धर्म पूछा गया, जात नहीं – अब तो समझो हिन्दुओ 

पहलगाम में हिंदुओं पर हुए हमले की पृष्ठभूमि में लिखा गया है, जहाँ पीड़ितों से उनकी जाति नहीं बल्कि धर्म पूछा गया। लेख का उद्देश्य समाज को यह समझाना है कि आज के समय में जाति नहीं, Religion was asked not caste now understand Hindus, धर्म पूछा गया, जात नहीं – अब तो समझो हिन्दुओ 

Apr 23, 2025 - 16:03
Apr 23, 2025 - 16:06
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धर्म पूछा गया, जात नहीं – अब तो समझो हिन्दुओ 

धर्म पूछा गया, जात नहीं – अब तो समझो हिन्दुओ 

यह लेख पहलगाम में हिंदुओं पर हुए हमले की पृष्ठभूमि में लिखा गया है, जहाँ पीड़ितों से उनकी जाति नहीं बल्कि धर्म पूछा गया। लेख का उद्देश्य समाज को यह समझाना है कि आज के समय में जाति नहीं, धर्म के आधार पर हमले हो रहे हैं। इसलिए सभी हिंदुओं को जाति-पाति से ऊपर उठकर एकजुट होने की जरूरत है। लेख आम आदमी की बोलचाल की भाषा में है और यह हिंदू समाज में एकता और जागरूकता लाने का संदेश देता है।

पहलगाम में जो हुआ, वो सिर्फ एक हमला नहीं था, वो हमारी आंखें खोलने वाली सच्चाई है। वहां किसी ने ये नहीं पूछा कि तुम ब्राह्मण हो या ठाकुर, दलित हो या ओबीसी। ना किसी ने भाषा पूछी, ना राज्य। एक ही बात पूछी – "धर्म क्या है?" और फिर हमला कर दिया, सिर्फ इसलिए कि वो हिंदू थे।

अब वक्त आ गया है कि हम समझें – जब हमला होता है, तो वो जाति नहीं देखता। ना पंडित होना बचा सकता है, ना ठाकुर होना, ना दलित होना। हम सबका एक ही धर्म है – हिंदू। और जब दुश्मन हम पर वार करता है, तो वो सब भूल कर सिर्फ यही देखता है।

लेकिन हम? हम आज भी जात-पात में बंटे हैं। हम खुद को पहले ब्राह्मण, दलित, पिछड़ा, अगड़ा मानते हैं – फिर कहीं जाकर हिंदू। यही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है।

अब जरूरत है एकता की। जरूरत है ये समझने की कि अगर हम आज भी नहीं जगे, तो कल कोई और पहलगाम होगा। हमें अपनी सोच बदलनी होगी। एक हो जाओ भाइयों – ब्राह्मण, ठाकुर, दलित, बनिया, सब मिलकर हिंदू बनो। क्योंकि जब वार होगा, तो कोई जाति नहीं पूछेगा – सिर्फ धर्म पूछा जाएगा।

अब वक्त है उठने का, सोचने का और एक होने का। क्योंकि हम सब एक ही धर्म के हैं – हिंदू

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