गीता पर हाथ रखकर शपथ, भारत से संबंध सुधारने का लक्ष्य, जानिए कौन हैं कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद

भारतीय मूल की अनीता आनंद ने भगवद गीता पर शपथ लेकर कनाडा की नई विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। जानें उनका भारत से संबंध, गीता पर हाथ रखकर शपथ, भारत से संबंध सुधारने का लक्ष्य, जानिए कौन हैं कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद

May 14, 2025 - 10:01
May 14, 2025 - 10:17
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गीता पर हाथ रखकर शपथ, भारत से संबंध सुधारने का लक्ष्य, जानिए कौन हैं कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद
कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद

गीता पर हाथ रखकर शपथ, भारत से संबंध सुधारने का लक्ष्य: जानिए कौन हैं कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद

कनाडा की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ तब आया जब भारतीय मूल की अनीता आनंद ने देश की नई विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। खास बात यह रही कि उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर पद और गोपनीयता की शपथ ली, जो उनकी सांस्कृतिक जड़ों और आस्थाओं को दर्शाता है। अनीता आनंद कनाडा की पहली हिंदू महिला हैं जिन्हें विदेश मंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।

भारत-कनाडा संबंधों को सुधारने की उम्मीद

अनीता आनंद की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में खटास बनी हुई है। ट्रूडो सरकार के दौरान दोनों देशों के रिश्तों में कई बार तल्खी देखी गई। अब जब मार्क कार्नी प्रधानमंत्री बने हैं और अनीता आनंद को विदेश मंत्री बनाया गया है, तो माना जा रहा है कि यह कदम भारत के साथ टूटे संबंधों को फिर से जोड़ने की दिशा में एक सकारात्मक पहल हो सकता है।

शपथ ग्रहण के बाद अनीता ने कहा,
"मैं कनाडा की विदेश मंत्री के तौर पर चुने जाने को लेकर सम्मानित महसूस करती हूं। मैं प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और हमारी टीम के साथ मिलकर एक सुरक्षित, निष्पक्ष दुनिया बनाने और कनाडाई लोगों के लिए काम करने के लिए उत्सुक हूं।"

कौन हैं अनीता आनंद?

अनीता आनंद का जन्म 20 मई, 1967 को केंटविले, नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता भारत से थे और 1960 के दशक में कनाडा में आकर बस गए थे। दोनों ही माता-पिता चिकित्सा पेशे से जुड़े थे। अनीता की शिक्षा बेहद प्रतिष्ठित संस्थानों से हुई है—डलहौजी यूनिवर्सिटी, टोरंटो यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उन्होंने पढ़ाई की है।

राजनीतिक जीवन में आने से पहले अनीता एक प्रोफेसर थीं और कानून के क्षेत्र में विशेषज्ञ मानी जाती थीं। 2019 में वह राजनीति में सक्रिय हुईं और ओकविले, ओंटारियो से सांसद चुनी गईं। ट्रूडो सरकार में उन्होंने पहले सार्वजनिक सेवा और फिर रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला।

दृढ़ नेतृत्व की प्रतीक

2021 में अनीता आनंद को कनाडा की रक्षा मंत्री बनाया गया था। अपने कार्यकाल में उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन को समर्थन देने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही, उन्होंने कनाडाई सशस्त्र बलों में यौन दुराचार के मामलों को गंभीरता से उठाया और सुधार की दिशा में कदम उठाए।

हालांकि इसी साल जनवरी में उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी और शैक्षणिक क्षेत्र में लौटने की बात कही थी। लेकिन 2025 के हालिया चुनाव में लिबरल पार्टी की जीत के बाद प्रधानमंत्री कार्नी ने उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल करने के लिए मनाया और उन्हें विदेश मंत्री का अहम पद सौंपा।

नए युग की शुरुआत

कनाडा और भारत के रिश्तों में जहां कुछ समय से तनाव रहा है, वहीं अनीता आनंद की पृष्ठभूमि, विचारशीलता और भारतीय विरासत उन्हें एक मजबूत पुल के रूप में प्रस्तुत करती है। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान, संवाद और सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हो सकता है।

अनीता आनंद की विदेश मंत्री के रूप में नियुक्ति सिर्फ एक राजनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि कनाडा में विविधता और समावेश की भावना का प्रतीक है। उनकी भारतीय जड़ें, नीतिगत समझ और वैश्विक दृष्टिकोण उन्हें इस पद के लिए एक योग्य नेता बनाते हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वह भारत-कनाडा संबंधों में नई ऊर्जा ला पाती हैं या नहीं।

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