RSS क्या है और यह क्या करता है? पूरी जानकारी

आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह नाम सुनते ही आपके मन में क्या विचार आते हैं एंटी मुस्लिम कम्युनल हिंदू राष्ट्र कट्टर पंथी दंगे फसाद अखबारों और न्यूज चैनल्स ने बर्सों से जो झूठ हमें बेचा है और हमने खरीदा है

Jun 2, 2024 - 17:06
Jun 2, 2024 - 18:56
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RSS क्या है और यह क्या करता है? पूरी जानकारी

RSS क्या है और यह क्या करता है?

पूरी जानकारी

आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह नाम सुनते ही आपके मन में क्या विचार आते हैं एंटी मुस्लिम कम्युनल हिंदू राष्ट्र कट्टर पंथी दंगे फसाद अखबारों और न्यूज चैनल्स ने बर्षो से जो झूठ हमें बेचा है और हमने खरीदा है उसकी छवियां अगर आपकी सोच को गुमराह कर रही हैं तो इसमें आपका कोई दोष नहीं है सच कहूं तो गुमराह होना गलत नहीं है गुमराह होते रहना गलत है मैं कोशिश करूंगा कि लॉजिकल माइंड और रैशनल अप्रोच के साथ आपको आरएसएस की वो तस्वीर दिखा पाऊं जो मैंने अपनी आंखों से देखी है शर्त बस एक है  कॉलोनाइज माइंड के साथ नहीं फ्री थिंकिंग के साथ सबसे पहले एक डिस्क्लेमर मैं किसी भी राजनीतिक या सांस्कृतिक संगठन का सदस्य नहीं हूं किसी पॉलिटिकल पार्टी से मेरा कोई ऑफिशियल कनेक्शन नहीं है मेरे जीवन में सिर्फ तीन एजेंडा हैं सत्य सेना और सनातन जो इन तीनों के साथ है मैं उसके साथ हूं जो इनके खिलाफ है मैं उसके खिलाफ हूं आगे बढ़ने से पहले आरएसएस का 

बैकग्राउंड चेक कर लेते हैं 27 सितंबर 1925 विजय दशमी का दिन था जब डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी ने नागपुर में आरएसएस की स्थापना की थी सिर्फ पांच लोग इस शुरुआत में उनके साथ थे डॉक्टर हेडगेवार के बारे में एक किस्सा सुना था जब मैं नागपुर गया था 1905 में अंग्रेज सरकार ने वंदे मातरम

गाने पर बैन लगा दिया था सिर्फ साल बाद 19 बरस के केशवराम ने अपने विद्यालय में पूरे जोर शोर से वंदे मातरम गा दिया प्रिंसिपल ने कहा माफी मांगो या रेस्ट केशन लेटर तैयार है वंदे मातरम गाने के लिए कोई देशभक्त कैसे माफी मांग सकता है केशवराम ने नहीं मांगी वो विद्यालय से निकाल दिए गए इस घटना के 16 वर्ष बाद उन्होंने संघ की स्थापना की जहां आज भी राष्ट्र प्रेम के लिए माफी नहीं मांगी जाती 55000 शाखाओं वाला संघ आज भारत ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी वॉलंटरी ऑर्गेनाइजेशन है आप इसे एनजीओ भी कह सकते हैं आरएसएस का फुटप्रिंट आज दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में है और करोड़ों लोग

इसके सदस्य हैं मैं फिर से याद दिला दूं डॉक्टर हेडगेवार  ने सिर्फ पांच लोगों के साथ संघ का शुभारंभ किया था अगले साल 2025 में संघ अपने 100 साल पूरे कर लेगा बड़े ड्रामे रहे यह 100 साल हजारों आरोपों से भरे और घिरे हुए कभी संघ को कम्यून कहा गया तो कभी तिरंगे और संविधान का अपमान

करने वाला एक राइट विंग ऑर्गेनाइजेशन बताया गया कुछ लोग संघ को मुस्लिम विरोधी मानते हैं तो कुछ भारत विरोधी कितना सच है इन आरोपों में आइए एक-एक करके समझते हैं अगस्त 1947 अंग्रेज भारत छोड़कर जा चुके थे लेकिन दादरा नगर हवेली और गोवा अब भी पुर्तगालियों के कब्जे में थे जुलाई 1954

में दादरा नगर हवेली को पुर्तगालियों से आजादी मिली आरएसएस के सहयोग से हिस्ट्री बुक्स चेक कर लीजिएगा 2 अगस्त 1954 को संघ के स्वयंसेवकों ने सिलवासा में पुर्तगाली झंडे को उतारकर तिरंगा फहराया और दादरा नगर हवेली को भारत सरकार के हवाले कर दिया आपने एकदम सही सुना संघ ने सिलवासा में भगवा झंडा नहीं तिरंगा फहराया था और देश के संविधान का आदर करते हुए उसका पालन

करते हुए दादरा और नगर हवेली भारत सरकार को सौंप दिया था अब बारी थी गोवा की नेहरू सरकार ने गोवा की आजादी के लिए मिलिट्री ऑपरेशन करने से इंकार कर दिया था आरएसएस की फिलॉसफी एकदम क्लियर थी जब तक भारत की धरती पर कोई भी विदेशी रूल कर रहा है हमारी आजादी खंडित है इनकंप्लीट है अधूरी है और इसीलिए 1961 में जगन्नाथ राव जोशी की लीडरशिप में हजारों स्वयंसेवक गोवा

पहुंच गए इधर स्वयंसेवकों ने आंदोलन शुरू किया उधर पुर्तगाली सरकार ने गिरफ्तारियां शुरू कर दी जगन्नाथ राव जोशी सहित सैकड़ों संघ कार्यकर्ताओं को 10-10 साल की सजा सुनाई गई सरकार जितने स्वयंसेवकों को जेल भेजती उससे ज्यादा अगले दिन आंदोलन में शामिल हो जाते सिचुएशन कॉम्प्लिकेटेड से

क्रिटिकल की ओर बढ़ती जा रही थी ऐसे में भारत सरकार ने गोवा में सैन्य कार्यवाही की और आरएसएस के सहयोग से 1961 में गोवा को पुर्तगालियों से आजाद करवा लिया गया अगर आरएसएस ने पहल नहीं की होती तो शायद आज गोवा या दादरा और नगर हवेली जाने के लिए हम वीजा लगवा रहे होते हैं संघ को अपने हिंदुत्व पर अपनी सनातन संस्कृति पर गर्व है यह लेबल उन्होंने कभी छुपाया नहीं लेकिन ऐसा भी नहीं है कि यह लेबल संघ अपने माथे पर चिपका के घूमता है संघ  से खुद को हिंदू कहने का अर्थ इस्लाम या किसी और रिलीजन कम्युनिटी या एथनिक को छोटा बताना या उसका विरोध करना कैसे हो गया हम जिस देश वंश धर्म में जन्म लेते हैं उस पर गौरव होना नेचुरल है एक छोटे से एग्जांपल से समझते हैं मैं दुनिया में सबसे ज्यादा इज्जत अपने माता-पिता की करता हूं लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं कि मैं

 आपके माता-पिता को छोटा समझता हूं या उनके विरुद्ध हूं मेरे मन में सबके लिए बराबर सम्मान है लेकिन पांव छूने की बारी आई तो सबसे पहले मैं अपने माता-पिता के पांव छूने आगे बढूंगा अगर मैं अपने पेरेंट से ज्यादा आपके पेरेंट्स को सम्मान दूं तो समझ लीजिए मैं लिबरल होने का ढोंग कर रहा हूं और अंदर से मैं एक चालाक और मक्कार इंसान हूं जो अपने माता-पिता की इज्जत नहीं करता वो किसी की इज्जत नहीं कर सकता सिमिलरली जो अपने देश और धर्म का सम्मान नहीं करता वो किसी के देश और धर्म का सम्मान नहीं कर सकता संघ इस झूठे लिबरलिज्म से खुद को दूर रखता है गर्व से खुद को हिंदू कहता है और इसीलिए अक्सर मिसअंडरस्टैंडिंग का शिकार हो जाता है अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए संघ पर

मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाने वाले बड़ी आसानी से यह फैक्ट अनदेखा कर देते हैं कि संघ के करोड़ों कार्यकर्ताओं में एक बड़ा हिस्सा मुस्लिम स्वयंसेवकों का भी है आरएसएस ने बार-बार यह कोशिश की कि इस  देश के लाखों राष्ट्रवादी मुसलमान एक मंच पर आए और इसीलिए 2002 में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच एस्टेब्लिश किया जो आज देश के लाखों नेशनलिस्ट मुस्लिमों को रिप्रेजेंट करता है सर संघ चालक आदरणीय श्री मोहन भागवत जी कई मौकों पर कह चुके हैं मुसलमान भारत का एक अहम हिस्सा है और मुसलमानों के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती जिस संस्था का चीफ ऐसा स्टेटमेंट दे उसे

मुस्लिम विरोधी कहना सही है या गलत है यह मैं आपको नहीं बताऊंगा आप खुद समझदार हैं इंटेलेक्चुअल्स को हमेशा यह डर सताता रहा कि आरएसएस एक दिन भारत को हिंदू राष्ट्र बनाकर ही छोड़ेगा उनका यह डर कितना लॉजिकल है यह जानने से पहले आपको देश राष्ट्र और राज्य का अंतर पता होना चाहिए कंट्री स्टेट एंड नेशन आर नॉट सेम देश एक भौगोलिक एक जियोलॉजिकल एरिया है जिसकी एक सर्टेन बाउंड्री होती है राज्य एक पॉलिटिकल एंटिटी है जिसके अपने नियम कानून कायदे होते हैं लेकिन इन सबसे अलग

राष्ट्र एक सांस्कृतिक पहचान एक कल्चरल आइडेंटिटी है जो देश की सीमा और संविधान से कहीं आगे है उसके परे है इसे ऐसे समझिए अगर अमेरिका के कैलिफोर्निया में कोई हनुमान चालीसा पड़ रहा है या ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में कोई ओम जय जगदीश हरे गा रहा है तो इसका मतलब हुआ कि भारत राष्ट्र की

सीमाएं अमेरिका से ऑस्ट्रेलिया तक फैली हुई है तो एक बात साफ-साफ समझ लेनी चाहिए कि हिंदू राष्ट्र कोई बनाने की चीज नहीं है जो आरएसएस बनाना चाहता है भारत हमेशा से एक हिंदू राष्ट्र था है और हमेशा रहेगा इससे ना किसी को डरने की जरूरत है ना घबराने की यह तो हुआ पहला फैक्ट दूसरा इससे भी ज्यादा इंपॉर्टेंट है आरएसएस के समर्थक और विरोधी दोनों मानते हैं कि संघ देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संघिता का सबसे बड़ा पक्षधर है क्योंकि संघ के बेसिक एजेंडे में यूसीसी आज से नहीं पिछले 70 सालों से शामिल है यूसीसी का मतलब क्या है देश के सभी सिटीजंस के लिए एक जैसे नियम कानून हिंदू मुसलमान पारसी ईसाई बौद्ध सबके लिए सेम लॉ और यह लॉ वही है जो कांस्टिट्यूशन में लिखा है आरएसएस यह नहीं कहता कि देश गरुण पुराण से चलेगा यह आज से मनुस्मृति ही कानून है एक देश एक कानून मैं आज तक नहीं समझ पाया कोई इसके खिलाफ कैसे हो सकता है अभी पिछले दिनों कुछ लोगों ने बड़े विश्वास के साथ संघ वालों को अनपढ़ घोषित कर दिया यह आरएसएस को छोटा करने का एक

चालाकी भरा प्रयास था चलिए फैक्ट चेक करते हैं कि संघ की बागडोर कितने अनपढ़ों के हाथों में रही है संघ की स्थापना किसने की श्री केशव बलिराम डगवार एमबीबीएस थे अगले सर संघचालक श्री लक्ष्मण वासुदेव परांजपे एमबीबीएस फिर गुरु गोलवलकर बीएससी एमएससी एलएलबी गुरुजी के बाद मधुकर दत्तात्रेय

एलएलबी फिर रज्जू भैया बीएससी एमएससी पीएचडी के सुदर्शन बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और वर्तमान में श्री मोहन भागवत जी वेटनरी साइंस में ग्रेजुएट अनपढ़ कौन से गोला से आए हो भाई मैं तो प्रार्थना करूंगा कि पूरा देश ऐसे ही अनपढ़ हो जाए वैसे आरएसएस वाले तीन विषयों में अनपढ़ हैं यह मैं भी स्वीकार करता हूं झुकना दबना और डरना इन तीनों सब्जेक्ट में इनके नंबर जीरो हैं बाकी राष्ट्र धर्म का परचा बांट दीजिए 100 में 100 आएगा कुछ फैक्ट्स बताता हूं ध्यान से सुनिए आजादी के बाद कश्मीर के महाराजा

सिंह भारत के साथ विलय को लेकर असमंजस की स्थिति में थे इधर हमारी सरकार भी हाथ पर हाथ धरे बैठी थी ये वो समय था जब कबाइली हों के भेष में पाकिस्तानी सेना लगातार कश्मीर में घुसती जा रही थी सरदार पटेल कितने बड़े विजनरी थे यह आप मेरे बताने से तो जानेंगे नहीं इट्स एन ओपन सीक्रेट सरदार को विश्वास था कि अगर महाराजा हरि सिंह को कोई समझा सकता है तो वो है गुरु गोलवलकर जो संघ के दूसरे सर संघ चालक थे सरदार के आग्रह पर गुरुजी खुद श्रीनगर पहुंचे महाराजा हरि सिंह से मुलाकात की

उनको कन्वेंस किया और इस तरह कश्मीर का भारत में विलय संभव हो सका यह अलग बात है कि नेहरू जी की लिबरल सोच ने कश्मीर और कश्मीरियों को पूरी तरह भारत का हिस्सा कभी बनने ही नहीं दिया जब तक आर्टिकल 370 का अब्रोगेशन नहीं हुआ था कश्मीर हमारा होकर भी हमारा नहीं था वापस लौटते हैं

1947 में देश का विभाजन हुआ पाकिस्तान ने जन्म लेते ही भारत पर हमले की योजना बनानी शुरू कर दी हमारी सेना शूरवीर से भरी हुई थी लेकिन हमें और पहरेदार की जरूरत पड़ी संघ के स्वयंसेवकों के पास ना तो कोई मिलिट्री ट्रेनिंग थी ना कॉम्बैट एक्सपीरियंस फिर भी निडर होकर सीमा की पहरेदारी करते रहे और जब पाकिस्तानी सेना ने सीमा लागने की कोशिश की तो एकएक स्वयंसेवक चट्टान की तरह खड़ा हो गया जान दे दी हिंदुस्तान नहीं दिया उधर ईस्ट और वेस्ट पाकिस्तान में हिंदुओं पर भीषण अत्याचार किए जा रहे थे बड़ी मुश्किल से कुछ हिंदू अपनी जान बचा के सीमा पार करके भारत पाए लेकिन भारत सरकार के पास इतने रिसोर्सेस नहीं थे कि इन रिफ्यूजियो को दो वक्त की रोटी और सर पर छत दे सके ऐसे में एक बार फिर संघ आगे बढ़ा आरएसएस ने 3000 से ज्यादा राहत शिविर लगाई बंटवारे से दरबदर हिंदुओं को सर पर छत दी थाली में रोटी दी और बीमारों की हथेली पर दवाएं रखी यह काम सरकार के थे लेकिन आरएसएस ने मानवता की सेवा करने के लिए कभी सरकार का  इंतज ार नहीं किया 47 से आगे बढ़ते हैं 62 की ओर इंडो चाइना वॉर वही युद्ध जिसमें हमारे देश की वामपंथी पार्टियां विभीषण बन गई थी भारत में रह के भारत का खाके चाइना का सपोर्ट कर रही थी उनको ियर अप कर रही थी वैसे यह आदत आज तक नहीं बदली है लेकिन अब फर्क नहीं पड़ता एक स्टेट तक से मिट के रह गए हैं थोड़े दिनों में वहां भी नहीं रहेंगे मूविंग ऑन टू 1962 इंडो चाइना वॉर थोड़ा सा रिसर्च कीजिए आपको ऐसी कई स्टोरीज मिल जाए जहां सीमा पर डटे सैनिकों की सेवा में स्वयंसेवकों ने अपनी जान लगा दी बर्फीली चोटियों पर जहां ऑक्सीजन पहुंचना मुश्किल था वहां खाने पीने की चीजें पहुंचाई घायल सैनिकों का इलाज किया और वीरगति प्राप्त मां भारती के सपूतों का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ करवाया प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू आरएसएस की इस निस्वार्थ सेवा से प्रभावित हुए बिना रह नहीं पाए 1963 के रिपब्लिक डे सेलिब्रेशन में उन्होंने आरएसएस को पूरे सम्मान के साथ इनवाइट किया इतिहास में पहली बार 3500 स्वयंसेवकों ने राष्ट्र पथ पर कदम ताल करके पूरे देश को एकता अखंडता और देश पहले का संदेश दिया भारत मां तेरी माटी तेरा आदेश पहले दुनिया के सारे सुख पीछे हैं मेरा देश पहले 1965 में भारत

पाकिस्तान के बीच एक और युद्ध छिड़ चुका था देश में सैनिकों की कमी थी इसलिए प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दिल्ली पुलिस के जवानों को सीमा पर भेजने का निर्णय लिया इस दौरान दिल्ली का पूरा

 ट्रैफिक कंट्रोल स्वयंसेवकों ने संभाला था युद्ध के दौरान कश्मीर की हवाई पट्टियां पर जमी बर्फ को हटाने में भी स्वयंसेवकों ने दिन रात पसीना बहाया था परिणाम शास्त्री जी के नेतृत्व में भारत एक बार फिर विजय हुआ 1984 प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी की निर्मम हत्या हुई और इसके बाद पूरा भारत सिख विरोधी दंगों की आग में जलने लगा 84 के दंगों में स्वयं सेवकों ने हमारे निर्दोष सिख भाइयों बहनों

को अपने घरों में शरण देकर उनकी जान बचाई इमरजेंसी के दिनों में डेमोक्रेसी को बचाने के लिए सड़कों पर आरएसएस उतरा जमीदारी प्रथा को अबॉलिश करने के लिए आंदोलन आरएसएस ने किए भारतीय सैनिकों के

लिए ब्लड डोनेशन कैंप्स आरएसएस ने लगाए उड़ीसा साइक्लोन भोपाल गैस ट्रेजरी उत्तराखंड की बाढ़ गुजरात नेपाल श्रीलंका इंडोनेशिया में आए भीषण भूकंप इन सब आपदाओं में रिलीफ और सेफ्टी मिशंस में सबसे आगे आरएसएस रहा संघ की इन सेवाओं को राष्ट्र हित माना जाए या नकार दिया जाए इसका फला मैं आपके विवेक पर छोड़ता हूं लेकिन किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले आरएसएस का बेसिक प्रिंसिपल जान लीजिए जाति पंथ प्रांत या भाषा से बहुत दूर राष्ट्र प्रथम संघ का अभिमान संघ की शक्ति कोई एक

व्यक्ति नहीं बल्कि हम 140 करोड़ भारतीय हैं ध्यान रहे 140 करोड़ सिर्फ 100 करोड़ नहीं आपने बड़े धैर्य से सुना बड़े ध्यान से पढ़ा आपका आभार

नोट- यह लेख  मनोज मुतसर की विडियो से लिया गया है 

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