शादी से डर! कुंवारों में तेजी से फैल रही गैमोफोबिया नाम की खास बीमारी

जयपुर में तेजी से बढ़ रहा है 'गैमोफोबिया' यानी शादी का डर। पढ़े-लिखे युवा हो रहे हैं इस मानसिक बीमारी का शिकार। जानिए इसके लक्षण, कारण और इलाज के तरीके इस ब्लॉग में शादी से डर! कुंवारों में तेजी से फैल रही गैमोफोबिया नाम की खास बीमारी, Fear of marriage special disease called gamophobia is spreading rapidly among bachelors,

Apr 13, 2025 - 06:22
Apr 13, 2025 - 06:33
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शादी से डर! कुंवारों में तेजी से फैल रही गैमोफोबिया नाम की खास बीमारी
कुंवारों में तेजी से फैल रही गैमोफोबिया

शादी से डर कुंवारों में तेजी से फैल रही गैमोफोबिया नाम की खास बीमारी

भारत में जब भी शादी का सीजन शुरू होता है, चारों ओर शहनाइयों की गूंज सुनाई देने लगती है। हर गली, हर मोहल्ले में कोई न कोई शादी हो रही होती है। लेकिन इसके बीच एक अनोखी और चौंकाने वाली खबर राजधानी जयपुर से सामने आई है – यहां गैमोफोबिया नाम की मानसिक बीमारी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

गैमोफोबिया क्या है?

‘गैमोफोबिया’ शब्द दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है – ‘गामोस’ यानी विवाह और ‘फोबोस’ यानी डर। यानी इसका मतलब हुआ, शादी का डर। यह एक ऐसा मानसिक फोबिया है, जिसमें व्यक्ति को शादी का नाम सुनते ही घबराहट, बेचैनी और तनाव महसूस होता है।

ऐसे लोगों को लगता है कि शादी उनकी आजादी छीन लेगी, वे किसी बंधन में फंस जाएंगे, या उनकी व्यक्तिगत दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी। यही डर इतना गहरा बैठ जाता है कि वे रिश्तों से दूरी बनाने लगते हैं।

डॉक्टर्स के पास बढ़ी मरीजों की संख्या

जयपुर के मनोचिकित्सकों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में गैमोफोबिया से पीड़ित युवाओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। खासकर उन युवाओं में, जो पढ़े-लिखे हैं, अच्छे पदों पर नौकरी कर रहे हैं, और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं।

डॉक्टर्स का कहना है कि गैमोफोबिया का असर धीरे-धीरे शुरू होता है। पहले व्यक्ति को शादी को लेकर असहजता होती है, फिर घबराहट, और धीरे-धीरे यह एक गंभीर मानसिक डर में बदल जाता है।

तीस की उम्र के बाद बढ़ते हैं मामले

विशेषज्ञों के अनुसार, इस बीमारी के लक्षण अक्सर तीस की उम्र के बाद नजर आते हैं। तब जब परिवार शादी की बात ज्यादा करने लगता है, समाज का दबाव बढ़ता है, और व्यक्ति को लगने लगता है कि अब उसे "सेटल" होना पड़ेगा। इस डर के चलते कई लोग अपने रिश्तों को खुद ही खत्म कर देते हैं या शादी के लिए मना कर देते हैं।

पढ़े-लिखे, स्मार्ट, लेकिन डरे हुए!

गैमोफोबिया से पीड़ित अधिकतर लोग वही हैं जो समाज की नजरों में “परफेक्ट मैरिज मटीरियल” माने जाते हैं – स्मार्ट, पढ़े-लिखे, अच्छे जॉब में, और आत्मनिर्भर। लेकिन इसके बावजूद वे शादी के नाम से कतराने लगते हैं।

यह डर किसी भी वजह से पैदा हो सकता है – बचपन में माता-पिता की खराब शादी देखना, किसी करीबी के तलाक की कहानी, या फिर व्यक्तिगत स्वतंत्रता खोने का भय।

गैमोफोबिया के लक्षण क्या हैं?

  • शादी या रिश्तों की बात आते ही घबराहट होना

  • शादी के नाम से पसीने आना, बेचैनी महसूस होना

  • सोशल अवॉइडेंस – शादी से जुड़े फंक्शन से दूरी बनाना

  • रिश्तों में अनावश्यक बहाने बनाना या हर बात में ‘कमिटमेंट’ से डरना

  • बार-बार खुद से यह कहना कि “शादी मेरे लिए नहीं है”

इलाज है पूरी तरह संभव

सबसे राहत की बात यह है कि गैमोफोबिया का इलाज संभव है। जयपुर के मनोचिकित्सकों के अनुसार, यदि व्यक्ति समय रहते मदद ले ले तो इस फोबिया को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

कैसे होता है इलाज?

  1. थैरेपी: सबसे पहले व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक के पास ले जाया जाता है, जो बातचीत के जरिए फोबिया की जड़ तक पहुंचते हैं।

  2. कॉग्निटिव बिहेवियरल थैरेपी (CBT): इसमें व्यक्ति की सोच में सकारात्मक बदलाव लाए जाते हैं।

  3. सपोर्ट ग्रुप्स और रिलेशनशिप काउंसलिंग भी काफी मददगार साबित होती है।

डर को पहचानिए, खुद को समझिए

गैमोफोबिया कोई शर्म की बात नहीं है। यह एक मानसिक अवस्था है, जिसे ठीक किया जा सकता है। ज़रूरत है बस इस डर को पहचानने की, और समय रहते विशेषज्ञ से मिलने की।

अगर आप या आपके आसपास कोई ऐसा है जिसे शादी का नाम सुनते ही घबराहट होती है, तो हो सकता है वो इस फोबिया का शिकार हो। ऐसे में सबसे पहले उस व्यक्ति को समझाइए, डांटने या मजाक उड़ाने की बजाय सहानुभूति दिखाईए और प्रोफेशनल मदद लेने के लिए प्रोत्साहित कीजिए।

शादी हर किसी के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती है, लेकिन जब यह डर बन जाए, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जयपुर की कहानी इस बात की गवाह है कि भले ही चारों ओर शादी की रौनक हो, लेकिन कई लोग इस "रौनक" से खुद को बचाते फिर रहे हैं।

गैमोफोबिया को लेकर समाज में जागरूकता जरूरी है ताकि लोग खुलकर अपनी बात कह सकें और बिना डर के सही इलाज पा सकें। क्योंकि शादी खुशी का बंधन है, डर का नहीं।

"शादी का नाम सुनते ही घबराहट, बेचैनी और पसीने? ये मज़ाक नहीं, एक गंभीर मानसिक स्थिति है – गैमोफोबिया!
जयपुर में बढ़ रहे हैं इसके मामले, खासतौर पर पढ़े-लिखे युवाओं में। जानिए क्या हैं इसके लक्षण और इलाज।
पूरा ब्लॉग पढ़ें और इस अनदेखी बीमारी के बारे में जागरूक बनें 

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