वाराणसी में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान: 'गौ-समर्थक एकनाथ शिंदे को जीतना चाहिए'

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Nov 9, 2024 - 21:07
Nov 9, 2024 - 21:10
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वाराणसी में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान: 'गौ-समर्थक एकनाथ शिंदे को जीतना चाहिए'

वाराणसी में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान: 'गौ-समर्थक एकनाथ शिंदे को जीतना चाहिए'

वाराणसी: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शिंदे को चुनाव में विजय प्राप्त करनी चाहिए क्योंकि वे गौ-समर्थक हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गौ संरक्षण और संरक्षण के मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते हुए शिंदे को एक ऐसा नेता बताया है जो इस दिशा में आवश्यक कदम उठा सकते हैं। उनका कहना था, "गौ-समर्थन से जुड़े मुद्दों पर दृढ़ संकल्प वाले नेताओं का चुनाव जीतना आवश्यक है ताकि वे समाज और धार्मिक परंपराओं को बनाए रख सकें।"

महाकुंभ में गैर-हिंदुओं पर रोक की मांग

इसके साथ ही शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाकुंभ के आयोजन में गैर-हिंदुओं की उपस्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें इस धार्मिक आयोजन से दूर रहना चाहिए। उन्होंने मक्का की तीर्थयात्रा का उदाहरण देते हुए कहा, "जब मक्का में हिंदुओं को 40 किलोमीटर की दूरी पर रोक दिया जाता है, तो महाकुंभ में गैर-हिंदुओं का क्या कार्य है?" उनका मानना है कि हिंदू धार्मिक आयोजनों में सिर्फ हिंदू धर्मावलंबियों की ही सहभागिता होनी चाहिए ताकि परंपराएं और धार्मिक भावना सुरक्षित रह सकें।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बयान का प्रभाव

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के इस बयान के बाद समाज में व्यापक प्रतिक्रिया हो रही है। कुछ लोगों ने उनके इस बयान का समर्थन किया है, जबकि अन्य लोग इस पर विभाजित नजर आ रहे हैं। विशेष रूप से महाकुंभ में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को लेकर यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह धार्मिक आयोजनों में सहभागिता के अधिकारों और परंपराओं पर चर्चा को बढ़ावा देता है।

एकनाथ शिंदे और गौ संरक्षण का मुद्दा

शंकराचार्य द्वारा एकनाथ शिंदे का समर्थन करने के पीछे का कारण उनकी गौ-समर्थक नीतियां हैं। महाराष्ट्र में गौ संरक्षण और उससे जुड़े कानूनों को लागू करने में शिंदे की भूमिका को लेकर संत समुदाय में सकारात्मक विचार हैं। शंकराचार्य के अनुसार, गौ संरक्षण से संबंधित नीतियों को मजबूत करने के लिए शिंदे जैसे नेता की जरूरत है, जो धर्म और परंपरा के प्रति सम्मान रखते हों।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इन बयानों से धार्मिक समुदायों और समाज में एक नई चर्चा छिड़ गई है। यह बयान विशेष रूप से हिंदू धार्मिक आयोजनों की शुद्धता, परंपरा की सुरक्षा, और गौ संरक्षण की आवश्यकता को लेकर दिए गए हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार