MP के मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लाम की तालीम देने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार

मदरसों में 9417 हिंदू बच्चे कैसे पहुंचे। आयोग का मानना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 28 (3) का उल्लंघन है।

MP के मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लाम की तालीम देने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार
मदरसों

 बाल आयोग ने मप्र सरकार से पूछा, मदरसों में हिंदू बच्चे कैसे पहुंचे

  • 9417 हिंदू बच्चों के मदरसों में पढ़ने का मामला
  • आयोग के अध्यक्ष ने दिल्ली में बुलाया
  • मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को देना होगा जवाब

आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को किया तलब किया, मध्य प्रदेश के मदरसों में पढ़ रहे 9417 हिंदू बच्चे

मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लाम की तालीम देने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को 18 जून को दिल्ली स्थिति मुख्यालय में तलब किया है। आयोग ने राज्य सरकार ने पूछा है कि मदरसों में 9417 हिंदू बच्चे कैसे पहुंचे। आयोग का मानना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 28 (3) का उल्लंघन है। इसमें कहा गया है कि सरकारी सहायता लेने वाला कोई संस्थान किसी को अन्य धर्म की शिक्षा नहीं दे सकता। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि इस खेल में मतांतरण की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।

आयोग ने सरकार से पूछा है कि बच्चों को मदरसों से निकालकर स्कूलों में दाखिला कराने के लिए क्या कार्रवाई की गई। मदरसों में हिंदू बच्चों को रखना अक्षम्य अपराध: कानूनगो राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि मदरसों में शिक्षक टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) क्वालिफाई नहीं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत मदरसों की अधोसंरचना नहीं है। इन मदरसों में सुरक्षा की व्यवस्था तय मानकों के अनुरूप नहीं है। ऐसे में मदरसों में बच्चों को रखना एक अपराध है। हिंदू बच्चों को मदरसों में भेजना अक्षम्य कार्य है, आयोग ने इसे तत्काल सुधारने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया है।

शिक्षा मंत्री वोले- आयोग की जानकारी गलत है मध्य प्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के दावे को गलत बताया है। मंत्री ने कहा कि आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो जितने बता रहे हैं, उतनी बड़ी संख्या में हिंदू बच्चे मदरसों में नहीं पढ़ रहे हैं। मंत्री ने कहा कि कानूनगो अभी शामिल हुए हैं, हम लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले इस विषय पर काम कर रहे हैं। मदरसे में जो पढ़ाया जा रहा है, वह सरकार का ही पाठ्यक्रम है, फिर भी सभी पहलुओं पर जांच करवा रहे हैं।