नासा की दूरबीन ने देखा अंतरिक्ष में नया मिनी-चंद्रमा

नए खोजे गए क्षुद्रग्रह का व्यास करीब पांच किमी है, यह करीब 27 किमी चौड़े क्षुद्रग्रह से 201 किमी की दूरी पर स्थित है

Sep 15, 2024 - 21:08
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नासा की दूरबीन ने देखा अंतरिक्ष में नया मिनी-चंद्रमा

नासा की दूरबीन ने देखा अंतरिक्ष में नया मिनी-चंद्रमा 

नए खोजे गए क्षुद्रग्रह का व्यास करीब पांच किमी है, यह करीब 27 किमी चौड़े क्षुद्रग्रह से 201 किमी की दूरी पर स्थित है 

न्यूयार्क नासा के दूरबीन ने एक नए मिनी-चंद्रमा को देखा है। दरअसल पृथ्वी के निकट आने पर कभी कभी क्षुद्रग्रह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फंस कर इसका चक्कर लगाने लगते हैं। इन्हें मिनी चंद्रमा भी कहा जाता है। हाल ही में ऐसा ही एक चंद्रमा दिखा है, जो अब तक अज्ञात था। यह एक चट्टानी पिंड है जो बृहस्पति ग्रह के पास एक छोटे क्षुद्रग्रह का चक्कर लगा रहा है। यह खगोलीय पिंड अमेरिका के मैनहटन से हल्का चौड़ा है। अगर इस चट्टानी उपग्रह की एक चंद्रमा के रूप में पुष्टि हो जाती है तो यह अब तक देखा गया सबसे छोटा चंद्रमा होगा। 

अमेरिकन एस्ट्रोनामिकल सोसायटी के अनुसार क्षुद्रग्रह 2024 पीटी5 सिर्फ 33 फीट लंबा है। खगोलविदों का अनुमान है कि नष्ट होने से पहले यह 29 सितंबर से 25 नवंबर तक पृथ्वी के चक्कर  लगाएगा। इस 'मिनी-मून' की खोज नासा के लूसी मिशन पर काम करने वाले विज्ञानियों ने की है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने लूसी मिशन के तहत कुछ ट्रोजन क्षुद्रग्रह, खगोलीय चट्टानों के दो विशालकाय समूह जो बृहस्पति के चारों ओर स्थित हैं, पर अध्ययन के लिए स्पेस प्रोब को अंतरिक्ष में भेजा है। लूसी प्रोब को 16 अक्टूबर 2021 को लांच किया गया था। बीच में यह मंगल और बृहस्पति के मध्य स्थित क्षुद्रग्रह बेल्ट में कुछ देर के लिए रुकेगा।


सिर्फ पांच किमी चौड़ा मिनी मून तब तक विज्ञानी इन रहस्यमयी क्षुद्रग्रह केबारे में और अधिक अध्ययन कर रहे हैं ताकि यह पता किया जा सके कि प्रोब किस स्थान पर सबसे उपयोगी साबित होगा। नए खोजे गए उपग्रह का व्यास करीब पांच किमी है। यह करीब 27 किमी चौड़े क्षुद्रग्रह से 201 किमी की दूरी पर स्थित है। खोज के समय क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 772 मिलियन किमी दूर स्थित था। किसी भी ठोस प्राकृतिक वस्तु जो किसी ग्रह, क्षुद्र ग्रह का चक्कर लगाती है, के लिए 'चंद्रमा' शब्द का इस्तेमाल किया जा सकता है इसीलिए इसे 'मिनी-मून' कहा जा रहा है।

 खगोलीय अनुसंधान संस्थान हार्वर्ड- स्मिथसोनियन सेंटर फार एस्ट्रोफिजिक्स की शोधकर्ता फेडेरिका स्पोटो ने कहा, 2024 पीटी 5 से विज्ञानियों को उन चट्टानों के बारे में जानकारी मिलेगी जो पृथ्वी के करीब घूमती रहती हैं। इनमें वे भी शामिल हैं जो कभी-कभी पृथ्वी से टकरा जाती हैं। नासा के एस्टेरायड टेरेस्ट्रियल इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम या एटलस ने सात अगस्त को इस क्षुद्रग्रह को खोजा था। नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में सेंटर फार नियर अर्थी आब्जेक्ट स्टडीज के निदेशक पाल चौडास ने कहा कि पृथ्वी का नया मिनी- मून वास्तविक चंद्रमा का छोटा टुकड़ा हो सकता है।

नष्ट होने से पहले यह 29 सितंबर से 25 नवंबर तक पृथ्वी के चक्कर लगाएगा, खोज के समय क्षुद्रग्रह पृथ्वी से 772 मिलियन किमी दूर स्थित था 

अब तक मिले 200 से अधिक चंद्रमा नासा के मुताबिक अब तक सौर मंडल में 200 से अधिक चंद्रमाओं की खोज की जा चुकी है जिसमें क्षुद्रग्रह के चंद्रमा शामिल नहीं है, लेकिन इनकी वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा है। वहीं आज तक अनुमानित कुल 25,000 में से लगभग 11,000 ऐसे क्षुद्रग्रहों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन अभी भी पृथ्वी के निकट की खतरनाक चट्टानें है। शोधकर्ता सिर्फ कुछ पल के लिए ही इसे पिंड को देखने में सक्षम थे इसलिए इसका कक्षीय पथ अनिश्चित है

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