G-20 के विषय पर विशेष चर्चा एक युवा पत्रकार के सवाल और उनके जबाव
G-20 के विषय पर विशेष चर्चा एक युवा पत्रकार के सवाल और उनके जबाव ,G-20 के विषय पर विशेष चर्चा
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सभी को नमस्कार जैसा की जानते हैं G-20 इस बार भारत में सम्मेलन हुआ है 20 देश के प्रतिनिधित्व करने अपने भारत आए हैं भारत में पहले बार मोदी राज्य में यह सबमिट हुआ है और इस सबमिट में भारत के युवा भारत के नागरिक कैसे देखते हैं इस विषय में चर्चा करने के लिए हमारे साथ हैं अभिषेक चौहान जो आईएमटी कॉलेज से पत्रकारिता की जगत में एक अपनी नई पहचान बनाएंगे उनके क्या विचार हैं वह कैसे देखते हैं उनके विचार जानेंगे तो जी 20 सबमिट में जो आपने देखा है अलग-अलग देश के लोग आए हैं तो आप किस तरह देखते हैं
बड़ा ही गौरवान्वित करने वाला एक कार्यक्रम का सकते हैं या सम्मेलन का सकते हैं तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात है की विश्व की जितने भी राष्ट्र अध्यक्ष आपने बताया की 20 देश के राष्ट्रीय अध्यक्ष इसमें सम्मिलित हुए और संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त राष्ट्र संघ के कुछ खास जो अधिकारी हैं जो सर्वोच्च स्त्रियां यहां पर पहुंचे हैं और 20 अन्य देश के आगंतुक यहां पर भारत की इस जी20 सम्मेलन को खास तोर से देखने आए थे साथ में भारत के भी वित्त मंत्री और विदेश मंत्री इसमें शामिल थे सबसे अच्छी बात है की जी-20 सम्मेलन का भारत को क्या फायदा होगा इसमें हमें यह देखना होगा की भारत को जो इसके अध्यक्षता करने का मौका मिला है वह भी बड़ा सराहनीय हुआ और खासकर जो पीएम नरेंद्र मोदी जी ने इसमें भाग लिया और वो अध्यक्ष के तोर पर इसमें सम्मिलित हुए हैं तो इसमें कहना चाहूंगा की भारत विश्व पाताल पर एक नया नई पहचान उसने आज स्थापित की है समापन के तोर पर अगर हम इस कार्यक्रम की पूर्ण सफलता को देखें तो इसमें राष्ट्रीय अध्यक्षों ने जो विदेशी मेहमान आए हुए थे उन्होंने सभी ने एक सकारात्मक फीडबैक दिया उसे उन्होंने बड़ी खुशी जाता की भारत का जो g20 का मोटिव था वह सबसे ही बहुत मतलब अच्छा बताया है की जो विशेष चुनाव उन्होंने की वन अर्थ वन फैमिली और वन फ्यूचर यह एक भारत की ही सोच हो शक्ति है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी इसका नेतृत्व कर रहे थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ विशेष इसमें घोषणा पत्र में विशेष मुद्दों की सहमति के लिए सभी राष्ट्राध्यक्ष से अनुमति मांगी थी और इसमें बताया गया की सबसे महत्वपूर्ण था इसमें की विश्वास शांति स्थापित कैसे हो इसको लेकर उन्होंने जो घोषणा पत्र जारी किया वह सभी के लिए सराहनीय था और सभी ने इसमें खुशी जाहिर करते हुए सहमति व्यक्ति की खुशी की जैसे बात आई है
कांग्रेस और सपा बसपा ये साड़ी जी-20 सबमिट को लेकर आप देख रहे हैं जब से शुरू हुआ है तब से अलग-अलग लोगों के आंकड़े ए रहे हैं अलग-अलग बयान ए रहे हैं की हो गया चलो बाहर निकालो अब सपा का जो अध्यक्ष है उनके अखिलेश यादव उनका बयान आया की मतलब उत्तर प्रदेश में बाकी जगह 5 किलो अनाज में लोग गुर्जर रहे हैं और उन जो विदेशी मेहमान आए हैं उनको 56 भोग लगवाया जा रहे हैं सोनी चांदी के चम्मच में मतलब इस तरह के कोई मेहमान के लिए बोला जा सकता की भारत में अभी भी लो हमेशा से अतिथि देवों को बोला जाता है अतिथियों के लिए अब बताओ उनके लिए ऐसा बोला है 56 हम अतिथियों के लिए अपनी जान दे देते हैं अपने कुछ भी करते हैं ऐसे दिल्ली की जैसे बात करते हैं
दिल्ली में बताते हैं की जो गरीब क्षेत्र है मतलब जहां पे झुग्गी झोपड़ी है तो वहां पे टेंट लगा दिया गया है कुछ ऐसे भी कहते हैं की हमें बाहर नहीं निकाला गया निकाला गया मतलब विदेशी मेहमानों को नहीं दिखाना चाहते की दिल्ली में क्या चीज है तो मैं कहना चाहूंगा की कोई भी किसी के परिवार में भी कोई मेहमान आता है तो हम उन्हें अच्छी चीज दिखाई हैं क्यों क्योंकि हम नहीं चाहते ना की वह हमारी चीज हमें भगवान को हम अच्छी चीज ही देना चाहते हैं ना की वो कुछ गलतियां हैं हमारे हर राज्य में हैं और राज्य अपने स्टार पर उनको दूर कर रहा है पर कब तक करेगा परिवार घरों की बात करते हैं हर राज्य में एक प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत पैसे दिए जा रहे हैं गान वर्माए जा रहे हैं अटल बिहार कुछ अलग योजनाएं हैं उसके लिए किया जा रहा है पर कुछ चीज हैं जिनको समाज को खुद करना पड़ेगा गंदगियों को दूर करना पड़ेगा अभी तत्काल जो समस्याओं को दूर करने के लिए नहीं कर का रहे थे तो उसमें टेंट लगा दिया गया चीजों को नहीं किया और रही ट्रैफिक जाम की बात तो कोई भी हो ट्रैफिक तो जाम तो ना हो आने वाले मेहमानों को समस्या ना हो इसलिए ट्रैफिक को कुछ डायवर्सन किया गया था तो ट्रेन के लिए जैसे मेट्रो ट्रेन की बात हुई थी मेट्रो ट्रेन की बोला था 3 दिन नहीं चलेंगे मेट्रो बाद में चालू किया गया था क्योंकि समझा की इतनी बड़ी अर्थव्यवस्थ में जाते हैं
तो बहुत बड़ा ट्रैफिक का भी चलाना शुरू किया गया था दूसरी बात करते हैं कुछ लोग कहते हैं की 900 करोड़ का खर्चा है जो जी-20 हुआ है है तो इतने में तो चंद्रयान फोन भी लॉन्च हो सकता था 600 करोड़ में साइज चंद्रयान थ्री लॉन्च हुआ था तो इतना बड़ा g20 सबमिट के लिए इतना बड़ा एक बहुत बड़ा अमाउंट है जो की देश में और रोड बनाने में अस्पताल बनाने में शिक्षा व्यवस्था में उसे तरह में लगाया जा सकता था क्या आपको लगता है की उधर की जगह इधर लगा दी कुछ देश का नुकसान तो नहीं हो गया है देखिए इसमें सबसे पहले मैं राजनीति पर बात करना चाहता हूं जो अखिलेश यादव ने बयान दिया है उसमें क्या है की किसी भी देश में अगर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है अगर उसकी व्यवस्था में इतना पैसा लगा कोई बड़ी बात नहीं है यह केवल भारत में ही नहीं अन्य देश जो पहले इसमें इंडोनेशिया में ये इससे पहले भारत से पहले जो सम्मेलन हुआ था उसमें भी लगभग उससे ज्यादा ही खर्चा आया है लेकिन भारत एक व्यवस्था को कम से कम निधि में किस प्रकार से एक अच्छा रूप दे सकता है एक केवल भारत से ही सीखने को मिलता है रही अखिलेश यादव के राजनीति के बाद क्योंकि वह ऐसा करने ही पे और पूरा विपक्ष बौखलाया है इस विषय पर की अधिकता इसकी मोदी ही क्यों कर रहे हैं सबसे जो कहते हैं की उनको चिढ़ हो रही है वह इसी विषय पर है की नरेंद्र मोदी इसकी अध्यक्ष कर रहे हैं और अभी हाल ही में जो 2024 का चुनाव आने वाला है इसमें सर आ सामने ही फायदा सीधे पीएम नरेंद्र मोदी को होने वाला है क्योंकि उनकी जो नेतृत्व की क्षमता उन्होंने आ भारतीय लोगों ने आज अच्छी है ऐसे जी-20 सम्मेलन के दौरान तो वह बड़ा ही एक अच्छा प्रभाव भारत में जमा हुई हैं रही दूसरी बात आपने जो मेट्रो स्टेशन की कहीं उसमें जी-20 सम्मेलन की जो सिक्योरिटी थी आ उसमें यह लक्ष्मी उनको बैंड करना इसलिए आवश्यकता क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष जो बाहरी विदेशी मेहमान आए हुए थे उनकी सुरक्षा का सवाल था भारत में जो चलती है वह चलती है सभी की जो भी चल रही है रोज चलती है अब 3 दिन इतने मतलब राष्ट्र की खातिर कोई आम व्यक्ति नहीं दे सकता क्या तीन दिन छुट्टी कंपनी के लेकर के व्यक्ति क्या अपने राष्ट्र ये भी एक देश सेवा है इसमें सेवा है और इसमें कोई ज्यादा बड़ा विषय नहीं है वैसे भी हमारे घर में कोई मेहमान आता तो हम छुट्टी लेते हैं कहानी खेत पे होते हैं कहानी ऑफिस में हम लेते हैं छुट्टी क्योंकि अति देवों भाव जो कोई मेहमान आया हमारे घर पे तो उसके लिए हम थोड़ा समय तो दे सकते हैं
की इतने पैसे में तो की फिल्म इंडस्ट्री या कोई चंद्रयान थ्री लॉन्च हो जाता देखिए इतने बड़े कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्योत चंद्र नंदिनी लॉन्च किया उसके बाद आदित्य एल्बम लॉन्च किया तो वह तो सरल अंतरिक्ष में एक अलग बजट है रही कार्यक्रम की बात तो इस कार्यक्रम में इतना होना था और यह ज्यादा बड़ा विषय नहीं है यहां पर सवाल उठाता है की विपक्ष ऐसे क्वेश्चन को ऐसे प्रश्न को वो फिल्म इंडस्ट्री की और फिल्म इंडस्ट्री को क्यों नहीं पूछता क्योंकि वह एक काल्पनिक सारे जो गतिविधि एक कहानी बनाते हैं उसमें पैसा ना खर्च करके अगर वो देश के लिए उपयोग किया जाए तो कितना अच्छा रहेगा प्रधानमंत्री मोदी ने सरासर यही किया है की उसे पैसे को देश के लिए ही लगाया है और जो दिल्ली में एक भाव एक रूप देखने को मिला है वह केवल तीन दिन का नहीं था वो अभी अस्थाई रूप से उसको संचालित किया जा रहा है पीएम नरेंद्र मोदी ने यह आदेश दिया है की जो भी अभी ये यहां पर इसके साथ सजा हुई है यह स्थानीय स्थाई तोर पर इसको दिल्ली में प्रयोग किया जाएगा और आगे भी यही खर्चा जो एक बार ग गया है लेकिन वो आने वाले समय तक हमको फायदा देगा इसी बात को लेकर के बस वैसे भी वैसे भी किसी भी कम को मोदी जी जब करते हैं तो बहुत दूर गामी सोच रखते हैं वह आज भले लोगों को बड़ा लगता हो उन्होंने लोग डॉ जो लगाया था वह भी बहुत समय अगर वो लोग डॉ उसे समय नहीं लगता तो कितनी बड़ी संख्या में कॉविड फेल सकता था तो मोदी जो भी करते हैं बहुत सोच समझकर करते हैं उनकी कैबिनेट के मंत्री जो है पहले मंत्री किस तरह के होते थे परिवार के लोग होते थे 10 आसन कर बार सांसद लिए पांच बार सांसद उनको मंत्री बना दिया आज के मंत्री इस ऑफिसर हैं बड़े-बड़े कंपनियां के मलिक हैं और पढ़ाई करके आए हैं डॉक्टर जो है एमबीबीएस करके उन्हें को स्वस्थ मंत्री बनाया गया है जो ऐसे व्यक्ति इस ऑफिसर रहे हैं वह एक समाज की लिए अच्छा ही सोचेंगे तो मेरा अपना जो है की अखिलेश अपने राज्य सरकार उसके शहर में अपना उनका कटाक्ष करने का बंता है वह करें
ऐसे कौन बोलना है की बताओ वहां के लोग इस तरह बोलते हैं की चलो हो गया बाहर निकालो तो इस तरह
900 करोड़ यह इन्वेस्ट हुआ है आने वाले समय में यही देश के लोग हमको चीज महिया कराएंगे यह तो सब ठीक है जी-20 सम्मेलन युद्ध चल रहा है और सभी देश के लोग यूक्रेनी युद्ध पे रॉक राय या यूं यूं करण युद्ध ना हो इस पर कोई बात क्यों नहीं हुई इस पे बात हनी चाहिए यू कैन एक भारत में चीजों को महिया कर रहा है अमेरिका भी चीजों को युद्ध लड़ने के लिए और रहस्य सामग्रीज को भारत भी काफी बार पहुंच चुका है आ भारत के बच्चे भी यूक्रेन में पढ़ाई के लिए नहीं जा पे हैं तो भारत को भी नुकसान हो रहा है की उनकी पढ़ाई रुक रही है तो यूक्रेन को इस पर चर्चा करनी चाहिए की वहां पर युद्ध रुक और शांति कायम हो इसमें देखेंगे तो जी-20 में जो सबसे पहले घोषणा पत्र में जो बात कहीं गई है वह विश्व शांति का यही है विश्व शांति में की एक दूसरे देश में युद्ध ना हो इस विषय को लेकर प्राथमिकता दर्ज की गई अब इसमें बात करें नरेंद्र मोदी जिंदगी की पीएम मोदी का बयान किया था g20 सम्मिट में तो उन्होंने जो बात वोटिंग को कहीं थी और उसके जो राष्ट्रपति हैं तो उन्होंने वही बात दोहरे उसे जी-20 की बैठक में की युद्ध किसी भी देश का एक अंतिम फैसला नहीं हो सकता वह एक अंतिम निर्णय नहीं होना चाहिए क्योंकि युद्ध से देश का ही नुकसान है उसकी आर्थिक स्थिति उसके जो साड़ी का सकते हैं जीडीपी वह सभी को खतरा है और उसकी खासकर देश की जनता को खतरा है अब इसमें बात करें युद्ध रोकने की तो जी-20 में प्रधानमंत्री मोदी ने यही एक प्राथमिकता लेकर के इसमें विषय रखा है विश्व के सामने जितने थे उसमें सभी ने यह सहमति जताई की हां ये गलत हो रहा है
तो इसी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुत प्राथमिकता जताई है और उसमें आ विभिन्न देश के राष्ट्रीय अध्यक्षों से जो अलग विषय चर्चा हुई और हो ना हो मेरा अनुमान है की यह विषय प्राथमिकता से बिल्कुल इसमें रखा गया है और कुछ ही समय में इसका प्रभाव उसे युद्ध को रोकने के लिए देखा जाएगा क्योंकि अभी जी-20 समित समापन हुआ है और इसमें जो है घोषणा पत्र जारी किया था उसके समीक्षा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 23 नवंबर जो तारीख ते की है उसमें उसकी समीक्षा की जाएगी इसलिए उन्होंने नरेंद्र मोदी ने सभी राष्ट्रीय अध्यक्षों को कहा है की इसको प्राथमिकता से ले आपके जवाब से मां लूं की आने वाले समय में सी का बजट कम कर दिया जाएगा क्योंकि सी को बंदूक गोलियां बारूद कम खरीदी पड़ेगी क्योंकि शांति कायम के लिए अलग-अलग देश के लोगों ने समीक्षा की है हथियारों की तो वह तो एक देश के एक प्राथमिकता हनी चाहिए क्योंकि स्वयं रक्षा का भी एक आ विषय होता है यह जरूरी नहीं की वह युद्ध के लिए रखें जैन एक अपनी जो राष्ट्रीय सुरक्षा है उसके तहत हमको अपने कुछ हथियार कुछ ये तो पहले से ही आता है तो और लेने की जरूर भी नहीं है और वैसे भी एक नई बोर्ड शुरू हो गई है टेक्नोलॉजी के द्वारा अब कौन कितनी जल्दी आदमी कौन से देश पर आक्रमण कर रहा है सर्वर डॉ हो जा रहे हैं अब एक नया वो भी चल गया की कौन चंद्रमा पे पहले पहुंच रहा है जैसे अपना चंद्रकांतरि जान वाला था इसी समय हर देश एक चाहता की हमारा सैटेलाइट हमारा चंद्रयान हमारा हम सबसे ऊपर हो तो यह भी एक युद्ध है यह गौर से लेकर अब यह एक नई टेक्नोलॉजी बर होने शुरू हो गई है अब दूसरी बात करते हैं पाकिस्तान पाकिस्तान
देखिए आतंकवादी हैं तारों के नीचे से से जाते हैं तो उन पर रोक नहीं पाएगी बाकी पाकिस्तान आर्मी उसे पे रॉक लगा पाएगी नहीं उसे पर क्या आप कहना चाहेंगे देखिए बिल्कुल लगेगी अभी क्या है की चीन के झांसी में जो पाकिस्तान ए रहा है वह उसके पाटन का करण है अब इसमें देखिए तो जी-20 में यह सभी देश सम्मिलित है इसमें सभी को आ आमंत्रण पत्र दिया गया था लेकिन चीन और पाकिस्तान रूस और यूक्रेन यह इसमें सम्मिलित नहीं हो पे और इसका परिणाम उनको आने वाले समय में मेरे हिसाब से भुगतना ही पड़ेगा खासकर पाकिस्तान को क्योंकि वह चीन के बहकावे में आकर के अपना पूरा देश से ही इसको लूटने के लिए का कार्य पर है यह इसका भविष्य बिल्कुल खराब दिखता है नजर ए रहा है मुझे आप धमकी दे रहे हैं खुलेआम पाकिस्तान को नहीं है उसके जो स्थिति में इतना अच्छा मौका था उसको एक विश्व पाताल पर अपना नाम दर्ज करने के लिए लेकिन वह इस g20 सम्मेलन में नहीं ए पाया तो वह उसने बहुत बड़ी गलती की है खासकर चीन के चक्कर में और चीन के खुद प्रधानमंत्री यहां पर लिक यंग पहुंचे थे लेकिन पाकिस्तान को पहुंचाना चाहिए था इस सम्मेलन में उसका एक कम से कम नाम पता होता आपके सवाल से लखनऊ की आप मैच देख के ए रहे हैं मैच में भी इंडिया ने बहुत अच्छे रन बनाए हो पाकिस्तान को बहुत अच्छी हर मिलेगी इसी सवाल के साथ नमस्कार हम कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए नमस्कार
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