पीएम मोदी को महाराष्ट्र के हर व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए: राहुल गांधी

Sep 6, 2024 - 20:09
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महाराष्ट्र के सांगली में एक रैली को संबोधित करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मुद्दे पर घेरा। कहा कि पीएम मोदी को सिर्फ शिवाजी महाराज से नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के हर व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए। वह गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे पतंगराव कदम की प्रतिमा के अनावरण के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ सांगली पहुंचे थे। प्रतिमा अनावरण के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि पतंगराव कदम अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन में कभी माफी नहीं मांगी होगी, क्योंकि कोई व्यक्ति माफी तभी मांगता है, जब वह कोई गलती करता है। यह कहते हुए उनका इशारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के पालघर में मांगी गई माफी की ओर थे।

 
उन्होंने कहा कि माफी मांगने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। पहला कारण यह हो सकता है कि मूर्ति बनाने का ठेका योग्य व्यक्ति के बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के किसी व्यक्ति को दे दिया गया। दूसरा कारण, मूर्ति के बनने में भ्रष्टाचार हुआ हो। और तीसरा कारण यह हो सकता है कि मूर्ति तो बनाई, लेकिन यह ध्यान नहीं रखा कि यह लंबे समय तक खड़ी रह सके। ये गलतियां कर नरेन्द्र मोदी ने शिवाजी का अपमान किया है। कहा कि देश में पहले राजनीति चलती थी। आज विचारधाराओं का युद्ध चल रहा है। ये लड़ाई कांग्रेस और भाजपा की विचारधारा के बीच है। आज जो लड़ाई कांग्रेस लड़ रही है, वही लड़ाई कभी शिवाजी महाराज और फूले ने लड़ी थी। यदि आप छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहूजी महाराज, फुले, आंबेडकर को पढ़ेंगे तो पता चलेगा कि इन सभी की  विचारधारा एवं कांग्रेस की विचारधारा एक जैसी है। हम सामाजिक विकास  चाहते हैं। हम सभी को साथ लेकर  आगे बढ़ना चाहते हैं। जबकि भाजपा दो संप्रदायों, दो जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है।

 
राहुल गांधी ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा जाति आधारित गणना का समर्थन करने का श्रेय भी स्वयं लेते हुए कहा कि हमने संसद में बयान दिया था कि कांग्रेस जाति आधारित गणना कराकर ही रहेगी। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी जाति आधारित गणना करवाने के प्रति सहमति जता रहा है, जो अब तक इसका विरोध करता रहा था। इसी सभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम हाल के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 20 सीटों पर चूक गए। नहीं तो नरेन्द्र मोदी मुंबई महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने यह कहकर महाविकास आघाड़ी (मविआ) में मुख्यमंत्री पद की दौड़ पर विराम लगा दिया कि मुख्यमंत्री पद का फैसला संख्या बल के आधार पर होगा। उन्होंने यह बात भले ही मविआ गठबंधन के लिए कही हो, लेकिन उनका यही फार्मूला सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के सबसे बड़े दल भाजपा के लिए समाधानकारक हो सकता है। विपक्षी मविआ गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी) की तरह से पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ही फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर पेश करने का दबाव डाला जा रहा था। लेकिन, शरद पवार और कांग्रेस दोनों इसके लिए सहमत नहीं थे।

अंततः बुधवार को शरद पवार ने स्पष्ट कर दिया कि मविआ किसी चेहरे को आगे कर चुनाव में नहीं उतरेगी। यदि मविआ सत्ता में आने लायक सीटें जुटा सकी, तो उसमें जिस दल की सीटें अधिक होंगी, उसी का मुख्यमंत्री बनेगा। शरद पवार के इस बयान के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन महावृत्ति में भी यही फार्मूला भाजपा के लिए समाधानकारक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि महायुति में आज भी भाजपा के विधायकों की संख्या शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजीत) से लगभग दो गुनी हैं। हालांकि, महायुति में अभी किसी भी दल के किसी नेता को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की बात नहीं उठी है। लेकिन, प्रदेश में भाजपा का चुनाव अभियान उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ही नेतृत्व में चल रहा है, जिनके चेहरे पर भाजपा 2019 का विधानसभा चुनाव लड़कर कांग्रेस, राकांपा एवं शिवसेना (तब संयुक्त) से लगभग दोगुनी सीटें जीतने में सफल रही थी। प्रदेश में दो दलों में टूट के बाद नए राजनीतिक समीकरण बनने के बावजूद शिवसेना (शिंदे) एवं राकांपा (अजीत) की सीटें भाजपा के आधे से भी कम ही हैं।

अजीत पवार स्वयं अपनी पार्टी की बैठक में कह चुके हैं कि वह लगभग 55 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे। यह संख्या लगभग उतनी ही है, जितनी पिछले चुनाव में अविभाजित राकांपा जीतकर आई थी। उम्मीद है कि लगभग इसी फार्मूले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी राजी हो जाएंगी। पिछले चुनाव में अविभाजित शिवसेना 124 सीटों पर लड़कर 56 सीटें जीती थी, जबकि भाजपा 152 सीटों पर लड़कर 105 जीती थी। इस प्रकार लड़ी गई सीटों पर जीत का प्रतिशत भाजपा का ही ज्यादा था। इसी तर्क के आधार पर भाजपा इस बार भी पहले से अधिक सीटों पर लड़ने का दावा कर सकती है।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,