कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में जानकारी

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Jan 27, 2025 - 20:47
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कैलाश मानसरोवर यात्रा  के बारे में जानकारी

कैलाश मानसरोवर यात्रा एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा है, जिसे हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और बोन धर्म के अनुयायी विशेष रूप से मानते हैं। यह यात्रा तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक जाती है, जो धार्मिक दृष्टि से पवित्र स्थल माने जाते हैं।

कैलाश मानसरोवर यात्रा, एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की यात्रा है, जो तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक जाती है। यह यात्रा हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक पवित्र मानी जाती है।

कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है, जबकि मानसरोवर झील को मोक्ष की प्राप्ति का स्थान माना जाता है। यह यात्रा आमतौर पर कठिन होती है, जिसमें श्रद्धालुओं को उच्च पहाड़ी इलाकों से गुजरना पड़ता है। कोविड-19 के कारण 2020 में यह यात्रा रुकी हुई थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को नया बल मिलेगा।

कैलाश पर्वत का महत्व:

कैलाश पर्वत को हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। इसके अलावा, बौद्ध धर्म में इसे "कपिला" या "तारापिता" के नाम से पूजा जाता है, जबकि जैन धर्म में इसे "आत्मा के मुक्ति की जगह" के रूप में माना जाता है। बोन धर्म के अनुयायी भी इस पर्वत को पवित्र मानते हैं।

मानसरोवर झील:

मानसरोवर झील, कैलाश पर्वत के समीप स्थित है और यह पूरी दुनिया में सबसे ऊंची झीलों में से एक मानी जाती है। यह झील न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में इसे मोक्ष की प्राप्ति का स्थान माना जाता है।

यात्रा का मार्ग:

कैलाश मानसरोवर यात्रा का मार्ग भारत से होकर जाता है, और यह यात्रा लगभग 15 से 20 दिन लंबी होती है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कठिन और ऊंचाई वाले इलाकों से गुजरना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद यह यात्रा उन लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है जो अपने जीवन में आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति चाहते हैं।

यात्रा पर रोक और पुनः शुरुआत:

2020 में कोरोना महामारी के कारण भारत-चीन सीमा पर स्थित कैलाश मानसरोवर यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। लेकिन अब, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से, इस यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने से न केवल धार्मिक यात्रियों को लाभ मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच संवाद और विश्वास की भावना भी मजबूत होगी। यह यात्रा उन लोगों के लिए एक आंतरिक अनुभव भी है, जो आध्यात्मिक उन्नति और शांति की तलाश में हैं।

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@Dheeraj kashyap युवा पत्रकार- विचार और कार्य से आने वाले समय में अपनी मेहनत के प्रति लगन से समाज को बेहतर बना सकते हैं। जरूरत है कि वे अपनी ऊर्जा, साहस और ईमानदारी से र्काय के प्रति सही दिशा में उपयोग करें , Bachelor of Journalism And Mass Communication - Tilak School of Journalism and Mass Communication CCSU meerut / Master of Journalism and Mass Communication - Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University पत्रकारिता- प्रेरणा मीडिया संस्थान नोएडा 2018 से केशव संवाद पत्रिका, प्रेरणा मीडिया, प्रेरणा विचार पत्रिका,