह जेल में भी रहे थे और उसके बाद क्योंकियह गांधी जी को अपना हीरो मानते थे तो

इन्होंने अपने सरनेम की स्पेलिंग है जी ऐडडिवाइस है जी ये एंड डिडक्टिव कर दियागांधी कर लिया तो अब इस चीज पर देखो विवादहो सकता है विवाद यह कि कुछ लोग कहें किइनका इंटेंशन यह था कि वह गांधी नाम है तोवह उनको पॉलिटिकली बड़ा फायदा करेगा होसकता है इन टेंशन हो कुछ भी हो सकता है इसचीज को हम उनके अंदर मन में क्या चल रहाहै उसको नहीं कर सकते हो सकता है किकन्वीनियंस के लिए गांधी उन्होंने सरनेमरखा हो लेकिन बात यह नहीं है कि गांधीसरनेम लिखा बात यह है कि गाअभी से गांधी बने और खान से गांधी वह नहींबने थे यह बात है ठीक है उसके बाद यह हमगांधी की बात करें तो नेहरु सर नेम की भीबात कर लेते हैं छोटी सी बात है जो हमारेपहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे उनकाभी ओरिजिनल सरनेम नेहरू नहीं था उनका वजनसमय तक कॉल यह कश्मीरी पंडित थे अब जानतेहैं तो इनके जो अली NSS हैं उनमें सेराजकुल नाम के व्यक्ति जो है उनका पताचलता है और यह व्यक्ति जो हैं इन्होंनेनाम रखा था वे नेहरू और कारण क्यों क्याथा क्योंकि नहर के पास रहते थे कैनालज्योति ना कहना एनर्जी होती है उसके मेंकिनारे रहते थे तो उन्होंने नेहरू रख लियानेहरू कर लिया जैसे होता है जो कोई बनारसहै तो बनारसी कर लिया इलाहाबादी कर लियाराहत इंदोरी कर लिया तो इंदौर ही कर लियायह शब्द है ना उसी तरीके से हमने पैनल सेकहना है वह कर लिए नहर से नेहरू कर लियायह ने अपने मर्डर कर लिया था ठीक है यहचीज है अब बात करते हैं लास्ट जो LICमुद्रा स्कैंडल है इसकी बात करते हैं देखोआवाजभारत का यह सबसे पहला और सबसे बड़ा हैfinancial स्किन था उस समय का ठीक है पहलाथा एक करोड़ 26 लाख का यह एप्लीकेशनस्कैंडल था आप सोचेंगे अब तो यह बहुत छोटीअमाउंट लगती है इस कैंडल की तरह से किहजारों करोड़ों के अभी घोटाले हो जाते हैंतो यह उस समय के हिसाब से बड़ी अमावती यहएक्चुअल में स्कैंडल किया था एक व्यक्तिथा जिसका नाम था हरिदास मूंधरा एक कलकत्ताका एक इंडस्ट्रीज तथा स्टॉक इंस्पेक्टर थायानी कि सर मार्केट क्या रिफ्रेश सफेदफाइनेंसियल एडवाइजर था कि कहां पैसा डालनाचाहिए तो इसने LIC को एक रिकमेंडेशन दियाLIC आप जानते हैं लाइफ इंश्योरेंसकॉरपोरेशन जो पूरी तरह से सरकारी हुआ करतीथी अब यह धीरे-धीरे करके इस उसमें भीआईपीओ में भी है कि वह बात ठीक है तो उसनेकहा कि 1 करोड़ 26 लाख 86 हजार रुपए LICटो इन्वेस्ट करने हैं छह कंपनियों में औरवह छह कंपनियां जो थी वह फायदे में नहींथी उन्हें इंवेस्टमेंट करना सही नहीं थाऔर उस इनवेस्टमेंट के लिए सरकारतब बनाया इसके ऊपर LIC पर कि आप उसमेंइनवेस्ट कीजिए LIC को बिना अपनी lic नेअपनी कमिटी से एक तरीके से कंसल्ट किएपैसा इन्वेस्ट किया और इस बात को उजागरकिसने किया फिरोज गांधी ने फिरोज गांधी कोइसीलिए कहा जाता है कि वन ऑफ द फ्यूलफिल्टर एलिमेंट जो पॉलिटिशन से जिन्होंनेकरप्शन के बारे में की जिसमें दिनों मेंघोटाले क्रॉस किया शुरुआती है नेक्स्टपोस्ट का ज्ञान फिरोज गांधी ने बात कि LIC का इज डिसीजन है इसको इनवेस्टमेंट का वहबताओ क्यों किया ऐसा और उन्होंने कटघरेमें खड़ा कर दिया कि फाइनेंस सेक्रेटरीएग्जाम प्लेट पटेल और फाइनेंस मिनिस्ट्रीमिनिस्टर टीटी कृष्णमाचारी जो हैं उनकेदबाव में यह इनवेस्टमेंट किया गए हैं तोयह क्योंकि यह बताइए आप और इस चीज के लिएकुछ लोग कहते हैं कि नेहरू नाराज भी हो गएथे फिरोज से कुछ लोगों का यह भी मानना हैकि नेहरू की बैकिंग सही फिरोज ने मामलाउठाया था कि टीटी कृष्णामचारी को हटा सकेऔर इवन हुआ बाद में इंक्वायरी औरकृष्माचारी को रिमाइंड करना पड़ा औरसृष्टा तो यह जो है वो बात थी जितना हमेफिरोज गांधी के बारे में जानना था अब एकबार जिनकी डेथ के बारे में जान लेते हैंजो भी है कि इसमें भी इंपोर्टेंट चीज हैकि 1968 में 48 साल की याद में वेलिंगटनहॉस्पिटल जो दिल्ली में है वहां परहार्टअटैक से की डेथ हो गई थी उसके बाद जोइनकी एसएस है इनके जो Reliance है जोअवशेष हैं उनको कहां दफनाया गया इसमें दोबातें हैं दो बातें हैं कुछ लोग कहते हैंकि कुछ हिस्सा जो है इनकी जो बाद में जोअवशोषित थे उनको गंगा में बहाया गया औरबाकी हिस्से को पार थिस एंट्री जो हैइलाहाबाद में वहां पर दफनाया गया यह भीकहा जाता है कि चाहते नहीं थे फिरोज कीपारसी जो रिलेशन का जो तरीका है किसी कोएक तरीके से मौत के बाद वह करने का उसकेलिए क्या बोलते हैं अंतिम संस्कार का उनकोपसंद नहीं था क्योंकि वह साइज टावर ऑफसाइलेंस पर जो तरीका है वेंचर्स उसको खाजाते हैं वह चीज हैं उनमें वह उनको पसंदनहीं था वह उनको फ्रूट लगता था तो इनकोकमेंट्री में ही दफनाया गयापूरे प्रॉपर पार्षद तरीके से हिंदू कल्चरसे इनका कुछ अंतिम संस्कार का वह तरीकारहा तो हिंदू कल्चर से कुछ चीजें की फिरभी जुड़ी हुई है मुस्लिम कल्चर से तो कईभी आपको वह चीजें नहीं मिलती है जोप्रमाणिक तौर पर आप कैसे कि ठीक है ठीक हैतो यही है मुद्दा कि कौन थे पढ़ फिरोज गांधी और क्या उन कर लिया था किस तरीके सेउनकी लाइफ ठीक है यह मैंने आपको बता दियाऔर पुलिस आपको चीजे समझ में ही होंगे अगरआप अभी भी किसी व्हाट्सएप को लेकर या किसीचीज को लेकर प्रमाणित और पर बात ना कर के उस पर बात करना चाहते हैं

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,