कश्मीरी हिंदू प्रत्याशियों से ही मिलेगा घर वापसी का रोडमैप

Sep 6, 2024 - 20:05
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कश्मीरी हिंदू प्रत्याशियों से ही मिलेगा घर वापसी का रोडमैप

जम्मूः वर्ष 1990 में आतंकवाद की वजह से घाटी से विस्थापित हुए कश्मीरी हिंदुओं की घर वापसी को लेकर जम्मू-कश्मीर की किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास कोई रोड मैप नहीं है। कश्मीरी हिंदुओं की घर वापसी के दावे सभी दल अपने घोषणापत्र में करते हैं पर यह संभव कैसे होगा, इस पर चुप्पी साध लेते हैं। यही वजह है विस्थापन के 34 वर्ष बाद भी इन परिवारों को अभी भी प्रवासी कालोनियों में ही रहना पड़ रहा है। इस चुनाव से पहले कश्मीरी हिंदुओं ने तय किया कि उनके यहां वोट मांगने आए मतदाताओं से पहले वह उनकी घर वापसी के रोडमैप पर सवाल पूछेंगे। जम्मू की जगटी में बनी विस्थापित कालोनी में अभी भी इनकी जिंदगी गुजर रही है। अपनी मिट्टी से दूर होने का दर्द आज भी वह महसूस कर रहे हैं। यही जह है कि इस बार उन्होंने तय किया है कि विधानसभा चुनाव में वोट मांगने आए राजनीतिक दलों को इन सवालों के जवाब देने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनके रोजगार व सहायता राशि के मुद्दों से जुड़ी समस्याओं पर भी सभी दलों से बात करेंगे।

जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन से पूर्व भी पूर्ववर्ती सरकारों को यह सुझाव बार-बार दिया है कि कश्मीरी हिंदुओं को घाटी में एक साथ बसाया जाए, लेकिन किसी ने इस दिशा में कुछ नहीं किया। कम से कम कश्मीरी हिंदुओं से बात कर उनके मन की बात तो जाननी चाहिए थी। - एमके धर, प्रचार सचिव, पनुन कश्मीर 

हमारे पूर्वजों की भूमि है कश्मीर। 1990 में हम घर-बार छोड़कर जान बचाकर वहां से भागे थे। ऐसे में हमारी घाटी वापसी के बारे में इन दलों को गंभीरता से सोचना चाहिए। घाटी में कश्मीरी हिंदुओं के लिए सैटेलाइट कालोनियां बनाई जानी चाहिए, तभी वे वहां सुरक्षित रह सकेंगे। - रानी गंजू, विस्थापित कश्मीरी हिंदू

कश्मीरी हिंदुओं की घर वापसी कैसे होगी, इस पर कोई बात नहीं कर रहा है। नेकां ने घोषणापत्र में शंकराचार्य व हरि पर्वत का नाम बदल दिया। इससे मंशा का पता चल जाता है।- डा. रमेश रैना, आल इंडिया कश्मीरी समाज

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार