मार खाई, बेहोश हुए उठे तो प्रदर्शनकारियों में भर दी आग
जबरन हिरासत में लिया ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले नाहिद का आरोप था कि पुलिस ने उसे 20 जुलाई की सुबह जबरन हिरासत में लिया। उसके गायब होने के 24 घंटे बाद वह एक पुल के नीच बेहोशी की हालत में मिला।
मार खाई, बेहोश हुए... उठे तो प्रदर्शनकारियों में भर दी आग
नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबु बकर... आरक्षण विरोधी आंदोलन के प्रमुख चेहरे
ढाका। शेख हसीना के 15 साल के अनवरत शासन पर विराम लगाने वाले आरक्षण विरोधी आंदोलन के तीन प्रमुख चेहरे हैं। आसिफ महमूद, नाहिद इस्लाम और अबु बकर मजूमदार। विश्वविद्यालय कैंपस से आंदोलन शुरू कर इन तीन छात्र नेताओं ने हसीना को सत्ता की कुर्सी से उतारकर देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इनमें आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा है नाहिद इस्लाम। नाहिद ने हसीना को ललकारते हुए कहा था, आज लाठी उठाई है, अगर बात महमूद, नाहिद इस्लाम और अबु बकर मजूमदार नहीं बनी तो हथियार उठाने के लिए तैयार हैं। यह शेख हसीना को तय करना है कि वह पद से हटेंगी या पद पर बनी रहने के लिए रक्तपात का सहारा लेंगी।
जबरन हिरासत में लिया ढाका विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले नाहिद का आरोप था कि पुलिस ने उसे 20 जुलाई की सुबह जबरन हिरासत में लिया। उसके गायब होने के 24 घंटे बाद वह एक पुल के नीच बेहोशी की हालत में मिला। नाहिद का दावा है कि उसे लोहे की रॉड से पीट-पीटकर बेहोश कर दिया गया। 26 जुलाई को डिटेक्टिव ब्रांच ने सुरक्षा का हवाला देते हुए नाहिद को अस्पताल से हिरासत में लिया। पिटाई के बाद वाले नाहिद के चेहरे ने आंदोलन को नया रंग दिया और प्रदर्शनकारियों को भड़का दिया था
इंजेक्शन लगाया, कई दिन नहीं आया होश
दूसरा बड़ा चेहरा रहे आसिफ महमूद जून में आरक्षण के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन से जुड़े। 26 जुलाई को डिटेक्टिव ब्रांच ने उन्हें भी हिरासत में लिया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक, आसिफ को भी तगड़ी प्रताड़ना सहनी पड़ी। इन लोगों को एक इंजेक्शन लगाया गया, जिससे ये कई दिनों तक बेहोश रहे। 28 जुलाई को उसके परिवार वालों ने उनसे मिलने की अनुमति मांगी, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। आसिफ ढाका विवि में लैंग्वेज स्टडीज का छात्र है।
पुलिस ने आंदोलन वापस लेने का दबाव बनाया
तीसरे छात्र नेता अबु बकर मजूमदार को पुलिस ने कमरे में बंद कर आंदोलन वापस लेने का दबाव बनाया था। मना करने पर पीटा गया। अबु नागरिक अधिकार और मानवाधिकारों को लेकर काम करते हैं और ढाका विश्वविद्यालय में भूगोल के छात्र हैं। पांच जून को आए हाईकोर्ट के आरक्षण वाले फैसले के बाद अबु ने दोस्तों के साथ स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन मूवमेंट की शुरुआत की। अबु को 19 जुलाई की शाम धानमंडी इलाके से कुछ लोग अपने साथ ले गए थे, जिसके बाद कई दिनों तक वह लापता रहा।
What's Your Reaction?