बाबरी' प्रेम.. फुल सियासी गेम! NCERT किताबों से बाबरी संदर्भ हटाने पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी
NCERT की किताब से बाबरी मस्जिद, भगवान राम, श्री राम, रथ यात्रा, कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी हटा ली गई है। देश की टॉप एजुकेशन बॉडी ने 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब से ये शब्द हटा लिए हैं।
वहीं, बुक में बाबरी मस्जिद नाम के बजाय इसे तीन गुंबद वाला ढांचा और अयोध्या विवाद को अयोध्या विषय के नाम से पढ़ाया जाएगा। 4 पेज के टॉपिक को भी दो पेज का कर दिया गया है।
बाबरी मस्जिद विध्वंस या उसके बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा का संदर्भ क्यों हटा दिया गया? इस सवाल पर NCERT के डायरेक्टर दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा- हमें स्कूल में दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए? हम पॉजिटिव नागरिक बनाना चाहते हैं, न कि वॉयलेंट (हिंसक) और डिप्रेस्ड
एनसीईआरटी की किताबों से बाबरी मस्जिद का संदर्भ हटाने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि लोगों को अतीत की गलतियों से क्यों नहीं सीखना चाहिए? ओवैसी ने लोकसभा में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के लिए अनुदान की मांगों पर बहस के दौरान सरकार पर किताबों में बदलाव का आरोप लगाया।
दरअसल, एनसीईआरटी ने बाबरी मस्जिद और 2002 के गुजरात दंगों के संदर्भ हटा दिए हैं, जिसे लेकर ओवैसी ने नाराज़गी जताई है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, "क्या वे गोडसे को स्वतंत्रता सेनानी बनाना चाहते हैं?" और पूछा कि ऐतिहासिक सच्चाई क्यों छिपाई जा रही है?
ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा दोनों में मुसलमान औपचारिक शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन सरकारी उदासीनता और लापरवाही की वजह से मुसलमान पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। शिक्षा मंत्री ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि ओवैसी का दावा गलत है और मुस्लिम बच्चियों की पढ़ाई की संख्या में गिरावट नहीं आई है। उन्होंने कहा, "ओवैसी जी मुस्लिम समाज को डराने का काम ना करें।"
इस मुद्दे पर जारी विवाद से यह स्पष्ट हो गया है कि ऐतिहासिक संदर्भों को हटाने और उनकी व्याख्या को लेकर राजनीति का खेल चल रहा है। ओवैसी और सरकार के बीच इस टकराव ने शिक्षा क्षेत्र में भी सियासत के रंग घोल दिए हैं। #bharatiyanews