ईसाई धर्म प्रचारकों को आक्रोशित लोगों ने कालिख पोतकर नेपाल से भारत भेजा
भारतीय सीमा पार करके महेशपुर में दो बसों से पहुंचे थे 100 लोग हिंदू संगठनों ने जताया विरोध, वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित बिशुनपुरा, डिगही, मेघौली कला, रेंगहिया, किशुनपुर, ठूठीबारी, मटरा, धमउर, कमता, करदह, जिगनहवा, बोदना गांवों के हैं और ईसाई धर्म अपना लिया है।
ईसाई धर्म प्रचारकों को आक्रोशित लोगों ने कालिख पोतकर नेपाल से भारत भेजा
भारतीय सीमा पार करके महेशपुर में दो बसों से पहुंचे थे 100 लोग हिंदू संगठनों ने जताया विरोध, वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित
नेपाल में ईसाई धर्म का प्रचार करने गए लोगों की वहां हिंदू संगठनों के सदस्यों से झड़प हो गई। हिंदू संगठनों के सदस्यों ने हाथापायी के बाद ईसाई धर्म प्रचारकों के चेहरे पर कालिख पोतकर उन्हें भारत भेज दिया। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। यद्यपि दैनिक जागरण ऐसे वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
नेपाल के महेशपुर बस पार्क में शनिवार सुबह नौ बजे दो बसों से आए 100 लोगों में महिला, पुरुष व छोटे बच्चों को देखकर पर्यटक समझा गया। बाद में स्पष्ट हुआ कि ये लोग भारत के बंदी बिशुनपुरा, डिगही, मेघौली कला, रेंगहिया, किशुनपुर, ठूठीबारी, मटरा, धमउर, कमता, करदह, जिगनहवा, बोदना गांवों के हैं और ईसाई धर्म अपना लिया है। इनका उद्देश्य नेपाल के सीमावर्ती गांव में ईसाई धर्म का प्रचार और मतांतरण कराना है।
हिंदूवादी संगठनों के जबरदस्त विरोध और हंगामा की सूचना पर महेशपुर सीमा प्रहरी ने सभी का नाम पता नौटकर महराजगंज के ठूठीबारी भेज दिया। महेशपुर प्रहरी पुलिस इंस्पेक्टर गंगा दत्त बाड़ ने बताया कि भारतीयों को सुरक्षित भेजा गया था, आगे क्या हुआ जानकारी नहीं है।
31 अगस्त को भी केरल के महिला, पुरुष व एक बच्चे को संगठन के लोगों ने महेशपुर सीमा प्रहरी कार्यालय को सौंपा था। महराजगंज के पुलिस अधीक्षक सोमेन्द्र मीना ने बताया कि भारतीय क्षेत्र में सख्ती के कारण इधर के लोग नेपाल जा रहे हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित किया जा रहा है।
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