वो कॉलेज जहां पहली बार मिले थे

जहां एक पूरी रात  हमने सपनों की खेती की थी

Apr 12, 2024 - 20:51
Apr 12, 2024 - 22:00
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वो कॉलेज जहां पहली बार मिले थे

मैं बहुत दूर आ निकला हूँ-

घर से-सब से। 

वो कॉलेज जहां पहली बार मिले थे हम,

और मैं कितना खुश हुआ था जान 

कि तुम मेरे शहर से ही हो

वो काफी पीछे रह गया।

यहाँ आने के रस्ते में पड़ा था,

वो बगल के कॉलेज का कैंटीन 

जहां हम वक़्त काटते थे,

जहां हम क्लासमेट से दोस्त बने थे।

काफी पीछे रह गया वो भी। 

दिखा था मुझे गाड़ी के आईने में-

पीछे छूटता वो मकान,

जहां एक पूरी रात 

हमने सपनों की खेती की थी।

और अब मैं वहां हूँ 

वो जहां

पता चला था मुझे कि

तुम कितने जरूरी हो-

वो जहां तुमने समझाया था,

कि अब दोस्त ही ठीक थे-

वो जहां 

मैंने कुछ भी समझने से इंकार कर दिया था। 

अब सब पीछे छोड़ मैं खड़ा हूँ वहां

जहां मुझे तुमसे प्रेम हुआ।

माना कि बहुत दूर पड़ती है ये जगह

तुम्हारे घर से-पर कभी गाड़ी तुम्हारी ईधर से गुजरे

तो मैं यही मिलूंगा 

इस जिद और समझ के साथ

कि सब कुछ पीछे छोड़ा जा सकता है 

पर तुम नहीं।।

KRISHAN PAL KASHYAP thought writer हम भारतीय न्यूज़ के साथ स्टोरी लिखते हैं ताकि हर नई और सटीक जानकारी समय पर लोगों तक पहुँचे। हमारा उद्देश्य है कि पाठकों को सरल भाषा में ताज़ा, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण समाचार मिलें, जिससे वे जागरूक रहें और समाज में हो रहे बदलावों को समझ सकें।