महाराष्ट्र के दोनों गठबंधनों में सीटों के लिए खींचतान
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के दोनों बड़े गठबंधन सत्तारूढ़ महायुति एवं महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों में अधिकतम सीटें पाने की खींचतान जारी है।
उलझा मामला - प्रकाश आंबेडकर ने अपने दल के लिए 27 सीटों की लंबी-चौड़ी सूची एमवीए नेताओं को सौंपी, महायुति में यह मसला दो दिन के महाराष्ट्र दौरे पर आए अमित शाह सुलझाने वाले हैं
आगामी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के दोनों बड़े गठबंधन सत्तारूढ़ महायुति एवं महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों में अधिकतम सीटें पाने की खींचतान जारी है। महायुति में यह मसला दो दिन के महाराष्ट्र दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुलझाने वाले हैं, तो एमवीए में शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को राकांपा संस्थापक शरद पवार के घर जाकर इस मुद्दे पर करीब डेढ़ घंटे बैठक की।
सत्तारूढ़ महायुति में सबसे बड़े दल भाजपा के साथ शिवसेना (शिंदे गुट) एवं राकांपा (अजीत गुट) शामिल है। इस गठबंधन में शामिल तो और भी कई दल हैं लेकिन, लोकसभा चुनाव में उनकी दावेदारी नहीं है। लेकिन, एमवीए में कांग्रेस, राकांपा शरदचंद्र पवार एवं शिवसेना (यूबीटी) के अलावा प्रकाश आंबेडकर, किसान नेता राजू शेट्टी और कोल्हापुर से छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज साहू जी भी कतार में हैं।
प्रकाश आंबेडकर ने तो अपने दल के लिए 27 सीटों की लंबी-चौड़ी सूची एमवीए नेताओं को सौंप दी है। स्वयं उद्धव ठाकरे भी मंगलवार को अपने दल के लिए 23 सीटों की एक सूची लेकर शरद पवार के घर गए थे। दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे बैठक चली। बताया जा रहा है कि इस बातचीत में प्रकाश आंबेडकर को दी जाने वाली सीटों पर भी चर्चा हुई है। एमवीए के नेता प्रकाश आंबेडकर को कितनी सीटों पर मना पाएंगे, यह कहा नहीं जा सकता। क्योंकि, प्रकाश आंबेडकर 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने दल को मिले वोटों के आधार पर ही सीटें मांग रहे हैं। तब प्रकाश आंबेडकर का दल वंचित बहुजन आघाड़ी राज्य की 47 सीटों पर चुनाव लड़कर 14 प्रतिशत बोट पाने में सफल रहा था।
वह जीत तो एक भी सीट नहीं पाए थे। लेकिन कांग्रेस को सात सीटों पर हरवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसलिए एमवीए उन्हें नाराज करने की स्थिति में नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) और प्रकाश आंबेडकर की खींचतान में कांग्रेस और शरद पवार तो बोल भी नहीं पा रहे हैं। दूसरी ओर सत्तारूढ़ महायुति में ऊपर से तो सब कुछ शांत दिखाई दे रहा है। उसके नेता कह रहे हैं कि सीट का बंटवारा जीत के समीकरण के आधार पर तय होगा।
लेकिन, शिवसेना शिंदे गुट ने 22 सीटों की सूची सामने रख दी है। दरअसल, असली शिवसेना का दर्जा एवं चुनाव चिह्न पा चुके मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के भाव बढ़ चुके हैं। पिछले वर्ष शिवसेना में हुई टूट के बाद पार्टी के 18 में से 13 सांसद उनके साथ आ चुके हैं। चूंकि, 2019 में शिवसेना राज्य की 23 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसलिए, वह अपने साथ आ चुके सांसदों के अलावा नौ और सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। इसी प्रकार राज्य के दूसरे उप मुख्यमंत्री अजीत पवार भी अपने दल के लिए 10 सीटों की मांग रख रहे हैं।
जबकि, भाजपा अपने इन दोनों साथियों को लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर ही मना लेना चाहती है। छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भले वह उन्हें अधिक सीटें देकर अपने साथ रखे। मंगलवार को महाराष्ट्र पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपनी पार्टी के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उप मुख्यमंत्री अजीत पवार से भी बातचीत होने की संभावना है। माना जा रहा है कि दोनों गठबंधनों में सीटों का मसला बुधवार को सुलझा लिया जाएगा।
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