आतंकवादी को मिली जमानत! UAPA के तहत गिरफ्तार इंजीनियर राशिद को कोर्ट से मिली राहत

आतंकवादी को मिल गयी जमानत इंजीनियर राशिद जो UAPA के तहत जेल में बंद था उसे आज कोर्ट ने जमानत दे दी इंजीनियर राशिद पर घाटी में आतंकियों को फण्ड पहुंचाने का गंभीर आरोप है।

Sep 11, 2024 - 16:00
Sep 11, 2024 - 16:41
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आतंकवादी को मिली जमानत! UAPA के तहत गिरफ्तार इंजीनियर राशिद को कोर्ट से मिली राहत

आतंकवादी को मिली जमानत! UAPA के तहत गिरफ्तार इंजीनियर राशिद को कोर्ट से मिली राहत

श्रीनगर: घाटी में आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता और आतंकियों को फंडिंग पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार इंजीनियर राशिद को आज कोर्ट से जमानत मिल गई है। यह फैसला केंद्रीय एजेंसियों और सुरक्षाबलों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जिन्होंने राशिद पर गंभीर आरोप लगाए थे। इंजीनियर राशिद पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा चल रहा था, जिसमें आतंकियों को आर्थिक सहायता पहुंचाने और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के गंभीर आरोप शामिल थे।

आतंकवादी राशिद पर क्या हैं आरोप?

इंजीनियर राशिद, जो पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं, पर आरोप है कि उन्होंने घाटी में सक्रिय आतंकवादी संगठनों को आर्थिक सहायता प्रदान की। सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि राशिद ने पाकिस्तान और अन्य देशों से प्राप्त फंड को घाटी में आतंकियों तक पहुंचाया, जिसका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया।

जमानत का आधार

राशिद की जमानत पर कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा, जिससे यह साबित हो सके कि राशिद की गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधे खतरा थीं। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले की जांच जारी रहेगी और राशिद को आगे की सुनवाई में उपस्थित रहना होगा।

आरोपों  पर  गंभीरता आरोप हैं आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने के 

राशिद पर लगे आरोपों में शामिल है कि वह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क में थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने घाटी में पत्थरबाजों और अन्य आतंकवादी गतिविधियों को फंडिंग की। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उन्हें 2019 में गिरफ्तार किया था और तभी से वह हिरासत में थे।

सुरक्षा एजेंसियों  के नाक  में दम कर रखा है 

राशिद की जमानत के बाद सुरक्षा एजेंसियों में चिंता की लहर दौड़ गई है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह फैसला आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े मामलों में जांच और अभियोजन के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एजेंसियां इस मामले की जांच में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेंगी और राशिद पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।

कश्मीर में  राजनीतिक प्रतिक्रियाएं अब बदल सकती है 

राशिद की जमानत पर घाटी के कई राजनीतिक दलों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं ने इसे न्यायपालिका का सम्मान करते हुए स्वागत किया, वहीं कुछ ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हो सकता है।

राशिद की जमानत के बावजूद, जांच एजेंसियां उनके खिलाफ मजबूत सबूत जुटाने में लगी हैं। NIA और अन्य एजेंसियों का मानना है कि राशिद की गतिविधियों से जुड़े और भी कई सुराग सामने आ सकते हैं, जिनसे इस मामले को पूरी तरह से उजागर किया जा सकेगा।

यह देखना होगा कि आगे की जांच में क्या खुलासे होते हैं और क्या राशिद पर लगे आरोपों में कोई ठोस सबूत मिलते हैं। फिलहाल, राशिद की रिहाई को लेकर घाटी में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।

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