दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर काशीवासियों का अद्वितीय उत्साह: पंचगंगा घाट पर जलयोग का अद्भुत प्रदर्शन

काशीवासियों का योग के प्रति यह उत्साह और समर्पण वाकई में सराहनीय था। इस अवसर पर वाराणसी के विभिन्न घाटों और सार्वजनिक स्थलों पर योग शिविर आयोजित किए गए थे, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

Jun 22, 2024 - 21:39
Jun 22, 2024 - 21:40
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दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर काशीवासियों का अद्वितीय उत्साह: पंचगंगा घाट पर जलयोग का अद्भुत प्रदर्शन

दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर काशीवासियों का अद्वितीय उत्साह: पंचगंगा घाट पर जलयोग का अद्भुत प्रदर्शन

वाराणसी, 21 जून: दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर काशीवासियों में योग को लेकर जबरदस्त उत्साह और उमंग देखने को मिली। प्राचीन धार्मिक नगरी वाराणसी के पंचगंगा घाट पर योग का अद्भुत नज़ारा प्रस्तुत किया गया। हजारों की संख्या में लोगों ने एकत्र होकर एक साथ योगाभ्यास किया, जो एक प्रेरणादायक दृश्य था।

पंचगंगा घाट पर आयोजित इस विशाल योग सत्र में धीरज गोस्वामी ने विशेष जलयोग का प्रदर्शन किया, जो उपस्थित सभी लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र रहा। जलयोग, जो सामान्य योग से अलग पानी के भीतर या पानी के संपर्क में किया जाता है, ने सभी का मन मोह लिया। गोस्वामी के इस प्रदर्शन ने सभी को प्रभावित किया और योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

काशीवासियों का योग के प्रति यह उत्साह और समर्पण वाकई में सराहनीय था। इस अवसर पर वाराणसी के विभिन्न घाटों और सार्वजनिक स्थलों पर योग शिविर आयोजित किए गए थे, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

काशीवासियों ने इस अवसर पर यह संदेश दिया कि योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। एक साथ एक लाख से ज्यादा लोगों ने योगाभ्यास कर यह संदेश दिया कि निरोगी काया के लिए योग अत्यंत आवश्यक है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित योग प्रशिक्षकों और आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने योग के विभिन्न पहलुओं और इसके लाभों पर प्रकाश डाला।

काशी में योग के इस अद्भुत आयोजन ने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि दुनिया भर के योग प्रेमियों को भी प्रेरित किया। यह आयोजन इस बात का प्रमाण था कि योग न केवल भारत की प्राचीन विरासत है बल्कि यह आधुनिक जीवन शैली का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर काशीवासियों के इस अद्वितीय उत्साह ने वाराणसी को एक बार फिर से योग की नगरी के रूप में स्थापित किया और सभी को स्वस्थ और सुखी जीवन जीने की प्रेरणा दी।

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