13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ के दौरान अब तक 28 करोड़ से अधिक लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं

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Jan 31, 2025 - 20:12
Jan 31, 2025 - 20:17
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13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ के दौरान अब तक 28 करोड़ से अधिक लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं

13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ के दौरान अब तक 28 करोड़ से अधिक लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं

13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ के दौरान अब तक 28 करोड़ से अधिक लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं और लगातार देश और विदेश से लोग प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा मेला देखने पहुंच रहे हैं.

इस मेले के दौरान एक तरफ जहां आस्था, हर्ष और उल्लास का संगम देखने को मिला वहीं कुछ मौके ऐसे भी थे जिनकी वजह से कई लोगों की आँखों में आँसू आए. देखिये अब तक कैसा रहा महाकुंभ 2025.

महाकुंभ 2025: आस्था और का अद्भुत संगम

प्रयागराज, 31 जनवरी 2025: 13 जनवरी को शुरू हुआ महाकुंभ 2025 अब तक 28 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति के साथ सफलता की नई मिसाल पेश कर रहा है। इस विशाल आयोजन में आस्था, हर्ष, उल्लास, और धार्मिक श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिला। हर साल की तरह इस बार भी महाकुंभ ने श्रद्धालुओं को न केवल आस्था की डुबकी का मौका दिया, बल्कि अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक और मानवीय पहलुओं को भी उजागर किया।

आस्था की डुबकी: एक अद्भुत दृश्य

महाकुंभ में हर दिन लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और विदेशों से भी लोग इस महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए आ रहे हैं। गंगा, यमुना और सरस्वती के मिलन स्थल पर श्रद्धालु अपने पापों का नाश करने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए डुबकी लगा रहे हैं। इस दौरान हर किसी का चेहरा आस्था और विश्वास से परिपूरित होता है, और यह दृश्य पूरी दुनिया को एकता और शांति का संदेश देता है।

समाजसेवी प्रयास और राहत कार्य

महाकुंभ के दौरान कई सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन लोगों की मदद में जुटे हुए हैं। जैसे ही श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ते हैं, अनेक स्वयंसेवक उनके सेवा कार्य में लगे हुए हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के पांव में मरहम लगाते हुए उन्हें गर्म चाय पिलाने का कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही अन्य स्वयंसेवक यातायात व्यवस्था, मार्गदर्शन, और आश्रय स्थल की व्यवस्था में भी सहयोग दे रहे हैं। इन कार्यों के जरिए समाज में एकजुटता और सेवा भावना की मिसाल पेश की जा रही है।

दुःख और पीड़ा के कुछ पल

हालांकि महाकुंभ के दौरान आस्था और हर्ष का माहौल था, लेकिन कुछ ऐसे भी पल थे जिन्होंने लोगों की आँखों में आँसू ला दिए। बड़ी संख्या में वृद्ध, महिलाओं और बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और कई बार इन्हें असुविधाओं का भी सामना करना पड़ा। कुछ श्रद्धालु रास्ते में थककर गिर पड़े, जबकि कुछ को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। इन स्थितियों ने महाकुंभ की दिव्यता के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी सामने लाया।

 

पुलिस और प्रशासन की तैयारियां

महाकुंभ के सफल संचालन के लिए पुलिस और प्रशासन ने विशेष तैयारियाँ की हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया है, और हर गली, हर चौराहे पर सुरक्षा कैमरे और ड्रोन की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, मेडिकल सुविधाओं का भी अच्छा इंतजाम किया गया है ताकि किसी भी स्वास्थ्य समस्या से निपटा जा सके।

अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता और सांस्कृतिक आयोजन

महाकुंभ का असर केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में देखा जा रहा है। इस वर्ष के महाकुंभ में विदेशों से भी लोग आए हैं और वे भारतीय संस्कृति, आस्था, और परंपराओं का अनुभव कर रहे हैं। इसके साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भव्य भंडारों, और धार्मिक सेमिनारों का आयोजन किया जा रहा है, जो कि इस महाकुंभ को और भी विशेष बना रहे हैं।

महाकुंभ 2025 की प्रमुख बातें 

महाकुंभ 2025 अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, और यह हर दिन और अधिक भव्यता से अपनी धारा को आगे बढ़ा रहा है। श्रद्धालुओं के लिए यह सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि जीवन के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों का हिस्सा बन गया है। महाकुंभ के आस्था, समाजसेवा और दुख-दर्द को समेटे इन दिनों में, हर व्यक्ति ने न केवल मोक्ष की ओर कदम बढ़ाया, बल्कि मानवता के साथ भी एक नई पहचान बनाई है।

 

यह महाकुंभ निश्चित ही एक ऐतिहासिक और भावनात्मक अनुभव रहेगा, जिसे सदियों तक याद किया जाएगा।

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आंकड़ा 50 करोड़ से पार जाएगा महाशिवरात्रि तक हर हर महादेव हर हर गंगा मैया 

 

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,