नवंबर 2024 में होने वाले हिंदू त्योहारों और व्रतों की जानकारी
गोवर्धन पूजा, दिवाली के अगले दिन होती है। इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की घटना का स्मरण किया जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत या अन्नकूट का प्रतीक बनाकर पूजा की नवंबर 2024 त्योहार, गोवर्धन पूजा 2024, अन्नकूट 2024, भाई दूज 2024, लाभ पंचमी 2024, छठ पूजा 2024, दुर्गाष्टमी व्रत 2024, गोपाष्टमी 2024, अक्षय नवमी 2024, कंस वध 2024, प्रबोधिनी एकादशी 2024, तुलसी विवाह 2024, देव दिवाली 2024, मणिकर्णिका स्नान 2024, कार्तिक पूर्णिमा 2024, गुरु नानक जयंती 2024, वृश्चिक संक्रांति 2024, संकष्टी गणेश चतुर्थी 2024, कालभैरव जयंती 2024, कालाष्टमी 2024, उत्पन्ना एकादशी 2024, मासिक शिवरात्रि 2024
नवंबर 2024 में होने वाले हिंदू त्योहारों और व्रतों की जानकारी
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अमावस्या (1 नवंबर 2024): यह दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा और तर्पण के लिए माना जाता है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करना शुभ माना जाता है।
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गोवर्धन पूजा (2 नवंबर 2024): गोवर्धन पूजा, दिवाली के अगले दिन होती है। इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की घटना का स्मरण किया जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत या अन्नकूट का प्रतीक बनाकर पूजा की जाती है।
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अन्नकूट (2 नवंबर 2024): अन्नकूट का मतलब 'अन्न का ढेर' है। इस दिन भगवान को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है और इसे विशेष रूप से गोवर्धन पूजा के साथ जोड़ा जाता है।
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भाई दूज (3 नवंबर 2024): भाई दूज भाई-बहन के रिश्ते का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए तिलक करती हैं और उनके कल्याण की कामना करती हैं।
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लाभ पंचमी (6 नवंबर 2024): यह दिन विशेष रूप से व्यापारी वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है। इसे शुभ पंचमी भी कहते हैं, और इस दिन नया व्यवसाय शुरू करने, बहीखाता खोलने आदि का शुभ समय होता है।
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छठ पूजा (7 नवंबर 2024): छठ पूजा मुख्यतः सूर्य देव की उपासना का पर्व है। यह पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन व्रतधारी उगते और अस्त होते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
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दुर्गाष्टमी व्रत (9 नवंबर 2024): दुर्गाष्टमी व्रत देवी दुर्गा की पूजा का पर्व है। इस दिन शक्ति की देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
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गोपाष्टमी (9 नवंबर 2024): यह पर्व गौ माता की पूजा का दिन है। इस दिन गायों को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। विशेष रूप से गौ-सेवा और गौ रक्षा का संकल्प लिया जाता है।
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अक्षय नवमी (10 नवंबर 2024): अक्षय नवमी का पर्व अक्षय पुण्य प्रदान करने वाला माना जाता है। इस दिन को विशेष रूप से सतयुग के प्रारंभ से जोड़कर देखा जाता है।
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कंस वध (11 नवंबर 2024): इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा मथुरा के अत्याचारी राजा कंस का वध किया गया था। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण की विजय के रूप में मनाया जाता है।
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प्रबोधिनी एकादशी (12 नवंबर 2024): इसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के चार महीने के योग निद्रा से जागने का पर्व मनाया जाता है। इस दिन से विवाह आदि शुभ कार्यों का आरंभ होता है।
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प्रदोष व्रत (13 नवंबर 2024): यह व्रत भगवान शिव की उपासना के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन शिवजी की पूजा करके व्रती उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं।
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तुलसी विवाह (13 नवंबर 2024): तुलसी विवाह का पर्व भगवान विष्णु और तुलसी माता के विवाह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे का पूजन और विवाह समारोह होता है।
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कार्तिक स्नान (15 नवंबर 2024): कार्तिक मास के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान का महत्व होता है।
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देव दिवाली (15 नवंबर 2024): देव दिवाली काशी में विशेष रूप से मनाई जाती है। यह पर्व उस दिन को चिन्हित करता है जब देवताओं ने भगवान शिव की त्रिपुरासुर पर विजय का उत्सव मनाया था।
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मणिकर्णिका स्नान (15 नवंबर 2024): मणिकर्णिका घाट, वाराणसी में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन यहाँ स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
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कार्तिक पूर्णिमा (15 नवंबर 2024): यह दिन कार्तिक मास की पूर्णिमा का होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने का विशेष महत्व है।
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गुरु नानक जयंती (15 नवंबर 2024): सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्मदिन इस दिन मनाया जाता है। यह पर्व दुनिया भर में सिख समुदाय द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
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वृश्चिक संक्रांति (16 नवंबर 2024): सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने का दिन है। इस दिन दान, स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व होता है।
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संकष्टी गणेश चतुर्थी (18 नवंबर 2024): संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा का दिन है। यह दिन विघ्नों के नाश और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है।
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सौभाग्य सुंदरी तीज (18 नवंबर 2024): यह व्रत मुख्य रूप से सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है।
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कालभैरव जयंती (22 नवंबर 2024): भगवान कालभैरव का जन्मदिन इस दिन मनाया जाता है। यह दिन तंत्र साधना और शिव के रौद्र रूप की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
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कालाष्टमी (23 नवंबर 2024): कालाष्टमी भगवान कालभैरव की पूजा का पर्व है। इस दिन विशेष रूप से उनके नाम का जप और उपासना की जाती है।
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उत्पन्ना एकादशी (26 नवंबर 2024): उत्पन्ना एकादशी व्रत भगवान विष्णु की उपासना का दिन है। इस दिन व्रत रखकर विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
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प्रदोष व्रत (28 नवंबर 2024): प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। इसे सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
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मासिक शिवरात्रि (29 नवंबर 2024): मासिक शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव की पूजा और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए उपयुक्त है।
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